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ओडिशा के बालासोर में ट्रेन हादसा, 238 लोगों की मौत
भुवनेश्वर (एजेंसी)। ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम ट्रेन हादसे में 238 लोगों की मौत हो गई। एक्सीडेंट में 900 से ज्यादा यात्री घायल हुए। रेलवे के मुताबिक 650 लोगों को अस्पताल में एडमिट किया गया है। हादसा बालासोर के बहानगा बाजार स्टेशन के पास शाम करीब 7 बजे हुआ।
रेलवे के मुताबिक कोलकाता-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस और यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस बहानगा स्टेशन के पास डिरेल हो गई थीं। इसके बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन पास के ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई।
ख़बरों के मुताबिक रेलवे अधिकारियों ने बताया कि पहले यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस डिरेल हुई थी। इसके कुछ डिब्बे दूसरी पटरी पर पलटे और दूसरी तरफ से आ रही शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए।
इसके बाद कोरोमंडल ट्रेन की भी कुछ बाोगियां पटरी से उतर गईं। ये बोगियां दूसरे ट्रैक पर मालगाड़ी से भिड़ गईं। कुछ बोगियां मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गईं।
राहुल गांधी का बड़ा बयान, कहा- ‘मुस्लिम लीग पूरी तरह सेक्युलर पार्टी’
दिल्ली (एजेंसी)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी अमेरिका की यात्रा पर हैं और वहां से उनके एक के बाद एक बयान जारी हो रहे हैं। ताजा बयान मुस्लिम लीग पर है। राहुल ने वॉशिंगटन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सवाल पूछे जाने पर कहा, मुस्लिम लीग पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष पार्टी है। मुस्लिम लीग के बारे में कुछ भी गैर-धर्मनिरपेक्ष नहीं है।
राहुल गांधी से केरल में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के साथ कांग्रेस के गठबंधन पर सवाल पूछा गया था। राहुल ने यह भी कहा कि जिस व्यक्ति ने यह सवाल पूछा है, उसने मुस्लिम लीग को पढ़ा ही नहीं है।
भारत में विपक्ष बहुत अच्छी तरह एकजुट : राहुल
इससे पहले कांग्रेस नेता ने गुरुवार को कहा कि भारत में विपक्ष काफी अच्छी तरह एकजुट है और जमीनी स्तर पर कई अच्छे काम हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में एक छिपी हुई अंडरकरंट बन रही है और यह अगले आम चुनाव में लोगों को चकित कर देगी।
वॉशिंगटन में नेशनल प्रेस क्लब में मीडिया से बातचीत में राहुल ने कहा, मुझे लगता है कि अगले दो वर्षों में कांग्रेस काफी अच्छा करेगी। कर्नाटक चुनाव परिणामों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, अगले तीन या चार राज्यों के विधानसभा चुनावों का इंतजार कीजिए और देखिए.. जो आगे होने वाली चीजों का बेहतर संकेतक होंगे।
विपक्षी एकता पर राहुल ने कहा, मेरा मानना है कि वे और ज्यादा एकजुट हो रहे हैं। हम सभी विपक्षी दलों से बात कर रहे हैं। यह काफी जटिल बातचीत है क्योंकि कुछ जगहों पर हम भी एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। इसलिए यह कुछ हद तक जरूरत के मुताबिक लेन-देन है। लेकिन मुझे विश्वास है कि यह होकर रहेगा।
फिलाडेल्फिया में अज्ञात हमलावरों ने भारतीय मूल के छात्र की गोली मारकर की हत्या
न्यूयॉर्क (एजेंसी)। फिलाडेल्फिया में अज्ञात हमलावरों ने भारतीय मूल के 21 वर्षीय एक छात्र की गोली मारकर हत्या कर दी। केरल के कोल्लम जिले के रहने वाले जूड चाको को रविवार (स्थानीय समय) पर काम से लौटते समय गोली मार दी गई थी। उनके माता-पिता 30 साल पहले अमेरिका चले गए थे।
