Chhattisgarh
ग्रामीण को डंडा से मारकर चोट पहुचाकर फरार हत्या के आरोपी को परतापुर पुलिस ने गिरफ्तार किया
टेमरूपानी में हेसा कोडिंग पंडुम महोत्सव में शामिल हुए विधायक नाग
मुख्य न्यायाधीश या संयुक्त संसदीय समिति (जे.पी.सी.) द्वारा हिंडनवर्ग रिपोर्ट पर निष्पक्ष जांच की मांग
आकाश पोद्दार बने विश्व हिंदू रक्षा संगठन के जिला अध्यक्ष
पंजाब के दो ड्रग पैडलर जो ब्राउन शुगर डिलीवरी करने पुलिस ने किया गिरफ्तार
रायपुर। पुलिस ने पंजाब के दो ड्रग पैडलर जो ब्राउन शुगर डिलीवरी करने आए थे उन्हें गिरफ्तार कर लिया है और उनसे दस लाख रुपए कीमती 104 ग्राम ब्राउन शुगर जब्त किया है। लेकिन जिस तस्कर को ये दोनों आरोपी ड्रग्स देने आये थे वो मौके से फरार हो गया। ये मामला सरस्वती नगर थाना क्षेत्र का है।
पुलिस ने आरोपियों की पहचान पंजाब निवासी कंवल जीत सिंह और बलराज सिंह के रूप में की है वहीँ फरार आरोपी रूपिन्दर सिंह उर्फ पिन्दर की तलाश कर रही है। पुलिस ने बताया कि पिन्दर पहले भी ड्रग तस्करी के मामलों में कई बार जेल जा चुका है।
पुलिस ने बताया कि मुखबिर से मिली जानकारी के बाद आरोपियों को चांदनी चौक स्थित रेलवे स्टेशन गली पास ब्राउन शुगर के साथ रंगे हाथ पकड़ा गया। वहीँ पिन्दर मौका पाकर फरार हो गया।
पुलिस ने उत्तर प्रदेश में संचालित महादेव सट्टा एप के पैनल संचालित करने वाले 9 आरोपियों को रंगेहाथ सट्टा लगवाते किया गिरफ्तार
दुर्ग। पुलिस ने उत्तर प्रदेश में संचालित महादेव सट्टा एप के पैनल संचालित करने वाले 9 आरोपियों को रंगेहाथ सट्टा लगवाते गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि उनकी एक विशेष टीम पुराने पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर नए पैनल का पता कर रही थी। इस दौरान पुलिस को पता चला कि एक आरोपी कई लड़कों को दिल्ली लेकर गया है और वहां महादेव आईडी चला रहा है।
पुलिस ने उसके बारे में जानकारी जुटानी शुरू की। आखिरकार तीन दिन पहले पुलिस को जानकारी मिली थी वो लोग ग्रेटर नोएडा में पूरा पैनल चला रहे हैं। पुलिस ने तुरंत एक टीम को ग्रेटर नोएडा रवाना किया। पुलिस की टीम पहले तो रेकी की। उसके बाद जब पुख्ता हो गया कि किस ठिकाने पर वो लोग यह काम कर रहे हैं, सीधे दबिश दे दी। पुलिस को देखकर वो लोग हड़बड़ा गए। भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपियों से 3 लैपटॉप, 15 मोबाइल व करोड़ों रुपए के लेनदेन का हिसाब, बैंक पासबुक व एटीएम जब्त किया गया है।
मुख्यमंत्री बघेल आज गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को 8.23 करोड़ रूपए का करेंगे भुगतान
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रविवार को मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के राशि अंतरण के लिए आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 8 करोड़ 23 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी करेंगे, जिसमें 15 जनवरी से 31 जनवरी तक गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय 2.38लाख क्विंटल गोबर के एवज में 4 करोड़ 76 लाख रूपए, गौठान समितियों को 2.04 करोड़ रूपए और महिला समूहों को 1.43 करोड़ रूपए की लाभांश राशि शामिल हैं।
यहां यह उल्लेखनीय है कि गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी के एवज में विक्रेताओं को अंतरित की जाने वाली 4.76 करोड़ रूपए की राशि में से मात्र 1.98 करोड़ की राशि कृषि विभाग द्वारा तथा 2.78 करोड़ रूपए का भुगतान स्वावलंबी गौठानों द्वारा किया जाएगा। गौरतलब है कि राज्य में अब तक 4927 गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं, जो स्वयं की जमा पूंजी से गोबर क्रय करने लगे हैं। स्वावलंबी गौठानों द्वारा अब तक 40.49 करोड़ रूपए का गोबर स्वयं की राशि से क्रय कर भुगतान किया गया है।
गौठानों में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने की 12 यूनिट शुरू
