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पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को निष्पक्ष और शांतिपूर्वक संपन्न कराने 15 विशेष पर्यवेक्षकों की नियुक्ति
नई दिल्ली (एजेंसी)। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को निष्पक्ष और शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए 15 विशेष पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चन्द्र ने इन विशेष पर्यवेक्षकों के साथ ब्रीफिंग की और उन्हें आयोग के दिशा निर्देशों से अवगत कराया। ज्ञातव्य है कि गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं।
क्या करेंगे यह पर्यवेक्षक
चुनावी मशीनरी द्वारा किए जा रहे कार्यों की निगरानी करेंगे।
खुफिया सूचनाओं और शिकायतों पर सख्त एवं प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।
स्वतंत्र, निष्पक्ष और मतदाताओं के अनुकूल चुनाव सुनिश्चित कराएंगे।
जमीनी स्तर पर आयोग की आंख और कान के रूप में समूची चुनाव प्रक्रिया की निगरानी करेंगे।
देखें किस राज्य में किसे बनाया गया पर्यवेक्षक,…
गोवा :
मंजीत सिंह, रिटायर्ड आईएएस, विशेष सामान्य पर्यवेक्षक, सोमेश गोयल, रिटायर्ड आईपीएस, विशेष पुलिस पर्यवेक्षक।
मणिपुर :
प्रवीर कृष्ण, रिटायर्ड आईएएस, विशेष सामान्य पर्यवेक्षक, अरुण कुमार, रिटायर्ड आईपीएस, विशेष पुलिस पर्यवेक्षक, राजेश टुटेजा, रिटायर्ड आईआरएस, विशेष व्यय पर्यवेक्षक।
पंजाब :
विनोद जुत्शी, रिटायर्ड आईएएस, विशेष सामान्य पर्यवेक्षक, रजनी कांत मिश्रा, रिटायर्ड आईपीएस, विशेष पुलिस पर्यवेक्षक, सुश्री हिमालिनी कश्यप, रिटायर्ड आईआरएस, विशेष व्यय पर्यवेक्षक।
उत्तराखंड :
राम मोहन मिश्र, रिटायर्ड आईएएस, विशेष सामान्य पर्यवेक्षक, अनिल कुमार शर्मा, रिटायर्ड आईपीएस, विशेष पुलिस पर्यवेक्षक, सुश्री मधु महाजन, रिटायर्ड आईआरएस, विशेष व्यय पर्यवेक्षक।
उत्तर प्रदेश :
अजय नायक, रिटायर्ड आईएएस, विशेष सामान्य पर्यवेक्षक, दीपक मिश्र, रिटायर्ड आईपीएस, विशेष पुलिस पर्यवेक्षक, बी. मुरली कुमार, रिटायर्ड आईआरएस, बी. आर.बालकृष्णन, रिटायर्ड आईआरएस, मुरली कुमार और बालकृष्णन दो विशेष व्यय पर्यवेक्षक होंगे।
वित्त मंत्री सीतारमण ने अच्छा बजट पेश किया : पीएम मोदी
नई दिल्ली (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आम बजट को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे हैं। आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था कार्यक्रम के तहत पीएम मोदी कार्यकर्ताओं को बजट के फायदे समझा रहे हैं। पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तारीफ की। मोदी ने कहा कि कल निर्मला जी ने बहुत ही खूबसूरती से, बहुत ही अच्छे ढंग से बजट के कुछ पहलुओं को हमारे सामने रखा है। बजट स्पीच में पूरा बजट संभव नहीं होता है क्योंकि बजट में बहुत बड़ा दस्तावेज होता है, बारीकियां होती हैं और सदन में ये सब बोलना संभव भी नहीं होता है।
पीएम मोदी ने कहा कि इस समय 100 साल में आई सबसे बड़ी वैश्विक महामारी से देश लड़ रहा है। कोरोना का ये कालखंड दुनिया के लिए अनेक चुनौतियां लेकर आया है। दुनिया उस चौराहे पर आकर खड़ी हो गई है, जहां टर्निंग प्वाइंट निश्चित है। आगे जो दुनिया जो हम देखने वाले हैं, वो वैसी नहीं होगी, जैसी कोरोना से पहले थी।
