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दिल्ली के जंतर मंतर पर कुश्ती खिलाड़ियों के आंदोलन को किसान संगठनों का मिला समर्थन
नई दिल्ली (एजेंसी)। दिल्ली के जंतर मंतर पर कुश्ती खिलाड़ियों के आंदोलन को किसान संगठनों ने समर्थन दिया है। रविवार को समर्थन देने बड़ी संख्या में किसान जंतर मंतर पहुंचे। किसान नेता राकेश टिकैत समेत हरियाणा और पंजाब के कई नेताओं ने खिलाड़ियों से मुलाकात की। इस बीच अब किसानों ने भारत सरकार को 15 दिन की चेतावनी दी है। कहा कि अगर 15 दिनों में बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी नहीं हुई तो बड़ा फैसला लिया जाएगा।
प्रेस कांफ्रेंस में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि पहलवान अपना संघर्ष जारी रखें। संयुक्त किसान मोर्चा और खापों की मांग है कि बृजभूषण को गिरफ्तार किया जाए। 21 मई तक बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं हुई तो बड़ा फैसला लिया जाएगा। खिलाड़ियों का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अर्थी जलाने की चेतावनी
वहीं पंजाब के संगठन बीकेयू उगराहां ने ऐलान किया है कि वह 11 मई से 18 मई के बीच देश भर में मोदी सरकार और बृजभूषण की अर्थी जलाएगा। अर्थियां जलाने की घोषणा संगठन के जोगिंदर उगराहां ने की है।
बृजभूषण सिंह ने खाप पंचायतों से की अपील
किसान नेताओं के दिल्ली पहुंचने के पहले भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने खाप पंचायतों और हरियाणा के जाटों से अपील की। उन्होंने कहा कि वह दिल्ली आने से पहले अपने गांव या आसपास के किसी भी पहलवानों से उनके बारे में पूछ लें। बृजभूषण ने कहा कि जो लड़ाई वह लड़ रहे हैं, वह जूनियर बच्चों के लिए है। उन्होंने कहा है कि यदि एक भी गुनाह साबित हो गया तो वह फांसी पर लटक जाएंगे।
टेक्सास में फायरिंग, आठ लोगों की मौत, हमलावर भी ढेर
दिल्ली (एजेंसी)। अमेरिका में टेक्सास शहर के एक व्यस्त मॉल में एक बंदूकधारी ने फायरिंग कर दी। गोलीबारी में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई है और सात अन्य घायल है। मृतकों में बच्चे भी शामिल हैं। हमलावर मारा गया है। फायरिंग के पीछे के कारणों का पता लाया जा रहा है।
शहर के पुलिस प्रमुख ब्रायन हार्वे ने बताया कि बंदूकधारी को मार गिराया गया है। उसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। पूरे इलाके को सील कर लिया गया है और तलाशी अभियान जारी है। घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा चुका है।
मेडिकल सिटी हेल्थकेयर के अनुसार, उनके ट्रॉमा सेंटर आठ घायल पीड़ितों का इलाज चल रहा है, जिनकी उम्र 5 से 61 वर्ष के बीच है।
मौके पर मौजूद लोगों ने स्थानीय मीडियो को बताया कि अचानक हुई गोलीबारी से सैकड़ों ग्राहक और दुकानदार दहशत में मॉल से भाग गए। शहर के पुलिस प्रमुख ब्रायन हार्वे ने कहा कि बंदूकधारी ने अकेले इस साजिश को अंजाम दिया है।
टीवी पर दिख रही तस्वीरों में गोलीबारी के बाद सैकड़ों लोग मॉल से बाहर निकलते दिख रहे हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस के सैकड़ों जवानों के पहरे में लोगों को हाथ ऊपर करके मॉल से बाहर आते देखा गया।
जानें मणिपुर में क्यों भड़की हिंसा, दो जातियों के संघर्ष की लम्बी कहानी