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप राज्य में पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए स्थापित गौठान तेजी से ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित होने लगे हैं। गौठानों में विविध आयमूलक गतिविधियों के संचालन के साथ-साथ नवाचार के रूप में गोबर से प्राकृतिक पेंट का उत्पादन भी शुरू हो गया है। वर्तमान में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिए 12 यूनिटें शुरू हो चुकी है। क्रियाशील यूनिटों के माध्यम से अब तक 17936 लीटर प्राकृतिक पेंट का उत्पादन किया गया है, जिसमें से 9622 लीटर प्राकृतिक पेंट के विक्रय से 22 लाख 51 हजार 110 रूपए की आय अर्जित हुई है। राज्य के 28 जिलों के 29 चिन्हित गौठानों में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने की यूनिट स्थापना अंतिम चरण में है। शीघ्र ही इनसे प्राकृतिक पेंट का उत्पादन होने लगेगा।
गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को 403.58 करोड़ का भुगतान
गोधन न्याय योजना के तहत राज्य में हितग्राहियों को 395 करोड़ 35 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है। 5 फरवरी को 8.23 करोड़ के भुगतान के बाद यह आंकड़ा 403 करोड़ 58 लाख रूपए हो जाएगा। यह यहां उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य में 20 जुलाई 2020 से गोधन न्याय योजना के तहत 2 रूपए किलो में गोबर की खरीदी की जा रही है। राज्य में 31 जनवरी 2023 तक 103.25 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। गोबर विक्रेताओं से 15 जनवरी तक क्रय किए गए गोबर के एवज में 201.73 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। 5 फरवरी को गोबर विक्रेताओं को 4.76 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद यह आंकड़ा 206 करोड़ 49 लाख रूपए हो जाएगा। गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को 175 करोड़ 64 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है। गौठान समितियों तथा स्व-सहायता समूह को 5 फरवरी को 3.47 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 179.11करोड़ रूपए हो जाएगा।
गौठानों में 1 लाख 26 हजार 858 लीटर गोमूत्र की खरीदी, 25.74 लाख रूपए का बिक चुका ब्रम्हास्त्र और जीवामृत
राज्य के गौठानों में 4 रूपए लीटर की दर से गोमूत्र की खरीदी की जा रही है। गौठानों में अब तक 1 लाख 26 हजार 858लीटर गौमूत्र क्रय किया जा चुका है। इससे गौठानों में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा 47,447लीटर कीट नियंत्रक ब्रम्हास्त्र और 21,008 लीटर वृद्धिवर्धक जीवामृत तैयार किया गया है। 59,557 लीटर ब्रम्हास्त्र और जीवामृत की बिक्री से अब तक कुल 25 लाख 74 हजार 355 रूपए की आय हुई है।
गोबर से 27.56 लाख क्विंटल कम्पोस्ट खाद का उत्पादन
गौठानों में महिला समूहों द्वारा अब तक कुल 27 लाख 56 हजार क्विंटल से अधिक कम्पोस्ट का उत्पादन किया गया है। जिसमें 22 लाख 5 हजार 138 किवंटल वर्मी कम्पोस्ट, 5 लाख 50 हजार 862 क्विंटल से अधिक सुपर कम्पोस्ट एवं 18,924 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट प्लस खाद शामिल है, जिसे सोसायटियों के माध्यम से क्रमशः 10 रूपए, 6 रूपए तथा 6.50 रूपए प्रतिकिलो की दर पर विक्रय किया जा रहा है। महिला समूह गोबर से खाद के अलावा गो-कास्ट, दीया, अगरबत्ती, मूर्तियां एवं अन्य सामग्री का निर्माण एवं विक्रय कर लाभ अर्जित कर रही हैं। गौठानों में महिला समूहों द्वारा इसके अलावा सब्जी एवं मशरूम का उत्पादन, मुर्गी, बकरी, मछली पालन एवं पशुपालन के साथ-साथ अन्य आय मूलक विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है, जिससे महिला समूहों को अब तक 105 करोड़ 67 लाख रूपए की आय हो चुकी हैं। राज्य में गौठानों से 11,885 महिला स्व-सहायता समूह सीधे जुड़े हैं, जिनकी सदस्य संख्या 1,36,123 है। गौठानों में क्रय गोबर से विद्युत एवं प्राकृतिक पेंट सहित अन्य सामग्री का भी उत्पादन किया जा रहा है।
गोधन न्याय से 3 लाख 23 हजार से अधिक ग्रामीण पशुपालक लाभान्वित