पीएम मोदी से पहले भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कार्यक्रम को संबोधित किया। नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का हमेशा हमें समय-समय पर मार्गदर्शन मिलता रहा है। अमृत काल, आने वाले 25 वर्ष में नए भारत की नींव रखने का जो संकल्प है, उसे पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री जी ने जो कार्यरूप दिया है, वो देश को विकास की नई ऊंचाई पर ले जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री जी की रुचि पार्टी के प्रति हमेशा रही है। पार्टी को दिशा देने में उनका सहयोग हमें हमेशा मिलता रहा है। कोरोना काल मैं जब सभी पार्टियां लुप्त हो गई थीं, तब प्रधानमंत्री जी ने हमें सेवा ही संगठन अभियान के तहत दिशा दी। और संक्रमण से लड़ने के लिए हमारा मार्गदर्शन किया।
बजट नया विश्वास लेकर आया
इससे पहले, मंगलवार को बजट पेश होने के बाद पीएम मोदी ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी। पीएम मोदी ने बजट को आमजन के अनुकूल और प्रगतिशील करार देते हुए कहा कि 100 साल की भयंकर आपदा के बीच यह बजट विकास का नया विश्वास लेकर आया है। मोदी ने कहा था कि यह बजट, अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ ही सामान्य जन के लिए अनेक नए अवसर बनाएगा।
दंगा कराने की साजिश को लेकर आ रही दो लड़कों की जोड़ी : सीएम योगी
हापुड़ (एजेंसी)। यूपी के हापुड़ में पिलखुआ के रामलीला मैदान में आयोजित प्रभावी मतदाता संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश और जयंत चौधरी का नाम लिए बिना कहा कि दो लड़कों की जोड़ी प्रदेश में आ रही है। यह दंगा कराने की साजिश के लिए आ रही है। पिछले पांच साल से अपने बिलों में घुसे दंगाई अब बाहर आकर गर्मी दिखा रहे हैं, इनकी गर्मी 10 मार्च को पूरी तरह निकल जाएगी।
इससे पहले उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में धौलाना के योगदान को याद करते हुए कहा कि भारत के प्रथम स्वतंत्रता समर में धौलाना के क्रांतिकारियों ने जो बलिदान दिया उसे भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा सरकार की सोच परिवारवादी और कार्य दंगावादी था। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अंदर आपको यह फर्क स्पष्ट देखने को मिलता होगा।
2017 से पहले कोई सुरक्षित नहीं था, बेटियां स्कूल नहीं जा पाती थीं, अराजक मंजर था। विकास की योजनाएं ठप पड़ी थीं। गरीबों को शासन की योजनाएं नहीं मिल पाती थीं। विकास का पैसा इत्र वाले के घर में दीवारों के पीछे कैद हो जाता था। मुजफ्फरनगर के दंगे, सहारनपुर का दंगा, बरेली मुरादाबाद रामपुर और यहां तक कि लखनऊ में मुख्यमंत्री की नाक के नीचे भी दंगे हुआ करते थे। लेकिन दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती थी। सपा सरकार इस संवेदना दंगाइयों के साथ थी, दंगा पीड़ितों के साथ नहीं।
एक बार फिर सीएम ने मुजफ्फरनगर के गौरव और सचिन की हत्या का भी जिक्र करते हुए कहा कि सपा के संरक्षण में पलने वाले गुंडों ने सचिन और गौरव की निर्मम हत्या की थी। उन्होंने कहा इन लोगों ने वैक्सीन एवं खाद्यान्न के मामले में गरीबों को गुमराह करने का प्रयास किया। आज 26 करोड़ वैक्सीन डोज लगाने वाला प्रदेश देश में पहले नंबर पर है। उन्होंने कहा कि नौजवानों के लिए नौकरी निकलती थी तो चाचा भतीजा वसूली के लिए निकलते थे। पारदर्शिता के साथ यूपी के नौजवानों को नौकरी मिल रही है।
