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वित्त मंत्रालय बजट में मध्यम वर्ग को राहत देने पर कर रहा विचार
नई दिल्ली (एजेंसी)। नरेन्द्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के अंतिम पूर्ण बजट में मध्यम वर्ग को लाभ देने वाले प्रस्ताव पर वित्त मंत्रालय विचार कर रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी, 2023 को लोकसभा में वित्त वर्ष 2023-24 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी। बजट दस्तावेज को अंतिम रूप देने का आखिरी चरण पारंपरिक हलवा समारोह के साथ शुरू हो गया है।
सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि वित्त मंत्रालय विभिन्न सरकारी विभागों की तरफ से भेजे गए ऐसे प्रस्तावों पर विचार कर रहा है, जिनसे मध्यम वर्ग के बड़े तबके को लाभ पहुंच सके। बजट में मध्यम वर्ग आयकर में छूट की सीमा बढ़ाने की उम्मीद कर रहा है। इसकी घोषणा वित्त वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट में की जा सकती है। मोदी सरकार ने अभी तक आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाया नहीं है।
वित्त वर्ष 2014-15 के बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मोदी सरकार का पहला बजट पेश करते समय तय की थी। इसके अलावा 2019 से मानक कटौती 50 हजार रुपये बनी हुई है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि महंगाई के उच्च स्तर में वेतनभोगी मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए आयकर छूट की सीमा और मानक कटौती बढ़ाने की जरूरत है।
जानकारी के मुताबिक आयकर छूट सीमा और मानक कटौती में फेरबदल करने के अलावा वित्त मंत्रालय 80-सी के अंतर्गत निवेश छूट सीमा बढ़ाने की संभावनाओं पर भी विचार कर रहा है। इसमें जीवन बीमा, एफडी, बॉन्ड, आवासीय और पीपीएफ और अन्य सेवाएं आती हैं। फिलहाल इसके तहत 1.50 लाख रुपये तक के निवेश पर छूट है। दरअसल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के हाल ही में दिए एक बयान ने मध्यम वर्ग की उम्मीदें और बढ़ा दी है कि आगामी केंद्रीय बजट में उन्हें कुछ राहत मिल सकती है। वित्त मंत्री ने कहा था कि वे इस वर्ग पर मौजूद दबाव से अवगत हैं। उन्होंने कहा था कि मैं भी मध्यम वर्ग से हूं। इसलिए मैं इस वर्ग पर दबाव को समझती हूं।
ये ध्वज हैं भारत के शौर्य के प्रतीक, कितनों को पहचानते हैं आप
नई दिल्ली (एजेंसी)। गणतंत्र दिवस की 74वीं वर्षगांठ पर पहली बाद महिला आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तीनों सेनाओं की सलामी ली. कर्तव्यपथ पर देश की संस्कृति, विरासत और शौर्य की झांकिंया देखने को मिलीं. परेड में आकाश मिसाइल, अर्जुन टैंक जैसे घातक हथियारों ने देश का गौरव बढ़ाया. वहीं 50 विमानों की उड़ान ने सीमाओं से परे भारतीय वायुसेना की शक्ति का प्रर्दशन किया.
देश की नौसेना ने भी कॉम्बैट रेडी, क्रेडिबल, कोहेसिव एंड फ्यूचर प्रूफ थीम पर झांकी प्रस्तुत की. यही वह दिन है जब देश के सशस्त्र बल अपने साहस और शौर्य का प्रदर्शन करते हैं. हर बल अपने झंडे को आसमान की बुलंदियों तक ऊंचा कर अपना दमखम दुनिया को दिखाता है. ये ध्वज ही हमारे शौर्य के प्रतीक हैं.
आइये आपको बताते हैं हमारी सेनाएं और उनके ध्वजों के बारे में-
थल सेना : भारतीय थल सेना सशस्त्र बलों की सबसे बड़ी शाखा है. इसका ध्वज लाल रंग का है जिसमें बांई ओर ऊपर तिरंगा झंडा है और दांई ओर थल सेना का प्रतीक चिन्ह है. थल सेना का ध्येयवाक्य है- सेवा परमो धर्म:
नौसेना : वर्ष 2022 में ही भारतीय नौसेना ने नए ध्वज को अपनाया है. यह ध्वज सफेद रंग का है जिसमें एक ओर तिरंगा और दूसरी ओर नौसेना के प्रतीक चिन्ह के तौर पर गहरे नीले रंग पर अशोक स्तम्भ अंकित है.
वायु सेना : वायु सेना का ध्वज आसमानी नीले रंग का है. इसमें भी एक ओर देश का तिरंगा झंडा है जबकि दूसरी ओर वायु सेना का प्रतीक चिन्ह है. इसके डिजाइन को 1933 में पहली बार अपनाया गया था और अब तक 4 बार बदला जा चुका है.
