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अंगदान के लिए एसओपी बनाए जाने की आवश्यकता : एम्स

अंगदान के लिए एसओपी बनाए जाने की आवश्यकता : एम्स

रायपुर। अंगदान और अंग प्रत्यारोपण को लेकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें देशभर के प्रमुख विशेषज्ञों ने देश में बढ़ती अंग प्रत्यारोपण की मांग को देखते हुए एक प्रक्रिया (एसओपी) बनाए जाने की जरूरत पर बल दिया जिससे चिकित्सकों, रोगियों, अंगदान करने वालों और अंग प्रत्यारोपण कराने वालों को सुनिश्चित प्रक्रिया के बारे में अवगत कराया जा सके।

नर्सिंग ऑफिसर्स एसोसिएशन ऑफ एम्स के तत्वावधान में यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी और नेत्र रोग विभाग के चिकित्सकों ने कार्यशाला में अंगदान के विभिन्न बिंदुओं पर विस्तार से जानकारी प्रदान की। निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने कहा कि देश में बढ़ती जनसंख्या के साथ लाखों रोगियों को अंग प्रत्यारोपण की आवश्यकता पड़ रही है। समाज में जागरूकता फैलाकर अंगदान के प्रति सकरात्मक नजरिया अपनाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि एम्स में किडनी और कॉर्निया ट्रांसप्लांट के बाद लीवर और बोनमैरो के प्रत्यारोपण की सुविधा भी प्रदान करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।

कार्यशाला में अंगदान के विभिन्न पहलुओं, आवश्यकता, अनुशंसा और अनुमति की प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्रदान की गई। साथ ही अंगदाता को प्राप्त अधिकार और विशेष सुविधाओं पर भी प्रकाश डाला गया। बांबे हॉस्पिटल, इंदौर के उप-चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अमित जोशी ने मृतक के अंगदान के विधिक पक्ष की जानकारी दी। एम्स दिल्ली के न्यूरोसर्जरी विभाग के डॉ. दीपक गुप्ता ने ब्रेन डैड रोगी के अंगदान के बारे में बताया। मोहन फांउडेशन के डॉ. सुनील श्रॉफ ने ऑर्गन डोनेशन की प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्रदान की। डॉ. विजया साहू ने कॉर्निया प्रत्यारोपण के बारे में बताया।

कार्यशाला में 400 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस अवसर पर दो किडनी दानदाताओं को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में अधिष्ठाता (शैक्षणिक) प्रो. आलोक चंद्र अग्रवाल, उप-निदेशक (प्रशासन) अंशुमान गुप्ता, डॉ. अमित शर्मा, डॉ. विनय राठौर, डॉ. बीनू मैथ्यू, एसोसिएशन के विशोक एन., बंटी कुमार, जसीम पी, अर्पित कुमार शर्मा आदि ने भी भाग लिया।

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