इम्फाल एजेंसी)। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर एक बार फिर से हिंसा की आग में झुलस रहा है. मणिपुर की सरकार ने बेहद विषम परिस्थिति में हिंसा करने वालों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया है. तीन मई को मणिपुर हाई कोर्ट के एक आदेश के बाद से पूरा राज्य हिंसा की आग में समा गया है।
बीते दो दिनों में भीड़ ने प्रदेश के गांवों पर हमला किया, घरों में आग लगा दी, दुकानों में तोड़फोड़ की. माता-पिता इतने डरे हुए थे कि उन्होंने बच्चों को नींद की दवाइयां दे दीं ताकि वे रोएं नहीं. निवासियों को डर है कि आने वाले दिनों में हमले और बढ़ेंगे और खून-खराबा बड़े पैमाने पर हो सकता है।
बुधवार से पूरे राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को तत्काल प्रभाव से पांच दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है। राज्य के कई जिलों में कर्फ्यू भी लगा दिया गया है. सोशल मीडिया पर इस व्यापक हिंसा को लेकर कई तस्वीरें और वीडियो शेयर किए गए. वीडियो और फोटो में कई घरों को आग में जलता हुआ देखा गया।
इस पूरी हिंसा की वजह मणिपुर हाई कोर्ट का एक आदेश था. इस आदेश में हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया था कि वह 10 साल पुरानी सिफारिश को लागू करे जिसमें गैर-जनजाति मैतेई समुदाय को जनजाति में शामिल करने की बात कही गई थी।
तीन मई को हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद इंफाल घाटी में स्थित मैतेई और पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कुकी समुदाय के बीच हिंसा भड़क उठी। मैतेई मणिपुर में प्रमुख जातीय समूह है और कुकी सबसे बड़ी जनजातियों में से एक है।
दशकों से पनप रही है दुश्मनी की आग
मणिपुर में 16 जिले हैं. राज्य की जमीन इंफाल घाटी और पहाड़ी जिलों के तौर पर बंटी हुई है। इंफाल घाटी मैतेई बहुल हैं. मैतई जाति के लोग हिंदू समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।
पहाड़ी जिलों में नागा और कुकी जनजातियों का वर्चस्व है. हालिया हिंसा चुराचांदपुर पहाड़ी जिलों में ज्यादा देखी गई. यहां पर रहने वाले लोग कुकी और नागा ईसाई हैं. बता दें कि चार पहाड़ी जिलों में कुकी जाति का प्रभुत्व है।
मणिपुर की आबादी लगभग 28 लाख है. इसमें मैतेई समुदाय के लोग लगभग 53 फीसद हैं. मणिपुर के भूमि क्षेत्र का लगभग 10% हिस्सा इन्हीं लोगों के कब्जे में हैं. ये लोग मुख्य रूप से इंफाल घाटी में बसे हुए हैं. कुकी जातीय समुह मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने का विरोध कर रही है।
कुकी जातीय समुह में कई जनजातियाँ शामिल हैं. मणिपुर में मुख्य रूप से पहाड़ियों में रहने वाली विभिन्न कुकी जनजातियाँ वर्तमान में राज्य की कुल आबादी का 30 फीसद हैं।
कुकी जनजाति मैतेई समुदाय को आरक्षण देने का विरोध करती आई है. इन जनजातियों का कहना है कि अगर मैती समुदाय को आरक्षण मिल जाता है तो वे सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले से वंचित हो जाएंगे. कुकी जनजातियों का ऐसा मानना है कि आरक्षण मिलते ही मैतेई लोग अधिकांश आरक्षण को हथिया लेंगे।
बता दें कि अनुसूचित जनजाति मांग समिति मणिपुर बीते 10 सालों से राज्य सरकार से आरक्षण की मांग कर रहा है. किसी भी सरकार ने इस मांग को लेकर अबतक कोई भी फैसला नहीं सुनाया. आखिरकार मैतेई जनजाति कमेटी ने कोर्ट का रुख किया. कोर्ट ने इस मांग को लेकर राज्य सरकार से केंद्र से सिफारिश करने की बात कही है. इस सिफारिश के बाद ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर ने विरोध जताना शुरू कर दिया।
मैतेई समुदाय का क्या तर्क है?