राज्य में गोधन के संरक्षण और संर्वधन के लिए गांवों में गौठानों का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। गौठानों में पशुधन देख-रेख, उपचार एवं चारे-पानी का निःशुल्क प्रबंध है। राज्य में अब तक 10,743 गांवों में गौठानों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है, जिसमें से 9671गौठान निर्मित एवं शेष गौठान निर्माणाधीन है। गोधन न्याय योजना से 3 लाख 23 हजार 983 ग्रामीण, पशुपालक किसान लाभान्वित हो रहे हैं।
गौठानों में 17.58 लाख क्विंटल धान पैरा एकत्र
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अपील पर राज्य के किसानों द्वारा अपने गांवों के गौठानों को पैरादान किए जाने का सिलसिला अनवरत रूप से जारी है। राज्य के किसान भाई पैरा को खेतों में जलाने के बजाय उसे गौमाता के चारे के प्रबंध के लिए गौठान समितियों को दे रहे हैं। ऐसे किसान भाई जिनके पास पैरा परिवहन के लिए ट्रेक्टर या अन्य साधन उपलब्ध है, वह स्वयं धान कटाई के बाद पैरा गौठानों में पहुंचाकर इस पुनीत कार्य में सहभागिता निभा रहे हैं। गौठान समितियों द्वारा भी किसानों से दान में मिले पैरा का एकत्रीकरण कराकर गौठानों में लाया जा रहा है। गौठानों में अब तक 17 लाख 58 हजार क्विंटल पैरा गौमाता के चारे के लिए उपलब्ध है।
माओवादियों ने पुलिस फोर्स को नुकसान पहुंचाने सड़क पर लगाया गया था आईईडी बम, सुरक्षाबलों ने बरमाद किया 10 किलो का आईईडी
कोंडागांव। माओवादियों ने कोंडागांव जिले में पुलिस फोर्स को नुकसान पहुंचाने सड़क पर आईईडी बम लगाया गया था। सुरक्षाबलों ने सतर्कता दिखते हुए आईईडी को बरामद कर लिया। पुलिस जवानों और बम डिस्पोजल टीम मौके पर विस्फोट कर आईईडी को नष्ट कर दिया। मामला बयानार थाना क्षेत्र का है।
प्राप्त जानकार के अनुसार, पुलिस को नक्सल प्रभावित बयानार थाना क्षेत्र अंतर्गत बयानार से पेरमापाल जाने वाले निर्माणाधीन रोड में मडानार और पेरमापाल के बीच आईईडी लगाने की सूचना मिली थी। इस पर कोंडागांव पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल ने आईईडी से संभावित बड़ी दुर्घटना को रोकने तत्काल कोंडागांव के बम डिस्पोजल टीम और बयानार थाना की फोर्स को आईईडी लगने के संभावित स्थानों पर डिमाइनिंग करने का आदेश दिया।
डिमाइनिंग के दौरान बयानार से पेरमापाल जाने के रास्ते में डोकरी घाट के पास सड़क पर 10 किलो का जिंदा आईईडी लगा हुआ मिला। इस पर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आईईडी से बड़ी दुर्घटना रोकने वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश पर बम डिस्पोजल टीम और पुलिस फोर्स ने सावधानी पूर्वक कार्य करते हुए तत्काल मौके पर ही आईईडी बम को नष्ट कर दिया गया। पुलिस ने बताया कि माओवादियों ने पुलिस फोर्स को नुकसान पहुंचाने की नीयत से बम लगाया था।
मुख्यमंत्री बघेल ने प्रदेश के पहले मोबाईल मिलेट कैफे मिलेट ऑन व्हील्स को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
रायपुर। मुख्यमंत्री बघेल ने शनिवार को रायगढ़ जिले के खरसिया में प्रदेश के पहले मोबाईल मिलेट कैफे 'मिलेट ऑन व्हील्स' को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उच्च शिक्षामंत्री उमेश पटेल व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर रागी से बना केक काटा। उन्होंने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे मिलेट के उपभोग के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। उन्होंने इस मोबाइल कैफे का संचालन करने वाली महिला समूह को अपनी शुभकामनाएं दीं।
गौरतलब है कि जिला प्रशासन रायगढ़ की पहल पर शुरू हुआ यह 'मिलेट ऑन व्हील्स' कैफे एक चलता फिरता मिलेट कैफे होगा। जिसमें रागी, कोदो, कुटकी से बने लजीज व्यंजन परोसे जायेंगे। इसे अनुभव महिला समूह संचालित करेगा। इस मोबाइल मिलेट कैफे में रागी का चीला, डोसा, मिलेट्स पराठा, इडली, मिलेट्स मंचूरियन, पिज्जा, कोदो की बिरयानी और कुकीज जैसे पकवान चखने को मिलेंगे। गौरतलब है कि मोटे अनाजों के उत्पादन और उपभोग को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर मिलेट मिशन चलाया जा रहा है।अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट ईयर के रूप में मनाया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी, रागी की समर्थन मूल्य पर की जा रही है खरीदी