हर समस्या का समाधान जो दे वही सरकार है। नौजवानों की रोजगार की समस्या का समाधान, महिलाओं की सुरक्षा की समस्या का समाधान हो सके। जो अपने समय में बिजली नहीं दे सके, अब बिजली फ्री देने की बात कर रहे हैं। उन्होंने धौलाना विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी धर्मेश तोमर के पक्ष में वोट करने की अपील लोगों से की।
अब इस सरकारी कंपनी के मालिक होंगे रतन टाटा, 12 हजार करोड़ रूपए का होगा सौदा
नई दिल्ली (एजेंसी)। एयर इंडिया के बाद रतन टाटा के हाथों एक और सरकारी कंपनी लगने वाली है। सरकार ने नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (एनआईएनएल) को टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स को बेचने की मंजूरी दे दी। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 93.71% शेयरों के लिए टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स की उच्चतम बोली को मंजूरी दी है। सौदा करीब 12,100 करोड़ रुपए को होगा। एनआईएनएल चार सीपीएसई और ओडिशा सरकार के दो राज्य सार्वजनिक उपक्रमों का जॉइन्ट वेंचर है।
सरकारकी कंपनी में इक्विटी नहीं
सरकार की कंपनी में कोई इक्विटी नहीं है। NINL 4 CPSE – MMTC, NMDC, BHEL, MECON और 2 ओडिशा सरकार के PSU – OMC और IPICOL का संयुक्त उद्यम है।
कंपनी के ऊपर भरी कर्ज और देनदारियां
एनआईएनएल का कलिंगनगर, ओडिशा में 1.1 एमटी की क्षमता वाला एक एकीकृत इस्पात संयंत्र है। कंपनी भारी घाटे में चल रही है और संयंत्र 30 मार्च, 2020 से बंद है। कंपनी पर पिछले साल 31 मार्च को ₹6,600 करोड़ से अधिक का भारी कर्ज और देनदारियां हैं, जिसमें प्रमोटरों (4,116 करोड़ रु.), बैंकों (1,741 करोड़ रु.), अन्य लेनदारों और कर्मचारियों का भारी बकाया शामिल है। बयान में कहा गया है कि 31 मार्च 2021 तक कंपनी की संपत्ति नेगेटिव 3,487 करोड़ रु.और संचित घाटा 4,228 करोड़ रु.था। बयां में कहा गया है कि लेन-देन एक खुले बाजार, कंपनी के उद्यम मूल्य के लिए प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से किया गया, इसमें 31.3.2021 को कंपनी की देनदारियां और 6 बेचने वाले पीएसई शेयरधारकों द्वारा कंपनी की 93.71% इक्विटी शामिल है।
आम लोगों के लिए है यह बजट, क्रिप्टो को लेकर भी ऱखी अपनी बात, आरबीआई जारी करेगी डिजिटल करेंसी : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
नई दिल्ली (एजेंसी)। देश का बजट पेश करने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि इस बजट में आम लोगों का ध्यान रखा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश हैं कि कोरोना काल में लोगों पर बोझ न बढ़े, इसलिए 2 साल से टैक्स नहीं बढ़ाया गया है। यह लोगों के लिए सबसे बड़ी राहत की बात है।
दरअसल, देश का मध्य वर्ग एक बार फिर इंतजार करता रह गया। बजट में टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीद लगाए बैठे मिडिल क्लास को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट से कुछ नहीं मिला है। इस पर जब उनसे पूछा गया कि मिडिल क्लास को टैक्स में छूट क्यों नहीं दी गई? इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि पिछली बार प्रधानमंत्री का निर्देश था कि घाटा कितना भी क्यों न हो। कोरोना महामारी के समय जनता के ऊपर टैक्स का बोझ नहीं डालना है। पीएम के वही दिशा निर्देश इस बार भी बजट में फॉलो किए गए हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि महामारी के बावजूद सरकार ने जनता से टैक्स के जरिए एक भी पैसा नहीं लिया। यानी महामारी के दौरानमांग और चुनौतियों होने के बावजूद केंद्र सरकार ने टैक्स के जरिए किसी भी तरह की राहत ढूंढने का प्रयास नहीं किया।