पुलिस अधिकारियों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि पार्ट-टाइम काम करने वाले छात्र चाको पर लूट के प्रयास के दौरान दो लोगों ने किया हमला। उसका अंतिम संस्कार शनिवार को फिलाडेल्फिया के मलंकारा कैथोलिक चर्च में होने की संभावना है। इसके पहले इस साल अप्रैल में, आंध्र प्रदेश के एक 24 वर्षीय छात्र साईश वीरा की ओहियो में एक फ्यूल स्टेशन पर अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
पेरू में अल नीनो के मद्देनजर आपातकाल की घोषणा
लीमा (एजेंसी)। पेरू सरकार ने अल नीनो के संभावित आगमन के ‘आसन्न खतरे’ के मद्देनजर रविवार को देश के 131 जिलों में 60 दिन के आपातकाल की घोषणा की। आधिकारिक राजपत्र ‘एल पेरुआनो’ में प्रकाशित एक सरकारी आदेश के अनुसार, अपुरिमैक, कुस्को, जुनिन और पुनो समेत नौ डिपार्टमेंट के 131 जिलों में आपातकाल लगाया गया है। इस उपाय के तहत आपातकालीन प्रतिक्रिया और पुनर्वास कार्यों को निष्पादित करने के लिए क्षेत्रीय प्रशासनों के साथ ही राष्ट्रीय नागरिक सुरक्षा संस्थान (इंडेसी), स्वास्थ्य मंत्रालय और अन्य संस्थानों का आह्वान किया जाता है।
इंडेसी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि नौ डिपार्टमेंट की सरकारों के पास ‘अल नीनो’ के कारण पैदा होने वाली संभावित स्थिति से निपटने के लिए प्रतिक्रिया क्षमता नहीं है, जिससे राष्ट्रीय स्तर की सहायता आवश्यक हो जाती है।
गौरतलब है कि ऊष्ण कटिबंधीय प्रशांत के भूमध्यीय क्षेत्र में समुद्र के तापमान और वायुमंडलीय परिस्थितियों में आये बदलाव के लिए उत्तरदायी समुद्री घटना को अल नीनो कहा जाता है। यह दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी तट पर स्थित ईक्वाडोर, चिली और पेरु देशों के तटीय समुद्री जल में कुछ सालों के अंतराल पर घटित होती है। इससे परिणाम स्वरूप समुद्र के सतही जल का तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है।
भारत में जन्मे याकूब पटेल को चुने गए ब्रिटेन के प्रेस्टन के मेयर
लंदन (एजेंसी)। ब्रिटेन के प्रेस्टन शहर में पार्षद नील डार्बी का कार्यकाल पूरा होने के बाद 2023-24 के लिए गुजरात में जन्मे याकूब पटेल को शहर का भारतीय मूल का पहला मुस्लिम मेयर चुना गया है। अपनी नई भूमिका में, पटेल परिषद की बैठकों की अध्यक्षता करेंगे, और औपचारिक प्रमुख के रूप में कार्यालय में अपने पूरे वर्ष के कार्यक्रमों में शहर का प्रतिनिधित्व करेंगे।
पटेल ने कहा, मैं प्रेस्टन का मेयर बनकर सम्मानित और खुश महसूस कर रहा हूं, एक ऐसा शहर जिसे मैं अपना घर कहने में गर्व महसूस करता हूं। मैं उन समुदायों के लिए सकारात्मक बदलाव की उम्मीद करता हूं, जिनकी मैं सेवा करता हूं और आने वाले वर्ष के लिए अपने मेयरल चैरिटी के माध्यम से अतिरिक्त सहायता भी प्रदान करता हूं। अपनी नई भूमिका से पहले, पटेल मई 2022 से शहर के डिप्टी मेयर के रूप में काम कर रहे हैं।
लंबे समय से सेवारत पार्षद नागरिक कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं और उन्होंने तत्कालीन मेयर के साथ गर्मियों में शाही परिवार की यात्रा की मेजबानी की थी। प्रेस्टन के निवर्तमान मेयर डार्बी ने एक ट्वीट में लिखा, निर्वाचित मेयर, पार्षद याकूब पटेल को कार्यालय की जंजीर सौंपते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। पिछला वर्ष मेरे जीवन का सबसे उत्कृष्ट अनुभव रहा है और यह मेरे लिए एक बड़ा सम्मान रहा है।
गुजरात के भरूच में जन्मे पटेल ने एमएस यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ौदा से अंग्रेजी साहित्य में बीए और एमए की डिग्री के साथ स्नातक किया। वह जून 1976 में यूके आए और 1979 में प्रेस्टन कॉपोर्रेशन के साथ अपने करियर की शुरुआत की। पटेल ने 4 जुलाई, 2009 को सेवानिवृत्त होने से पहले एक राजस्व निरीक्षक, यातायात निरीक्षक, सहायक प्रमुख, मुख्य निरीक्षक और संचालन प्रबंधक के रूप में भी भूमिकाएं निभाईं।