बता दें कि मैतेई ट्राइब यूनियन की एक याचिका पर 19 अप्रैल को सुनवाई हुई थी. सुनवाई पूरी होने के बाद 20 अप्रैल को मणिपुर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को मैतेई समुदाय को जनजाति का दर्जा देने की बात कही. मामले में कोर्ट ने 10 साल पुरानी केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय की सिफरिश पेश करने के लिए कहा था।
सुनवाई में कोर्ट ने मई 2013 में जनजाति मंत्रालय के एक पत्र का हवाला दिया था. इस पत्र में मणिपुर की सरकार से सामाजिक और आर्थिक सर्वे के साथ जातीय रिपोर्ट के लिए कहा गया था।
बता दें कि शिड्यूल ट्राइब डिमांड कमिटी ऑफ मणिपुर यानी एसटीडीसीएम 2012 से ही मैतेई समुदाय को जनजाति का दर्जा देने की मांग करता आया है. हाईकोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने ये बताया कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ. उससे पहले मैतेई को जनजाति का दर्जा मिला हुआ था. दलील ये थी कि मैतेई को जनजाति का दर्जा इस समुदाय, उसके पूर्वजों की जमीन, परंपरा, संस्कृति और भाषा की रक्षा के लिए जरूरी है।
मणिपुर 35 जनजातियां, ज्यादातर नागा या कुकी
घाटी राज्य का सबसे ज्यादा आबादी वाला हिस्सा है. इसमें न केवल मणिपुर की 35 जनजातियों के लोग बल्कि देश के अन्य हिस्सों के प्रवासी भी रहते हैं. बाकी की जनसंख्या पहाड़ी जिलों के 90 प्रतिशत भूमि क्षेत्र में बिखरी हुई है. इन जिलों में आरक्षित वन क्षेत्र हैं।
मैतेई के लिए एसटी बना मुद्दा
मणिपुर उच्च न्यायालय ने 20 अप्रैल को राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति की लिस्ट में शामिल करने के अनुरोध पर चार सप्ताह के भीतर विचार करें. कोर्ट ने कहा कि सिफारिश को केंद्र के पास विचार के लिए भेजा जाए. मेइती को एसटी श्रेणी में शामिल करने के कदम के विरोध में कुकी संगठनों ने बुधवार को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ निकाला. मार्च के बाद हिंसा भड़क गई।
विरोध के पीछे मुख्य कारण यह था कि मेइती एसटी का दर्जा चाहते थे. सवाल ये उठने लगा कि उन्नत होने के बावजूद उन्हें एसटी का दर्जा कैसे मिल सकता है? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि अगर मैतेई समुदाय को एसटी का दर्जा दे दिया गया तो उनकी जमीनें पूरी तरह से खतरे में पड़ जाएंगी और इसीलिए वो अपने अस्तित्व के लिए छठी अनुसूची चाहते हैं।
वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप फंजोबम ने बताया कि प्रदेश में भड़की हिंसा कोई एक या दो दिन पुरानी नहीं है. पहले भी कई मुद्दों को लेकर यहां की जनजातियां नाराजगी जताती आई हैं. मणिपुर सरकार ने ड्रग्स के खिलाफ व्यापक अभियान छेड़ रखा है।
उनके मुताबिक,” पहाड़ी और कस्बों के इलाके में कई जनजातियों द्वारा कब्जा की गई जमीनों को भी खाली कराया जा रहा है. जमीनों पर ज्यादातर कुकी समूह के लोग रहते हैं. यही वजह है कि चुराचंदपुर इलाके से हिंसा भड़की, यह कुकी बहुल है. इन सब बातों को लेकर वहां तनाव पैदा हो गया है।”
अफ्रीकी देश कांगो में भारी बारिश और बाढ़ ने मचाई तबाही, 176 लोगों की मौत