‘आजतक’ के सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि विनिवेश को लेकर सरकार की मंशा प्रगतिशील है। योजना के मुताबिक एलआईसी का विनिवेश किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने बताया कि LIC का आईपीओ लाने की पूरी तैयारी है। वहीं, उन्होंने कहा कि एयर इंडिया के विनिवेश की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
वित्त मंत्री ने प्रस्तावित डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया डिजिटल करेंसी जारी करेगा। अभी के लिए क्रिप्टो और क्रिप्टो संपत्ति क्या हैं, इस पर कोई चर्चा नहीं हुई। हितधारकों के साथ विचार-विमर्श चल रहा है। डिजिटल संपत्ति का विवरण परामर्श के बाद आएगा।
लोकसभा में पेगासस पर हंगामे के आसार, धन्यवाद प्रस्ताव पर सबसे पहले बोलेंगे राहुल
नई दिल्ली (एजेंसी)। लोकसभा में बुधवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर चर्चा की शुरुआत होगी। विपक्ष की ओर से सबसे पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बोलेंगे। वे बहुचर्चित पेगासस मामला उठा सकते हैं। इस पर हंगामे के आसार हैं।
धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के लिए लोकसभा में विपक्ष को 12 घंटे का वक्त दिया गया है। इसमें कांग्रेस को एक घंटे का वक्त मिला है। राहुल गांधी विपक्षी दलों की ओर से बहस की शुरुआत करेंगे। वे राष्ट्रपति के अभिभाषण, बजट और इस्राइल की कंपनी से पेगासस स्पाईवेयर खरीदी मामले को उठा सकते हैं। इसे लेकर सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच तकरार तय है।
‘जीरो सम बजट’ : राहुल
मंगलवार को जब पत्रकारों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से बजट पर प्रतिक्रिया पूछी तो उन्होंने कहा कि वह इस पर सदन में ही अपनी बात रखेंगे। हालांकि इसके पहले उन्होंने ट्विटर पर बजट को ‘जीरो-सम बजट’ ठहरा दिया था। उन्होंने ट्वीट किया, ‘M0di G0 सरकार का Zer0 सम बजट! वेतनभोगी वर्ग-मध्यम वर्ग-गरीब और वंचित-युवा-किसान-MSMEs के लिए कुछ भी नहीं।’
युवा कांग्रेस करेगी संसद के बाहर प्रदर्शन
लोकसभा में जहां राहुल गांधी अपनी बात रखेंगे वहीं, युवा कांग्रेस कार्यकर्ता संसद के बाहर प्रदर्शन करेंगे, ताकि मीडिया व जनता का ध्यान आकर्षित किया जा सके। कांग्रेस ने अपने युवा नेताओं को इसके लिए तैनात किया है।
पीएम मोदी सोमवार को दे सकते हैं जवाब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब लोकसभा में सोमवार को और राज्यसभा में मंगलवार को दे सकते हैं। बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया था। मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट पेश करने के बाद कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।
महाराष्ट्र पुलिस ने सोशल मीडिया इंफ्लेसंर और बिग बॉस 13 के कंटेस्टेंट विकास पाटक को किया गिरफ्तार
नई दिल्ली (एजेंसी)। मुंबई में स्कूली छात्रों का महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री प्रो वर्षा एकनाथ गायकवाड़ के घर के पास विरोध प्रदर्शन जारी है। कोरोना महामारी के बीच छात्रों का मांग है कि उनकी 10वीं और 12वीं क्लास की परीक्षा ऑनलाइन करवाई जाए। वहीं इस मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने सोशल मीडिया इंफ्लेसंर और बिग बॉस 13 के कंटेस्टेंट विकास पाटक को गिरफ्तार कर लिया।
