Health

दुनिया भर में प्रतिवर्ष हेपेटाइटिस-ई वायरस से संक्रमित होते हैं 2 करोड़ से अधिक लोग
हेल्थ डेस्क। हेपेटाइटिस-ई का संक्रमण जच्चा बच्चा की जान ले सकता है। दुनिया भर में प्रतिवर्ष 2 करोड़ से अधिक लोग हेपेटाइटिस-ई वायरस से संक्रमित होते हैं। यह वायरस लिवर (यकृत/जिगर) पर आक्रमण करता है। पहली बार 1978 में कश्मीर की घाटियों में इस वायरस का पता लगा था। इस संक्रमण से लिवर फेल हो सकता है जिससे रोगी की मृत्यु हो सकती है। ऐसे मरीजों की चिकित्सा ऐसे केन्द्रों में करना आवश्यक हो जाता है जहां लिवर ट्रांसप्लांट (प्रत्यारोपण) की सुविधा उपलब्ध हो। लिवर फेलर के मामले में लिवर ट्रांसप्लांट ही रोगी को बचाने का एकमात्र तरीका होता है।हेपेटाइटिस-ई का वायरस मानव मल के द्वारा फैलता है। इसलिए साफ पेयजल, भोज्य पदार्थों (सब्जी-भाजी) की स्वच्छता एवं हाथों की स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए। हेपेटाइटिस-ई वायरस से संक्रमित होने के बाद इसके लक्षण कुछ सप्ताह या महीने में उभर सकते हैं। कभी कभी इसके कोई विशेष लक्षण सामने नहीं आते और रोगी अपने आप 6 से 8 सप्ताह में स्वस्थ हो जाता है। कुछ मरीजों में बुखार, चक्कर आना, उल्टियां होना, आंखों में पीलापन, भूख न लगना, थकान महसूस होना, पेट में दर्द होना शामिल है। हेपेटाइटिस-ई एक आरएनए वायरस है। इसके चार जीनोटाइप पाए जाते हैं। एशिया में जीनोटाइप-1 के ही मामले ज्यादातर सामने आते हैं। यह गर्भावस्था के दौरान ज्यादा परेशान कर सकता है। गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में संक्रमण गर्भवती तथा गर्भस्थ शिशु की मृत्यु का कारण बन सकता है।
गर्भावस्था के दौरान भ्रूण के विकास के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता एवं हारमोन में कुछ परिवर्तन होते हैं। इसके चलते गर्भवती के संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में हेपेटाइटिस-ई का संक्रमण होने पर स्थिति गंभीर हो सकती है। संक्रमित मरीजों में से 15 से 25 फीसद रोगियों की मृत्यु हो जाती है। 15 से 60 फीसदी मरीजों में एक्यूट लिवर फेल्यर की स्थिति बन सकती है। ऐसी स्थिति में कैडेवेरिक लिवर (शव का जिगर) प्रत्यारोपित किया जा सकता है। पर यह उपलब्ध नहीं होने पर परिवार के किसी भी स्वैच्छिक दानदाता के लिवर का एक हिस्सा निकालकर प्रत्यारोपण किया जा सकता है। ऐसे मरीजों की चिकित्सा केवल ऐसे ही संस्थानों में सफलतापूर्वक की जा सकती है जहां लिवर ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध हो।