ब्राजाविले (एजेंसी)। मध्य अफ्रीकी देश कांगो के दक्षिण किवु प्रांत में भारी बारिश की वजह से आई बाढ़ (Flood) के कारण 170 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. इस बात की जानकारी किवु प्रांत के अधिकारियों ने शुक्रवार (5 मई) को दी। इस मूसलाधार बारिश के वजह से किवु प्रांत के पड़ोस में स्थित रवांडा में भी दर्जनों लोगों की मौत हो गई. वहीं दक्षिण किवु के गवर्नर थियो न्गवाबिजे ने कहा कि कालेहे क्षेत्र के किवु झील और रवांडन सीमा के पास दर्जनों लोग लापता हो गए है. किवु प्रांत में आयी बाढ़ की वजह से सैकड़ों घर भी बह गए।
दक्षिण किवु प्रांत के अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने जानकारी दी कि बाढ़ की वजह से कुल 170 लोग मारे गए है और 100 लोग लापता हैं. स्थानीय प्रशासन के अनुसार भारी बारिश की वजह से नदियों के तट कट गए, जिसे कई गांव जलमग्न हो गए।
बाढ़ में सैकड़ों घर बह गए
कालेहे के सहायक प्रशासक आर्किमिडी करहेबवा ने पहले बताया था कि आखिरी बार जब हमने गिनती की थी तो मरने वालों की संख्या 100 थी. करहेबवा ने बताया कि बाढ़ की वजह से सैकड़ों घर बह गए. इसके अलावा आस-पास के मार्केट में मौजूद कई दुकानें भी बाढ़ में बह गई. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के मुपेंडा नाम के एक आदमी ने बताया कि बारिश गुरुवार (4 मई) को शुरू हुई थी. इस बारिश के वजह से आई बाढ़ में मुपेंडा के मां और उसके परिवार के 11 बच्चों की मौत हो गई. कलेहे के अधिकारी वाइटल मुहिनी ने भी एक स्थानीय रेडियो स्टेशन को बताया कि बाढ़ की वजह से बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है।
डिस्पोजल ग्लास बनाने वाली फैक्टरी में लगी आग, दो श्रमिकों की मौत
देवास (एजेंसी)। शहर के इंदौर रोड स्थित औद्योगिक क्षेत्र में डिस्पोजल ग्लास बनाने वाली एक फैक्टरी में शुक्रवार सुबह आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया। फैक्टरी में चार श्रमिक थे, जो भीषण आग होने के कारण बाहर नहीं निकल पाए। बाद में श्रमिकों को दीवार तोड़कर बाहर निकाला गया लेकिन उनमें से दो की दम घुटने से मौत हो गई जबकि दो अन्य को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका जारी है। दमकल कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
हादसा शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे आराध्या डिस्पोजल फैक्टरी में हुआ। सूचना मिलने पर दमकल वाहन, जेसीबी मशीन मौके पर पहुंची। अफरा-तफरी के बीच जेसीबी से दीवार तोड़कर चारों श्रमिकों को बाहर निकाला गया। पहले दो श्रमिकों को बाहर निकाला, उसके बाद अंदर फंसे दो श्रमिकों को काफी मशक्कत कर बाहर निकाला। गंभीर अवस्था के चलते दोनों को जिला चिकित्सालय भेजा, जहां दोनों को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। घटना में घायल व मृत श्रमिक उज्जैन जिले के पानखेड़ी के निवासी बताए गए हैं। दोनों मृतकों का पोस्टमार्टम कर शव स्वजन को सौंप दिए गए हैं। मामले को लेकर औद्योगिक थाना पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू की है।
आग इतनी भयावह थी कि देखते ही देखते पूरी फैक्टरी चपेट में आ गई। आग लगने के दौरान चार श्रमिक महेश वर्मा, बहादुर चौधरी, गोवर्धन उर्फ सोनू चौधरी, पप्पू परमार फैक्टरी के अंदर ही थे। सभी श्रमिक पानखेड़ी उज्जैन के निवासी हैं। श्रमिक महेश वर्मा और बहादुर को सकुशल बाहर निकाला गया। वहीं, अंदर दो श्रमिक फंसे थे, जिनमें 23 वर्षीय सोनू पुत्र रमेश चौधरी और 30 वर्षीय पप्पू पुत्र गंगाराम परमार को काफी मशक्कत के बाद बाहर निकाला जा सका। दोनों की दम घुटने से मौत होने की बात सामने आई है।
