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51 साल बाद बन रहा चैत्र नवरात्रि में यह खास संयोग, जाने माता को प्रसन्न करने मंत्र और शुभ मुहूर्त

51 साल बाद बन रहा चैत्र नवरात्रि में यह खास संयोग, जाने माता को प्रसन्न करने मंत्र और शुभ मुहूर्त

Date : 19-Mar-2023

न्युज डेस्क (एजेंसी)। शक्तिस्वरुपा के अराधना का पर्व चैत्र नवरात्र 22 मार्च से शुरू हो रहा है। नवरात्र का हिन्दुओं के लिए खासा महत्व है। चैत्र नवरात्र 22 मार्च से शुरू होकर 30 मार्च 2023 को समापन होगा। ज्योतिष की मानें तो इस बार मां दुर्गा नौका पर सवार होकर आएंगी और हाथी पर सवार होकर जाएंगी। मां दुर्गा के नौकों पर आगमन को कष्टों से मुक्ति का द्योतक बताया जा रहा है। तो हाथी पर विदाई अच्छी बारिश के संकेत हैं। नौ दिनों तक मां के नौ अलग-अलग स्वरुपों की अराधना की जाएगी।

 यह नवरात्र लगभग 51 साल बाद ब्रह्म योग, इंद्र योग और शुक्ल योग के त्रि-योग में नवरात्र का शुभारंभ हो रहा है। नवरात्र का शुभारंभ बुधवार को होने के चलते अभिजीत मुहूर्त नहीं पड़ेगा।

चैत्र नवरात्र के 9 दिनों में चार सर्वार्थ सिद्धि, चार रवि योग, दो अमृत योग, दो राजयोग और एक-एक द्विपुष्कर व गुरु पुष्य का संयोग बन रहा है। 30 मार्च को महागौरी पूजन व रामनवमी पर पुष्य योग का दुर्लभ योग रहेगा। रवि पुष्य नक्षत्र के साथ सर्वार्थसिद्धि योग और योग भी बनेंगे। इसके चलते यह चैत्र नवरात्र लोगों के लिए खास होने जा रहा है। इस बार नवरात्र में ग्रह नक्षत्रों का दुर्लभ संयोग देखने को मिल रहा है। मीन में सूर्य और बुध की युति से बुधादित्य योग बन रहे हैं।

चैत्र नवरात्रि पूजन विधि

कलश स्थापना के दिन सूर्योदय से पहले उठें और स्नान करके साफ कपड़ा धारण करें। उसके बाद एक साफ स्थान पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर माता रानी की प्रतिमा स्थापित करें। इस कपड़े पर थोड़े चावल रखें। एक मिट्टी के पात्र में जौ बो दें। इस पात्र पर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें। कलश पर स्वास्तिक बना कर इस पर कलावा बांधें।

कलश में साबुत सुपारी, सिक्का और अक्षत डालकर अशोक के पत्ते रखें। एक नारियल लें और उस पर चुनरी लपेटकर कलावा से बांधें। इस नारियल को कलश के ऊपर पर रखते हुए देवी दुर्गा का आवाहन करें। इसके बाद दीप आदि जलाकर कलश की पूजा करें। नवरात्रि में देवी की पूजा के लिए सोना, चांदी, तांबा, पीतल या मिट्टी का कलश स्थापित किया जाता है।

मां शक्तिस्वरुपा के नौ स्वरूपों की किस दिन होगी पूजा?

1- नवरात्रि पहला दिन 22 मार्च 2023 दिन बुधवार: मां शैलपुत्री पूजा (घटस्थापना)
2- नवरात्रि दूसरा दिन 23 मार्च 2023 दिन गुरुवार: मां ब्रह्मचारिणी पूजा
3- नवरात्रि तीसरा दिन 24 मार्च 2023 दिन शुक्रवार: मां चंद्रघंटा पूजा
4- नवरात्रि चौथा दिन 25 मार्च 2023 दिन शनिवार: मां कुष्मांडा पूजा
5- नवरात्रि पांचवां दिन 26 मार्च 2023 दिन रविवार: मां स्कंदमाता पूजा
6- नवरात्रि छठवां दिन 27 मार्च 2023 दिन सोमवार: मां कात्यायनी पूजा
7- नवरात्रि सातवं दिन 28 मार्च 2023 दिन मंगलवार: मां कालरात्रि पूजा
8- नवरात्रि आठवां दिन 29 मार्च 2023 दिन बुधवार: मां महागौरी
9- नवरात्रि 9वां दिन 30 मार्च 2023 दिन गुरुवार: मां सिद्धिदात्री

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