वह 10 साल की उम्र से राजनीति में शामिल हो गए, जब उन्होंने अपने दिवंगत पिता, जो एक कांग्रेस पार्टी के सदस्य थे, के लिए प्रचार करना और पत्रक वितरित करना शुरू किया। वह पहली बार 1995 में एवनहम वार्ड के लिए लेबर पार्टी के पार्षद के रूप में चुने गए थे और प्रेस्टन सिटी काउंसिल के इतिहास में पहले मुस्लिम पार्षद थे। इसके अलावा, पटेल को 2001-2009 के दौरान प्रेस्टन वेस्ट डिवीजन के लंकाशायर काउंटी पार्षद के रूप में भी चुना गया था। प्रेस्टन जामिया मस्जिद और प्रेस्टन मुस्लिम दफन सोसाइटी के सह-चयनित सदस्य भी हैं। वह फ्रेंचवुड कम्युनिटी प्राइमरी स्कूल के स्कूल गवर्नर हैं।
WHO ने किया दावा, कहा भारत में प्राकृतिक आपदा से 1.3 लाख लोगों की जान गई
जिनेवा (एजेंसी)। भारत में पिछले 50 सालों में गंभीर मौसमी दशाओं, जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाओं के कारण 1.3 लाख लोगों की मौत हुई है। ये आंकड़े 1970 से 2021 के है। संयुक्त राष्ट्र (WHO) की विशेष एजेंसी विश्व मौसम विज्ञान विभाग ने अपनी रिपोर्ट नें यह दावा किया है।
अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इन सालों में भारत को 573 आपदाओं का सामना करना पड़ा है। इन आपदाओं में 1,38,377 लोगों की जान गई है। साथ ही 5 से 12 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
वहीं भारत मौसम विज्ञान विभाग ने भारत की जलवायु पर जो वार्षिक वक्तव्य जारी किया था, उसमें विभाग ने बताया था कि 2022 में चरम मौसम की घटनाओं के कारण देश में 2,227 लोग हताहत हुए थे।
बात करे वैश्विक स्तर की तो 11,778 आपदा की घटनाएं इस समयावधि में दर्ज की गईं। साथ ही वैश्विक स्तर पर इस अवधि के दौरान 20 लाख से अधिक लोगों की जानें गई। 4.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ। दुनिया भर में रिपोर्ट की गई मौतों में से 90 प्रतिशत से अधिक विकासशील देशों में हुई हैं।
जी-20 बैठक से पहले जम्मू कश्मीर में एक आतंकी गिरफ्तार
जम्मू (एजेंसी)। जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में 22 मई से जी-20 की बैठक है। यह बैठक की बैठक शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में होनी है। इससे एक दिन पहले एनआईए ने जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आतंकी का नाम मोहम्मद उबैद मलिक है, जो कुपवाड़ा जिले का रहने वाला है।
जानकारी के अनुसार, आतंकी उबैद पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद कमांडर के संपर्क में था। वह आतंकी संगठन को भारतीय सैनिकों और सुरक्षा बलों की आवाजाही के बारे में गुप्त जानकारी पहुंचा रहा था।
वहीं अब भारत ने सुरक्षा के मद्देनजर जी-20 मेहमानों का गुलमर्ग दौरा रद्द कर दिया है। खबर थी कि आतंकी वहां किसी बड़ी साजिश को अंजाम दे सकते हैं।
आईएएफ ने मिग.21 लड़ाकू विमानों के पूरे बेड़े के उड़ान भरने पर लगा दी रोक
नई दिल्ली (एजेंसी)। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने मिग-21 लड़ाकू विमानों के पूरे बेड़े के उड़ान भरने पर रोक लगा दी है। दरअसल, सूरतगढ़ एयरबेस से उड़ान भरने वाला मिग-21 बाइसन विमान 8 मई को राजस्थान के हनुमानगढ़ में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी।
वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों ने बताया, जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती और दुर्घटना के कारणों का पता नहीं चल जाता, तब तक मिग-21 के बेड़े को रोक दिया गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना में केवल तीन मिग -21 स्क्वाड्रन काम कर रहे हैं और उन सभी को 2025 की शुरुआत में चरणबद्ध तरीके से हटा दिया जाएगा।
बता दें कि राजस्थान के ऊपर दुर्घटनाग्रस्त हुआ फाइटर जेट एक नियमित प्रशिक्षण उड़ान पर था, जब यह दुर्घटनाग्रस्त हो गई। पायलट को मामूली चोटें आईं, जिसके बाद दुर्घटना के सही कारण की जांच के लिए जांच शुरू की गई।