दरअसल, विकास पाठक उर्फ हिंदुस्तानी भाऊ ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो अपलोड किया था। इस वीडियो के माध्यम से छात्रों को प्रदर्शन के लिए उकसाया गया, जिसके बाद कई छात्रों ने सोमवार को मुंबई के धारावी में प्रदर्शन किया। इन छात्रों की मांग है कि कोविड-19 के संकट के बीच 10वीं और 12वीं की परीक्षा को ऑनलाइन करवाया जाए।
विकास पाटक ‘हिंदुस्तानी भाऊ’ के नाम से मशहूर हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई की खबर के अनुसार सोमवार को ‘हिंदुस्तानी भाऊ’ को धारावी पुलिस ने छात्रों के प्रदर्शन में शामिल होने पर गिरफ्तार किया है। उनके और अन्य के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है। गौरतलब है कि 10वीं और 12वीं क्लास के छात्र काफी समय से ऑनलाइन परीक्षा करने की मांग कर रहे हैं। इस पूरे मामले में सोमवार को डीसीपी प्रणय अशोक ने कहा कि हमने छात्रों को समझाने और तितर-बितर करने की कोशिश की।
समाचार एजेंसी प्रेट्र के मुताबिक, कोरोना वायरस महामारी के बीच दसवीं और बारहवीं कक्षा की ऑफ लाइन परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर सैंकड़ों छात्रों ने सोमवार को मुंबई में महाराष्ट्र की स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ के घर के पास विरोध प्रदर्शन किया। एक अधिकारी ने कहा कि विरोध धारावी के अशोक मिल नाका में हुआ और पुलिस को उन्हें मंत्री के घर की ओर जाने से रोकने के लिए हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि इंटरनेट मीडिया पर शेयर की गई जानकारी के आधार पर महानगर के अलावा ठाणे और नासिक जैसे क्षेत्रों से एकत्र हुए छात्रों को विरोध की अनुमति नहीं थी। उन्होंने कहाकि लाठीचार्ज में कोई छात्र घायल नहीं हुआ। उनमें से कुछ को स्थानीय पुलिस थाने लाया गया और इसके तुरंत बाद रिहा कर दिया गया। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में राजधानी मुंबई सहित ज्यादातर शहरों में कोरोना के मामलों में पहले से काफी कमी आई है।
ऐसे में सरकार ने 10वीं और 12वीं क्लास की परीक्षा ऑफ लाइन करवाना चाहती है, लेकिन स्कूली छात्र इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं। आपको बता दें कि ‘हिंदुस्तानी भाऊ’ सोशल मीडिया पर काफी चर्चित हैं। वह सलमान खान के रियलिटी शो बिग बॉस के सीजन 13 का हिस्सा थे। इस सीजन में उनके साथ सिद्धार्थ शुक्ला, असिम रियाज और शहनाज गिल कंटेस्टेंट्स के तौर पर थीं।
2 साल से चुनौतियां झेल रहे स्टार्टअप सेक्टर को उबारने वाला हो बजट, सरकार के सामने रखीं ये मांगें
नई दिल्ली (एजेंसी)। कोरोना महामारी के कारण स्वास्थ्य-शिक्षा से लेकर स्टार्टअप तक लगभग सभी क्षेत्रों पर असर पड़ा है। पिछले दो साल में देश के स्टार्टअप्स ने बडी चुनौतियों का सामना किया है। ज्यादातर का फंड खत्म हो गया, कई एंटरप्रेन्योर्स को कई टैक्स की मार से जूझना पड़ा और कुछ को अपना ऑपरेशन बंद करना पड़ गया। अब सभी की नजर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर टिकी हैं, उन्हें उम्मीद है कि कोरोना की मार से उबारने के लिए बजट में बड़े एलान हो सकते हैं।
सपोर्ट मैकेनिज्म पेश करेगी सरकार