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड : वर्ष 1984 के ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद इसे बनाया गया था. इसे ब्लैक कैट भी कहा जाता है. इसका ध्वज काले रंग का है जिसमें बीचों-बीच पर एनएसजी का प्रतीक चिन्ह है और इसका मोटो ‘सर्वत्र सर्वोत्तम सुरक्षा’ लिखा हुआ है.
सशस्त्र सीमा बल : यह नेपाल और भूटान के साथ लगी देश की सीमाओं पर तैनात है. इसकी स्थापना 1963 में भारत-चीन युद्ध के बाद की गई थी. इसका ध्वज लाल रंग का है जिसके बीच में प्रतीक चिन्ह और मोटो ‘सेवा-सुरक्षा-बंधुत्व’ होता है.
सीमा सुरक्षा बल : इसे वर्ष 1965 में भारत-पाक युद्ध के बाद पाकिस्तान और बांग्लादेश की सीमा पर तैनाती के लिए बनाया गया था. इसका ध्वज गहरे लाल और गहरे नीले रंग का है जिसके बीचों बीच इसका मोटो और प्रतीक चिन्ह अंकित हैं.
इंडियन आर्म्ड फोर्सेज़ : भारतीय सशस्त्र बल में थल सेना, नौसेना और एयर फोर्स शामिल हैं. इसके ध्वज में लाल, गहरा नीला और आसमानी नीला रंग है जो वास्तव में तीनों सेनाओं को प्रदर्शित करता है. ध्वज के बीच में तीनों सेनाओं के प्रतीक चिन्ह अंकित हैं.
राहुल गाँधी की भारत जोड़ो यात्रा आज जम्मू संभाग से कश्मीर में करेगी प्रवेश
श्रीनगर (एजेंसी)। जम्मू-कश्मीर में भारत जोड़ो यात्रा का कारवां लगातार बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को यात्रा जम्मू संभाग से कश्मीर में प्रवेश करेगी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पदयात्रा एक दिन के विश्राम के बाद बनिहाल से आगे के लिए बढ़ गई है।
आज वह दूरी तय की जाएगी जो बुधवार को नहीं कर पाए थे। उन्होंने बताया कि अब तब जम्मू कश्मीर में यात्रा विभिन्न जिलों में लगभग 90 किलोमीटर की दूरी तय कर चुकी है।
रामबन और बनिहाल के बीच बारिश, पहाड़ों से पत्थर गिरने और भूस्खलन के कारण बुधवार को राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही यात्रा को चंद्रकोट (रामबन) में रोकना पड़ा था।
बारिश के बीच रामबन से आगे के लिए रवाना हुई लेकिन बनिहाल में रास्ता बंद होने के कारण यात्रा को वापस चंद्रकोट में लाया गया। गणतंत्र दिवस पर विश्राम के बाद बनिहाल होते हुई श्रीनगर के लिए यात्रा रवाना हो गई है।
30 नवंबर को शेर-ए-कश्मीर मैदान श्रीनगर में भारत जोड़ो यात्रा को संपन्न किया जाना है। इससे पहले कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यात्रा का सभी स्थानों पर यात्रा का बेहतर तरीके से स्वागत किया जा रहा है।
अनंतनाग और श्रीनगर जिलों में भी यात्रा को अच्छी प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद है। यात्रा में घाटी के कई लोग जुड़ेंगे।
आने वाले महीनों में पूरी तरह बर्बाद हो जाएगी पाकिस्तान की इकोनॉमी
नई दिल्ली (एजेंसी)। पाकिस्तान की मीडिया में आजकल ये खबर चल रही है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल जरदारी को शंघाई कॉपरेशन के विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए भेजा गया न्योता बातचीत शुरू करने का एक संकेत है. हालांकि, जमीनी हालात कुछ अलग हैं.
2023 में SCO के अध्यक्ष के तौर पर यह भारत की जिम्मेदारी है कि वह इस साल होने वाले SCO समिट में सभी सदस्यों को निमंत्रण दे. इस बीच पाकिस्तान को जिस बात पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है, वह है उसका बड़ा आर्थिक संकट. और आने वाले महीनों में पाकिस्तान के आर्थिक हालात और बिगड़ सकते हैं. आइए समझ लेते हैं कैसे.
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बेहद बुरे दौर से गुजर रही है. ऐसे में दक्षिण एशियाई देश की सबसे बड़ी प्राथमिकता कर्ज से छुटकारा दिलाना है. IMF ने पाकिस्तान को लोन देने के लिए बेहद सख्त शर्तें रखी हैं. इसके लिए पाकिस्तान के पीएम शरीफ को बिजली टैरिफ बढ़ाना होगा और रेवेन्यू जुटाने के लिए ज्यादा टैक्स लगाना होगा. इतने सख्त कदम उठाना पाकिस्तान की मौजूदा सरकार के लिए बेहद ज्यादा मुश्किल होगा, क्योंकि इससे उसे भारी राजनीतिक नुकसान झेलना पड़ेगा.