वायु सेना के पास 31 लड़ाकू विमान स्क्वाड्रन हैं, जिनमें तीन मिग -21 बाइसन संस्करण शामिल हैं। MIG-21 को 1960 के दशक में वायु सेना में शामिल किया गया था और फाइटर के 800 वेरिएंट सेवा में हैं।
भारत सरकार ने सजा पूरी होने पर 22 पाकिस्तानी कैदियों को किया रिहा, भेजा अपना देश
नई दिल्ली (एजेंसी)। भारत सरकार द्वारा सजा पूरी होने पर 22 पाकिस्तानी कैदियों को रिहा किया गया है. उन्हें सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों द्वारा अटारी-वाघा सीमा पर संयुक्त जांच चौकी पर पाकिस्तानी अधिकारियों को सौंपा गया है. अधिकारियों का कहना है कि इन सभी कैदियों को पाकिस्तानी उच्चायोग द्वारा जारी किए गए आपातकालीन यात्रा प्रमाणपत्र के आधार पर पाकिस्तान भेजा गया है।
अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि जब इन पाकिस्तानी नागरिकों की गिरफ्तारी की गई थी तब इनके पास यात्रा को लेकर कोई दस्तावेज नहीं पाया गया था. जिन 22 कैदियों को रिहा गया है उनमें से 9 मछुआरे गुजरात की कच्छ जेल तो 10 अमृतसर की केंद्रीय कारागार और तीन तीन अन्य जेलों में बंद थे. इन मछुआरों को भारतीय नौसेना ने गिरफ्तार किया था।
पाकिस्तान ने 198 भारतीय मछुआरों को किया था रिहा
वहीं आपको बता दें कि बीते सप्ताह ही पाकिस्तान की तरफ से भी भारतीय मछुआरों को रिहा किया गया था. पाकिस्तान की मालिर जेल जेल में बंद 198 भारतीय मछुआरों को रिहा किया गया था. उन्हें अटारी-वाघा सीमा पर भारतीय अधिकारियों को सौंपा गया था. इस दौरान मलीर जेल अधीक्षक नजीर टुनियो की तरफ से कहा गया था कि उनकी तरफ से अभी भारतीय मछुआरों के पहले जत्थे को रिहा किया गया है. जून और जुलाई में बाकि के कैदियों को भी रिहा किया जाएगा. नजीर टुनियो की तरफ से बताया गया था कि इस बार 200 भारतीय मछुआरों को रिहा किया जाना था लेकिन 2 मछुआरों की बीमारी के कारण मौत हो गई. जबकि 200 और 100 मछुआरों को बाद में रिहा किया जाएगा.
जनवरी 17 पाकिस्तानी नागरिकों को किया था रिहा
जनवरी में भी भारत में सजा काट रहे 17 पाकिस्तानी नागरिकों को रिहा किया गया था. अटारी-वाघा सीमा के रास्ते उन्हें स्वदेश भेजा गया था. भारत की तरफ से एक जनवरी को देश की जेलों में बंद 339 पाकिस्तानी कैदियों और 95 पाकिस्तानी मछुआरों की सूची पाकिस्तान के साथ शेयर की गई थी.
2000 की नोटबंदी से गरमाई सियासत, इन 4 चुनावी राज्यों में बिगड़ेगा गणित
नई दिल्ली (एजेंसी)। केंद्र सरकार ने दो हजार रुपये के नोट को बंद कर दिया है। इन रुपयों की ‘नोटबंदी’ तब की गई है जब बाजार में दो हजार रुपये के नोट एक तरह से दिखने बंद हो गए थे। इसे लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे थे। दो हजार रुपये को बंद करने पर अब सियासी पार्टियों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। वहीं दो हजार रुपये के नोटों के बंद होने की टाइमिंग को सियासत के नजरिए से भी देखा जा रहा है।
सियासी जानकार दबी जुबान से इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि इसका असर आने वाले कांग्रेस शासित दो राज्य छत्तीसगढ़ और राजस्थान और भाजपा शासित मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) और बीआरसी शासित तेलंगाना के चुनाव में भी पड़ सकता है। इनकम टैक्स से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि चुनावों के दौरान पकड़ा जाने वाला कैश इस बात की ओर इशारा करता है कि इलेक्शन में किस तरीके से पैसों से चुनाव मैनेजमेंट होता है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से दो हजार रुपये के नोट बंद किए जाने को सियासी गलियारों में एक अलग नजरिए से देखा जा रहा है। सियासी गलियारों में कहा जा रहा है कि यह नोटबंदी तब हुई है जब अगले कुछ महीनों