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज (एक फरवरी) बजट पेश करेंगी। ये देश की पूर्णकालिक वित्त मंत्री के रूप में उनका चौथा बजट होगा, जबकि 2014 में सत्ता पर काबिज हुई मोदी सरकार का ये 10वां बजट होगा। सभी क्षेत्रों की तरह देश के स्टार्टअप सेक्टर को भी इस बार के बजट से बड़ी उम्मीदें हैं। इनमें सबसे ऊपर है निवेश, विशेषज्ञों का कहना है कि स्टार्टअप्स में निवेश अहम है, क्योंकि वे जॉब क्रिएशन के इंजन हैं। ऐसे में उम्मीद है कि सरकार घरेलू स्तर पर कैपिटल पार्टिसिपेशन के लिए नीतियां लाएगी और जरूरी सपोर्ट मैकेनिज्म पेश करेगी।
एफडीआई में टैक्स छूट की जरूरत
स्टार्टअप इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर जोर के साथ फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट (एफडीआई) में टैक्स छूट की जरूरत है, जिससे भारतीय स्टार्टअप्स के ग्लोबलाइजेशन के लिए दरवाजे खुलेंगे। एफडीआई नियमों में स्पष्टता और आसानी की उम्मीदें भी स्टार्टअप्स से जुड़ी हैं ताकि उन्हें वैश्विक खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिल सके। इसके अलावा यह देखते हुए कि कोविड का खतरा अभी भी उन पर मंडरा रहा है, स्टार्टअप विनिर्माण के लिए कुछ प्रोत्साहन की उम्मीद कर रहे हैं। इस क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि बजट 2022 में सरकार को ऐसे उपाय करने चाहिए, जिससे स्टार्टअप्स की ग्रोथ की रफ्तार आगे भी बरकरार रहे।
डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देना जरूरी
स्टार्टअप क्षेत्र की ओर से उठाई गई मांगों में कहा गया है कि उम्मीद है कि डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया जैसी पहल के विकास से भारत को डीप-टेक हब के रूप में स्थापित किया जा सकेगा। जैसे-जैसे डिजिटल अपनाने और परिवर्तन में तेजी आएगी, तो बजट 2022 में एक मजबूत आईटी और इंटरनेट बुनियादी ढांचे के निर्माण पर भी ध्यान देने की जरूरत होगी। इस सबके चलते निश्चित तौर पर स्टार्टअप को भी फायदा मिलेगा।
स्टार्टअप से जुड़े कई मुद्दे हल होने की उम्मीद
फॉरेनएडमिट्स के सीईओ और को-फाउंडर अश्विनी जैन ने कहा कि मेक इन इंडिया का एक बड़ा प्रभाव पैदा करने के विचार के साथ, स्टार्ट-अप की भूमिका को भी समझना महत्वपूर्ण है। अर्थव्यवस्था और स्थानीयकरण में योगदान देने के लिए स्टार्ट-अप और उनके नए विचारों को उचित धन और बजट की भी आवश्यकता है। देश में बेहतर स्टार्ट-अप स्थितियों के साथ अर्थव्यवस्था से जुड़े कई मुद्दों को हल किया जाएगा। हम न केवल स्थानीयकरण को सर्वोत्तम रूप से बढ़ावा देने में सक्षम होंगे, बल्कि हम अपने नागरिकों की आवश्यकताओं के अनुसार रोजगार, अधिक करियर के अवसर और उत्पादन को अनुकूलित करने में भी सक्षम होंगे।
स्टार्टअप पर नए सिरे से देना होगा ध्यान
क्रेडबल के सह-संस्थापक और सीईओ, नीरव चोकसी ने कहा कि 2021 भारत में टेक स्टार्टअप आईपीओ और यूनिकॉर्न की रिकॉर्ड संख्या का वर्ष था। हम आशावादी हैं कि बजट 2022 में स्टार्टअप्स पर नए सिरे से ध्यान दिया जाएगा, यह देखते हुए कि भारत अब यूके की जगह यूनिकॉर्न की दौड़ में तीसरे स्थान पर है। पिछले बजट में 31 मार्च, 2022 तक निवेश के लिए पूंजीगत लाभ की छूट की अनुमति के साथ – इस वर्ष हम प्रोत्साहन और नीतिगत उपायों की उम्मीद कर रहे हैं जो इस क्षेत्र पर कर के बोझ को कम करेंगे, ऋण तक पहुंच बढ़ाएंगे और एक निवेशक-अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करेंगे। इसके अतिरिक्त, एफडीआई में कर छूट एक स्वागत योग्य कदम होगा, जो इन स्टार्टअप्स के वैश्वीकरण में और सहायता करेगा। एनबीएफसी के दृष्टिकोण से, इस क्षेत्र में स्थिरता लाने की सख्त जरूरत है। इस क्षेत्र में फंडिंग को सक्षम बनाने वाली नीतियों से एनबीएफसी को मदद मिलने की उम्मीद है, चाहे मौजूदा तरलता की कमी हो।