मजदूर नाइट ड्यूटी से लौटकर सो रहे थे। इसी दौरान आग लगी। इसमें सोनू चौधरी और पप्पू परमार की मौत हो गई। जबकि आग की चपेट में आए इनके दो साथी महेश वर्मा और बहादुर को अस्पताल में भर्ती कराया गया। दोनों को इंदौर रेफर कर दिया है। हादसे में झुलसे युवक ने बताया कि हम चारों पानखेड़ी गांव के निवासी हैं। गुरुवार रात हमारी नाइट ड्यूटी थी। इसके बाद सुबह लौटे तो सो गए। करीब 11 बजे अचानक आग की तपन से जागे। हम चारों तरफ धुएं से घिरे थे। हमारे दो साथियों में कोई हलचल नहीं दिखाई दी जबकि एक साथी बेहोशी की स्थिति में था। कुछ देर बाद मैं भी बेहोश गया।
आग इतनी विकराल थी कि अंदर फंसे श्रमिकों का बाहर निकलना असंभव हो गया था। इसी दौरान नगर निगम से करीब पांच दमकल वाहन, बीएनपी का दकमल वाहन, पानी के टैंकर लगातार आग बुझाने का प्रयास करते रहे। श्रमिकों को निकालने का रास्ता नहीं दिखने पर जेसीबी की मदद से दीवार तोड़कर श्रमिकों को बाहर निकाला जा सका। इस दौरान पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों के साथ एसडीईआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंची।
पानखेड़ी गांव के दो युवकों की मौत की सूचना पर अस्पताल पहुंचे दिलीपसिंह पवार ने बताया दोनों मृतक अविवाहित थे। परिवार को पालने की जिम्मेदारी इनके ही कंधों पर थी। चारों लड़के करीब 8 साल से कंपनी में काम कर रहे थे। उन्होंने कंपनी के मालिक से परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की।
मामले में देवास एसडीएम प्रदीप सोनी का कहना है कि सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस एवं प्रशासन की टीम पहुंच गई थी। दमकल की मदद से जल्द ही आग पर काबू पा लिया गया था। हादसे में दो श्रमिकों की मौत हुई है।
राजोरी मुठभेड़ में 5 जवान शहीद, ऑपरेशन जारी
जम्मू (एजेंसी)। जम्मू संभाग के जिला राजोरी के कंडी इलाके में शुक्रवार को सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है और दोनों ओर से गोलीबारी की जा रही है। इस घटना के बारे में सेना ने बयान जारी कर बताया कि एनकाउंटर के दौरान दो जवान शहीद हो गए हैं। जबकि, एक अधिकारी समेत चार घायल हैं। आतंकियों के भी ढेर होने की संभावना है। वहीं, घायल जवानों को कमांड अस्पताल उधमपुर ले जाया गया है। इनमें से तीन जवानों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इंटरनेट सेवाओं को फिलहाल बंद कर दिया गया है।
एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की एक संयुक्त टीम ने क्षेत्र में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में विशेष सूचना पर तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान जैसे ही संयुक्त टीमें संदिग्ध स्थान पर पहुंचीं, छिपे हुए आतंकवादियों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी, जवाबी कार्रवाई करते हुए मुठभेड़ शुरू हो गई।
आतंकियों ने एक विस्फोटक उपकरण दागा जिसकी चपेट में आकर दो जवान शहीद हो गए और एक अधिकारी सहित चार घायल हो गए। आसपास से अतिरिक्त टीमों को मुठभेड़ स्थल रवाना किया गया है। शुरुआती खबरों के मुताबिक इलाके में आतंकियों का एक समूह घिरा हुआ है। मुठभेड़ अभी भी जारी है।
