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देश के इस शहर में कभी भी लग सकता है लॉकडाउन
नई दिल्ली (एजेंसी)। चीन के एक शहर में कोरोना नहीं बल्कि एक अन्य बीमारी की वजह से लॉकडाउन लगाया जा सकता है। शीआन शहर ने इन्फ्लूएंजा फैलने की स्थिति में लॉकडाउन के उपयोग पर विचार करने का एलान किया है। घोषणा के बाद लोगों ने इसका विरोध भी शुरू कर दिया है। महामारी के दौरान, चीन ने दुनिया के कुछ सबसे कड़े प्रतिबंधों को लागू किया था। कुछ शहरों में तो महीनों तक जारी रहने वाले लॉकडाउन लगाए गए थे।
चीन में इन्फ्लूएंजा के मामलों में पिछले एक हफ्ते में अचानक वृद्धि हुई है। सबसे ज्यादा असर उत्तर-पश्चिमी शहर शीआन में देखने को मिला है। शीआन की आबादी लगभग 1.3 करोड़ है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, लगातार छह हफ्तों से पॉजिटिविटी रेट में बढ़ोतरी जारी है। ब्लूमबर्ग के अनुसार, चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने कहा कि फ्लू की पॉजिटिवीटी रेट पिछले सप्ताह के 25.1 फीसदी से बढ़कर इस सप्ताह 41.6 फीसदी हो गया है।
जब चीन में कोरोना के मामले कम हो रहे हैं, फ्लू के मामले बड़ी संख्या में लोगों को बीमार कर रहे हैं। बच्चों के बीमार पड़ने और एंटीवायरल दवा की कमी के कारण चीन भर के कई स्कूलों ने कक्षाओं को निलंबित कर दिया है। वहीं सबसे ज्यादा प्रभावित शहर शीआन ने संक्रमण में वृद्धि को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाने की घोषणा की है।
यह लॉकडाउन कैसा होगा?
शीआन शहर में लगने वाला लॉकडाउन ठीक वैसा ही है जैस कोरोना पर अंकुश लगाने के लिए इस्तेमाल किया गया था। इसमें स्थिति की गंभीरता को देखते हुए चार चरणों में पाबंदियों को लगाने की योजना है। सामुदायिक प्रसार खतरनाक स्तर पर पहुंचने की स्थिति में लॉकडाउन लगाए जाने की बात कही गई है। हालांकि, लॉकडाउन कई मायनों में स्वैच्छिक भी होगा।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्थिति खराब होने पर शहर के अधिकारी संक्रमित क्षेत्रों को बंद कर सकते हैं, यातायात क्वारंटीन किया जा सकता है और उत्पादन और व्यावसायिक गतिविधियों को निलंबित किया जा सकता है। इसके बाद भीड़भाड़ वाले स्थान जैसे शॉपिंग मॉल, थिएटर, पुस्तकालय, संग्रहालय, पर्यटन केंद्र आदि बंद होंगे।
इस आपातकालीन स्तर पर, सभी स्तरों पर स्कूलों और नर्सरी को बंद कर दिया जाएगा। इसके अलावा छात्रों और शिशुओं की स्वास्थ्य स्थितियों पर नजर रखने की जिम्मेदारी भी इन्हीं की होगी।