यूनिकॉर्न बनने का समय कम हुआ
एडवरब टेक्नोलॉजीज के सह-संस्थापक सतीश शुक्लाने कहा कि 2021 यूनिकॉर्न का वर्ष रहा है और स्टार्टअप द्वारा यूनिकॉर्न बनने में लगने वाला समय भी कम हो गया है। इन यूनिकॉर्न ने रोजगार पैदा किया है और एक नया वाणिज्य और अर्थव्यवस्था बनाने में योगदान दिया है। वर्तमान में गैर-सूचीबद्ध पर पूंजीगत लाभ के लिए कर की दर सूचीबद्ध शेयरों की तुलना में शेयर अलग हैं, जिसके परिणामस्वरूप स्टार्टअप संस्थापकों और शुरुआती चरण के निवेशकों के लिए उच्च कर बहिर्वाह होता है। समानता लाने के लिए उन्हें सूचीबद्ध प्रतिभूतियों के बराबर तर्कसंगत बनाया जा सकता है, साथ ही, नए वाणिज्य के साथ, गिग अर्थव्यवस्था बढ़ रही है ई-कॉमर्स फर्मों के माध्यम से नौकरियां सृजित की जा रही हैं। इन नए प्रकार की नौकरियों को न्यूनतम मजदूरी के दायरे में लाने से गिग वर्कर्स जैसे डिलीवरी बॉय आदि के इस कमजोर समूह को एक अच्छा सामाजिक सुरक्षा कवर मिलेगा।
भारत को स्टार्टअप हब बनाने का प्रयास
इंडियासेट्ज के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, शिवम सिन्हा का कहला है कि 80 से अधिक यूनियनों के साथ, भारतीय स्टार्टअप और उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र भारत को अगला सबसे बड़ा स्टार्टअप हब के रूप में रीब्रांड कर रहा है। आज भारत को एक ऐसे देश के रूप में पहचाना जा रहा है जहां पूरी दुनिया में लोगों के लिए उद्यमशीलता और रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी नीतियां, जो स्टार्टअप्स को तेजी से बढ़ने में मदद करती हैं और आम आदमी को स्टार्टअप और बुनियादी ढांचे के विकास में निवेश करने के लिए सशक्त बनाती हैं, उन्हें अपरिहार्य रूप से अगले वित्तीय वर्ष के लिए दिमाग में रखा जाना चाहिए। वाधवानी फाउंडेशन-इंडिया/एसईए के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर संजय शाह ने कहा कि शानदार प्रदर्शन के बावजूद, भारतीय स्टार्टअप क्षेत्र में दो चुनौतियां प्रमुख हैं, इनमें पहली भारत में कई यूनिकॉर्न के पास एक सम्मोहक राजस्व आधार नहीं है और उन्हें जीवित रहने के लिए नकदी प्रवाह की आवश्यकता है और दूसरी प्रौद्योगिकी और प्लेटफार्मों के साथ अपने डिजिटल परिवर्तन को तेज करने की आवश्यकता है।
इनके नाम दर्ज है सबसे लंबा बजट भाषण पढ़ने का रिकॉर्ड, इन्होने पढ़ा था सबसे छोटा
नई दिल्ली (एजेंसी)। भारत के बजट इतिहास से संबंधित दिलचस्प जानकारियों जुड़ी इस कड़ी में हम आपको और भी ऐसी खास बातों को बताने जा रहे हैं, जिन्हें जानना आपके लिए जरूरी है। देश की संसद में दिए जाने वाले अब तक के सबसे लंबे बजट भाषण की बात करें तो यह रिकॉर्ड वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम दर्ज है। लेकिन हम आपको बता रहे हैं कि ऐसे कौन-से वित्त मंत्री थे, जिन्होंने महज कुछ शब्दों या ही यानी अब तक का सबसे छोटा बजट भाषण दिया था।