हाल ही पुंछ के भटादूड़ियां इलाके में सैन्य वाहन पर आतंकी हमले और इसी साल एक जनवरी को राजोरी के ढांगरी में आतंकी हमले के बाद से ही दोनों जिलों में सुरक्षाबलों की तरफ से व्यापक तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, राजोरी जिले की थन्नामंडी और दरहाल तहसील के घने जंगलों में चार से छह आतंकवादियों के सक्रिय रूप से घूमने की सूचना थी। जिले की थन्नामंडी तहसील के पंगाई, अप्प्पर पंगाई, डीकेजी, अप्पर शाहदरा, टॉप शाहदरा और दरहाल के खोडीनार, बुध खनारी, परगाल जंगली इलाकों में चार से छह आतंकवादियों के होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इनकी धरपकड़ करने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाए गए हैं।
राज्य सरकार ने लिया बड़ा फैसला, प्रदेश में 12 हजार 489 शिक्षकों की होगी भर्ती
रायपुर। प्रदेश के युवाओं के लिए राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। छत्तीसगढ़ में 12 हजार 489 शिक्षकों की सीधी भर्ती होने वाली है। मुख्यमंत्री बघेल के निर्देश पर स्कूल शिक्षा विभाग ने विज्ञापन जारी किया है। इसके अनुसार 6,285 सहायक शिक्षक, 5,772 शिक्षक तथा 432 व्याख्याता के पदों पर सीधी भर्ती होगी। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन 6 मई से भरे जा सकेंगे, और भर्ती के लिए व्यापम परीक्षा का आयोजन करेगा।
डीआरआई रायपुर की टीम ने ट्रक से 1.05 करोड़ रुपए का 525 किलो गांजा किया जब्त, 2 गिरफ्तार
रायपुर। डीआरआई रायपुर की टीम ने धमतरी रोड में नाकाबंदी कर ट्रक से 1.05 करोड़ रुपए का 525 किलो गांजा जब्त किया। सूचना पर डीआरआई की टीम ने ट्रक को रोककर तलाशी ली। इस दौरान ट्रक चालक और परिचालक ने गुमराह करने की कोशिश की। तलाशी में गांजा पकड़े जाने के बाद दोनों ने तस्करी करना स्वीकार किया।
डीआरआई ने दोनों को गिरफ्तार करने के बाद विशेष न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है। साथ ही उनसे मिले इनपुट के आधार पर तस्करी में लिप्त अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।
डीआरआई को रायपुर यूनिट को सूचना मिली थी कि कोयले से भरे एक ट्रक में गांजा का परिवहन किया जा रहा है। सूचना के आधार पर दो दिन तक ट्रक को पकडऩे के लिए लगातार निगरानी की जा रही थी।
इस दौरान दर्जनों ट्रकों की तलाशी लेने के दौरान कोयला लेकर जा रहे ट्रक को रोका गया, लेकिन चालक ने फैक्ट्री में कोयला ले जाना बताया। संदेह के आधार पर तलाशी लेने पर उसमें गांजा मिला।
इसके बरामद होने पर ट्रक के चालक और परिचालक ने गांजा का परिवहन करना स्वीकार किया। डीआरआई के अधिकारियों ने बताया कि बरामद किए गए गांजा को भेजने वाले और उत्तरप्रदेश में कहा ले जा रहे थे इसकी जांच की जा रही है।
मूसलाधार बारिश के बाद आई विनाशकारी बाढ़ और कीचड़ धंसने से 115 लोगों की मौत
दिल्ली (एजेंसी)। उत्तरी और पश्चिमी रवांडा में मूसलाधार बारिश के बाद आई विनाशकारी बाढ़ और कीचड़ धंसने से कम से कम 115 लोगों की मौत हो गई है। राज्य द्वारा संचालित ब्रॉडकास्टर ने बुधवार को कहा, मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।
रवांडा ब्रॉडकास्टिंग एजेंसी (आरबीए) ने अपनी वेबसाइट पर कहा, "कल रात हुई बारिश ने उत्तरी और पश्चिमी प्रांतों में तबाही मचाई है। ट्विटर अकाउंट पर तस्वीरों में कीचड़ की नदियों में घिरे घर, भूस्खलन और बाढ़ वाले खेतों से सड़कें कटी हुई दिखाई दे रही हैं।