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में मिलेट्स को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी और रागी का ना सिर्फ समर्थन मूल्य घोषित किया गया अपितु समर्थन मूल्य पर खरीदी भी की जा रही है। इस पहल से छत्तीसगढ़ में मिलेट्स का रकबा डेढ़ गुना बढ़ा है और उत्पादन भी बढ़ा है। मुख्यमंत्री की पहल पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में विधायकों और मीडिया के लिए मिलेट्स से बने व्यंजनों को बढ़ावा देने के लिए दोपहर भोज का भी आयोजन किया जा चुका है। छत्तीसगढ़ में मिलेट कैफे भी प्रारंभ हो चुका है। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के नथिया-नवागांव में मिलेट्स का सबसे बड़ा प्रोसेसिंग प्लांट भी स्थापित किया जा चुका है। मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए गौठानों में विकसित किए जा रहे रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में मिलेट्स प्रोसेसिंग प्लांट लगाए जा रहे हैं।
आस्था, आध्यात्म और संस्कृति का त्रिवेणी संगम राजिम माघी पुन्नी मेला
रायपुर। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में स्थित पवित्र धार्मिक नगरी राजिम में प्रतिवर्ष माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक पंद्रह दिनों का मेला लगता है। राजिम में तीन नदियों का संगम है इसलिए इसे त्रिवेणी संगम भी कहा जाता है, यहाँ मुख्य रूप से तीन नदियां बहती हैं, जिनके नाम क्रमशः महानदी, पैरी नदी तथा सोंढूर है। संगम स्थल पर कुलेश्वर महादेव जी विराजमान है। राज्य शासन द्वारा वर्ष 2001 से राजिम मेले को राजीव लोचन महोत्सव के रूप में मनाया जाता था, वर्ष 2005 से इसे कुम्भ के रूप में मनाया जाता रहा था, और अब 2019 से राजिम माघी पुन्नी मेला के रूप में मनाया जा रहा है। यह आयोजन छत्तीसगढ़ शासन धर्मस्व एवं पर्यटन विभाग एवं स्थानीय आयोजन समिति के तत्वाधान में होता है। मेला की शुरुआत कल्पवास से होती है। पखवाड़े भर पहले से श्रद्धालु पंचकोशी यात्रा प्रारंभ कर देते हैं पंचकोशी यात्रा में श्रद्धालु पटेश्वर, फिंगेश्वर, ब्रम्हनेश्वर, कोपेश्वर तथा चम्पेश्वर नाथ के पैदल भ्रमण कर दर्शन करते हैं तथा धुनी रमाते हैं। 101 किमी की यात्रा का समापन होता है और माघ पूर्णिमा से मेला का आगाज होता है।
इस वर्ष 5 फरवरी माद्य पूर्णिमा से 18 फरवरी महाशिवरात्रि तक राजिम माद्यी पुन्नी मेला आयोजित किया गया है। राजिम माघी पुन्नी मेला में विभिन्न जगहों से हजारों साधू संतों का आगमन होता है। प्रतिवर्ष हजारो की संख्या में नागा साधू, संत आदि आते हैं, तथा विशेष पर्व स्नान तथा संत समागम में भाग लेते हैं, प्रतिवर्ष होने वाले इस माघी पुन्नी मेला में विभिन्न राज्यों से लाखों की संख्या में लोग आते हैं और भगवान राजीव लोचन तथा कुलेश्वर नाथ महादेव के दर्शन करते हैं और अपना जीवन धन्य मानते हैं। लोगो में मान्यता है कि भगवान जगन्नाथपुरी की यात्रा तब तक पूरी नही मानी जाती, जब तक भगवान राजीव लोचन तथा कुलेश्वर नाथ के दर्शन नहीं कर लिए जाते, राजिम माघी पुन्नी मेला का अंचल में अपना एक विशेष महत्व है।
राजिम अपने आप में एक विशेष महत्व रखने वाला एक छोटा सा शहर है। राजिम गरियाबंद जिले का एक तहसील है। प्राचीन समय से राजिम अपने पुरातत्वों और प्राचीन सभ्यताओं के लिए प्रसिद्ध है। राजिम मुख्य रूप से भगवान राजीव लोचन के मंदिर के कारण प्रसिद्ध है। राजिम का यह मंदिर आठवीं शताब्दी का है। यहाँ कुलेश्वर महादेव का भी मंदिर है। जो संगम स्थल पर विराजमान है। राजिम माघी पुन्नी मेला प्रतिवर्ष माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक चलता है। इस दौरान प्रशासन द्वारा विविध सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजन होते हैं।