सरकार आम बजट के जरिए अपने खर्च का लेखा-जोखा जोखा पेश करती है। इसके साथ ही इसके जरिए नई योजनाओं को भी देश की जनता के सामने रखा जाता है। इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अपना चौथा आम बजट पेश करने वाली हैं। कोरोना महामारी ने देश और दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं को पूरी तरह से हिला कर रख दिया है। ऐसे में इस साल के बजट में ये देखना दिलचस्प होगा कि देश को संकट से उबारने के लिए बजट में क्या बदलाव किया गया है।
निर्मला सीतारमण ने दिया सबसे लंबा बजट भाषण
बजट के इतिहास के लंबे बजट भाषणों की बात करें तो अब तक का सबसे लंबा बजट भाषण देने का रिकॉर्ड वर्तमान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम दर्ज है। उन्होंने पिछले साल पूरे 2 घंटे 41 मिनट का भाषण देकर नया रिकॉर्ड बनाया। बता दें कि सीतारमण के बजट भाषण से 17 साल पहले जसवंत सिंह ने 2003 में 2 घंटे 13 मिनट तक बजट भाषण दिया था, जो इससे पहले रिकॉर्ड था।
हीरूभाई पटेल ने पढ़ा था सबसे छोटा बजट भाषण
साल 1977, इमरजेंसी के बाद हुए लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो चुका था। मोरारजी देसाई के नेतृत्व में देश में पहली गैर-कांग्रेसी सरकार बनी थी। मोरारजी प्रधानमंत्री बने थे और वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी हिरूभाई एम पटेल को सौंपी गई थी। तब 1977 के मार्च में हिरूभाई ने अंतरिम बजट संसद में पेश किया था। उनका बजट भाषण महज 800 शब्दों का था, जो महज कुछ ही मिनटों में समाप्त हो गया था। इसे अब तक का सबसे छोटा बजट भाषण माना जाता है।
किसने सबसे ज्यादा बार पेश किया बजट
अब तक सबसे अधिक बार भारत का बजट मोरारजी देसाई ने पेश किया है। मोरारजी ने वित्त मंत्री के रूप में 10 बार देश का बजट पेश किया है। इसमें आठ बजट और दो अंतरिम बजट शामिल हैं। मोरारजी देसाई के बाद सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड यूपीए सरकार के दौरान वित्त मंत्री रहे पी. चिदंबरम के नाम है। उन्होंने नौ बार बजट पेश किया, जबकि प्रणब मुखर्जी ने आठ बार और यशवंत सिन्हा आठ बार बजट पेश किया था। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी छह बार देश का आम बजट पेश कर चुके थे।
करदाता दो साल तक कर सकेंगे अपने रिटर्न को अपडेट
नई दिल्ली (एजेंसी)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2022-23 के लिए आम बजट पेश किया। करदाताओं को बड़ी राहत के तौर पर दो साल में अपने रिटर्न को अपडेट करने की अनुमति दी है। इसके अलावा राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी नेशनल पेंशन स्कीम में योगदान पर 14% टैक्स छूट देने का फैसला किया है।
अगर किसी करदाता ने अपनी सालाना आय की घोषणा में कोई गलती है तो वह इसे दो साल में सुधार सकता है। इसके लिए उसे अपना रिटर्न अपडेट करना होगा। इससे मुकदमेबाजी कम होगी। लोगों को दो साल में अपनी घोषित आय में सुधार करने की अनुमति मिलेगी। उन्हें आवश्यक कर का भुगतान करना होगा।
राज्य सरकार के कर्मचारियों को राहत
केंद्र सरकार के कर्मचारियों को नेशनल पेंशन स्कीम में योगदान पर 14% तक की टैक्स राहत मिलती है, जबकि राज्य सरकार के कर्मचारियों को 10 प्रतिशत। इसमें बदलाव करते हुए राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी 14% टैक्स राहत देने का फैसला किया है। इससे राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी केंद्र सरकार के कर्मचारियों की तरह एनपीएस में योगदान पर टैक्स छूट मिलेगी।