ब्रॉडकास्टर ने कहा कि बाढ़ का पानी अब भी बढ़ रहा है, जिससे और लोगों की जान को खतरा है। अधिकांश मौतें पश्चिमी प्रांत में हुईं, जो किवु झील की सीमा से लगा हुआ है। बाढ़ का पानी घरों और बुनियादी ढांचे को बहा ले गया है और सड़कें बंद हो गई हैं।
युगांडा सहित पूर्वी अफ्रीका के अन्य हिस्सों में बारिश और बाढ़ से तबाही हुई है, जहां छह लोगों के मारे जाने की सूचना है।
रवांडा के आपातकालीन प्रबंधन के प्रभारी मंत्री मैरी सोलंगे कायसिरे ने बताया, राहत के प्रयास तुरंत शुरू हो गए, जिसमें आपदा के पीड़ितों को दफनाने में मदद करना और जिनके घर नष्ट हो गए थे, उन्हें आपूर्ति प्रदान करना शामिल है।
उन्होंने स्थानीय निवासियों से विशेष रूप से रात में गश्त बढ़ाने का आह्वान किया, ताकि भारी बारिश होने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा सके। पड़ोसी युगांडा में, देश के पश्चिम में मूसलाधार बारिश के दिनों के बाद भूस्खलन से छह लोगों की मौत हो गई।
मृतकों में से पांच एक ही परिवार के थे और एक ही गांव के थे।
1 मई को शेयर बाजार रहेगा बंद, महाराष्ट्र दिवस की वजह से स्टॉक मार्केट में नहीं होगा कारोबार
मुंबई (एजेंसी)। सोमवार यानी 1 मई को शेयर बाजार आज बंद रहेगा। महाराष्ट्र दिवस की वजह से स्टॉक मार्केट में कारोबार नहीं होगा। बीएसई पर उपलब्ध हॉलिडे कैलेंडर के मुताबिक, दोनों प्रमुख एक्सचेंज एनएसई और बीएसई महाराष्ट्र दिवस के कारण बंद रहेंगे। इससे पहले 29 अप्रैल को शनिवार और 30 अप्रैल को रविवार होने के कारण स्टॉक मार्केट बंद था। यानी ये लगातार तीसरा दिन है जब शेयर बाजार बंद है।
अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी के तिमाही नतीजे आज जारी होंगे। तिमाही नतीजों से पहले शुक्रवार को अडाणी ग्रीन के शेयरों में तेजी देखी गई। यह स्टॉक 3.81% के उछाल के साथ 952 रुपए के भाव पर बंद हुआ है। वित्त वर्ष 2023 (FY23) की तीसरी तिमाही में कंपनी को 103 करोड़ रुपए का प्रॉफिट हुआ था। जो एक साल पहले इसी तिमाही में पोस्ट किए गए 49 करोड़ की तुलना में दोगुने से अधिक था।
इसके अलावा आज एनडीटीवी के तिमाही नतीजे भी आएंगे। शुक्रवार को एनडीटीवी का शेयर 4.68% की बढ़त के साथ 190 रुपए के भाव पर बंद हुआ। अडाणी ग्रुप की कंपनी एनडीटीवी को वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में 12.9 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था, जो एक साल पहले इसी अवधि में 27.6 करोड़ से कम था।
शुक्रवार को अडाणी ग्रुप के सभी 10 शेयरों में तेजी रही थी। ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी का अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 3.72% चढ़ा था। अडाणी ट्रांसमिशन और अडाणी पावर में 5-5% की तेजी देखने को मिली थी। अडाणी पोर्ट्स, विल्मर, टोटल गैस, ग्रीन एनर्जी, अंबुजा सीमेंट, एसीसी और एनडीटीवी के शेयरों में भी तेजी रही थी।
इससे पहले हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार (28 अप्रैल) को शेयर बाजार में तेजी देखने को मिली थी। सेंसेक्स 463 अंकों की बढ़त के साथ 61,112 के स्तर पर बंद हुआ था। निफ्टी में भी 137 अंकों की तेजी देखने को मिली, यह 18,052 के स्तर पर बंद हुआ था। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 22 में तेजी और 8 में गिरावट देखने को मिली थी।