मे चार राज्यों में बड़े चुनाव होने हैं। देश में चुनावी सर्वे करने वाली और चुनाव के दौरान होने वाले खर्चे पर नजर रखने वाली एक प्रमुख एजेंसी से जुड़े अनिमेष सिंह कहते हैं कि चुनाव के दौरान किस तरह से खर्चे होते हैं यह बात किसी से छिपी नहीं है। यह बात अलग है कि चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही वह सभी खर्चे दिखाने होते हैं लेकिन यह भी सबको पता है कि एक चुनाव को लड़ने में जमीनी तौर पर कितना खर्चा आता है। इसके अलावा कहते हैं कि चुनाव में “फंड मैनेजमेंट” बहुत बड़ी प्रक्रिया होती है। ऐसे में बड़े नोटों के बंद होने से चुनावी फंड मैनेजमेंट पर भी असर पड़ेगा।
राजनीतिक विश्लेषक आरपी शुक्ला कहते हैं कि 2016 में हुई नोटबंदी के बाद उत्तर प्रदेश में चुनाव हुए थे। शुक्रवार को अब 2000 नोट बंद होने के बाद राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में चुनाव होने हैं। उनका कहना है यह बात अलग है कि इसको कोई राजनीतिक पार्टी स्वीकार नहीं करेगी, लेकिन चुनाव के दौरान ऐसे ही नोटों से फंड मैनेजमेंट से सियासी सरगर्मियों को हवा तो मिलती है। नेशनल इकोनॉमिक रिसर्च सेंटर एंड डेवलपमेंट के अनमोल चतुर्वेदी कहते हैं यह चिंता का विषय तो था ही कि आखिर दो हजार रुपए के नोट अचानक बाजार से कहां गायब हो गए। चतुर्वेदी कहते हैं कि अब आने वाले चुनाव में इसका कितना असर पड़ेगा यह तो कहना थोड़ा मुश्किल है।
इनकम टैक्स से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि चुनाव के दौरान जब्त होने वाली नगदी इशारा करती है कि किस तरह से चुनावों में अनअकाउंटेड पैसे से चुनावी मैनेजमेंट किया जाता है। किसी भी राज्य में होने वाले चुनाव के दौरान कैश का पकड़ा जाना सामान्य प्रक्रिया हो गई है। वो कहते हैं कि कई बार तो लोग अपने दस्तावेजों को दिखाकर अपने पैसों को बचा सकते हैं लेकिन ज्यादातर मामलों में यह रकम जब्त हो जाता है। चार्टर्ड अकाउंटेंट मनोज पांडे कहते हैं कि दो हजार के नोट जब बाजार में आए थे तो चर्चा इस बात को लेकर भी सबसे ज्यादा हो रही थी कि क्या इससे कालाबाजारी रुकेगी। उनका कहना है कि जिम्मेदार एजेंसियों ने इस बात को भली भांति समझा होगा कि आखिर बाजार से दो हजार के नोट अचानक क्यों गायब हो गए। शायद यही वजह रही कि इन नोटों को बंद कर दिया गया। मनोज कहते हैं कि जिन लोगों ने इन बड़े नोटों को रोक कर अपने पास ‘अनअकाउंटेड अमाउंट’ के तौर पर रखा होगा उनके लिए तो निश्चित तौर पर परेशानियां बढ़ने वाली है। उनका कहना है कि ब्लैक मनी के तौर पर इस्तेमाल होने वाले इन नोटों का असर अलग-अलग जगहों पर तो निश्चित तौर पर दिखेगा।
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने इस नोट बंदी को भारतीय जनता पार्टी की सरकार की बड़ी नाकामी बताया। उन्होंने ट्वीट कर नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा कि कि उनकी खासियत यही है वह सोचते बाद में है और करते पहले हैं। जयराम रमेश आगे कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इसी नजरिए की वजह से आठ नवंबर 2016 को लागू किया गया तुगलकी फरमान फेल हो गया। इसके साथ ही दो हजार रुपये के नोट को अब चलन से बाहर किया जा रहा है।
वो कहते हैं कि यह फैसला ही गलत था। उनका कहना है कि नोटबंदी जैसे बड़े फैसले से देश के ना सिर्फ अर्थव्यवस्था बिगड़ी बल्कि देश के लोगों को महीनों लाइन में लगना पड़ा था। उत्तर प्रदेश कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता सुरेंद्र राजपूत कहते हैं कि दो हजार रुपये का नोट केंद्र सरकार ने तब बंद किया है जब कर्नाटक का चुनाव हार गए। वह कहते हैं यह फैसला पहले भी गलत था। आखिरकार इस नोट को बंद करके प्रधानमंत्री ने साबित कर दिया कि उनका फैसला गलत था और गलत फैसले को देर सवेर वापस तो लेना ही पड़ता है।