अगर उसे यह मदद मिल भी जाती है, तो भी अर्थव्यवस्था मुश्किल में ही फंसी रहेगी. आईएमएफ से मदद मिलने के बाद अर्थव्यवस्था केवल कुछ महीनों तक ही ठीक स्थिति में रहेगी, शायद जून 2023 तक. पाकिस्तान को अगले छह महीनों के दौरान करीब 10 अरब डॉलर की जरूरत होगी. आईएमएफ प्रोग्राम के अलावा कई दूसरे देशों से भी मदद मिलने के बाद ही वे इस राशि को जुटा सकेंगे. लेकिन यह राशि केवल जून तक ही काम आएगी.
अगले वित्त वर्ष में, पाकिस्तान को 30 अरब डॉलर या ज्यादा की और जरूरत पड़ेगी. इससे पहले ही आईएमएफ मदद के लिए बेहद सख्त शर्तें रख रहा है. इस शर्तों का नतीजा सिर्फ राजनितिक तौर पर नुकसानदेह नहीं, बल्कि वित्तीय तौर पर भी खतरनाक होगा. आने वाले समय में महंगाई के बढ़ने की भी उम्मीद है. महंगाई बढ़कर 40 से 50 फीसदी तक पहुंच सकती है.
आर्थिक संकट के बीच पाकिस्तान में तेल की कीमतों में उछाल आएगा, पावर टैरिफ बढ़ेगा और गैस की कीमतों में भी उछाल आएगा. इसके अलावा पाकिस्तानी रुपया भी बड़े धड़ाम से गिरेगा. कुछ जानकारों का कहना है कि पाकिस्तानी रुपया कुछ महीनों में 300 के आंकड़े को पार कर सकता है. इसकी वजह से देश में भयंकर महंगाई देखने को मिलेगी, जो अभी भी लोगों को परेशान कर रही है.
दो साल बाद लाल किला में 15 अगस्त पार्क और माधव दास पार्क में ‘भारत पर्व’ का आगाज, भारत की संस्कृति की दिखेगी झलक
नई दिल्ली (एजेंसी) । राजधानी दिल्ली में दो साल बाद लाल किला स्थित 15 अगस्त पार्क और माधव दास पार्क में ‘भारत पर्व’ का आगाज हो गया है। पर्व में विभिन्न राज्यों के व्यंजन से लेकर भारत की संस्कृति, कला की झलक देखने को मिलेगी। गुरुवार को केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने भारत पर्व का उद्घाटन किया।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि दो साल के बाद भारत पर्व आयोजित किया गया है। भारत संस्कृति और विरासत का देश है। भारत पर्व एक भारत श्रेष्ठ भारत के संकल्प को पूरा करता है। देश के विभिन्न हिस्सों से अलग-अलग कलाकार, संगीतकार, शिल्पकार और हस्त कलाकार यहां आए हैं। अलग-अलग राज्यों के भोजन का आनंद भी ले सकते हैं। अगले छह दिन तक इस ऐतिहासिक लाल किला पर एक लघु भारत का दर्शन देख सकते हैं।
वर्ष 2016 में भारत पर्व की शुरुआत हुई थी, लेकिन बीच में कोरोना के चलते आयोजन नहीं हो सका था। इस वर्ष 31 जनवरी तक भारत पर्व का आयोजन चलेगा। दोपहर 12 बजे से लोगों को प्रवेश मिलेगा।
भारत पर्व में फूड फेस्टिवल, हस्तशिल्प मेला, लोक और आदिवासी नृत्य प्रदर्शन और गणतंत्र दिवस की झांकी देखी जा सकती है। देखो अपना देश, एक भारत श्रेष्ठ भारत, जी 20 और मिशन लाइफ के बारे में जानने का मौका मिलेगा। क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों के साथ-साथ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सांस्कृतिक मंडलों द्वारा सांस्कृतिक प्रदर्शन, एक अखिल भारतीय फूड कोर्ट और 65 हस्तकला स्टालों के साथ एक अखिल भारतीय शिल्प बाजार इस पर्व का हिस्सा है।
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने भारत के गणतंत्र दिवस पर दी शुभकामनाएं
नई दिल्ली (एजेंसी)। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने भारत के गणतंत्र दिवस पर शुभकामनाएं दी है। उन्हाेंने अपने शुभकामना संदेश में लिखा है कि यह दिन आधुनिक भारत की समृद्ध संस्कृति और प्रभावशाली उपलब्धियों का सम्मान करने का क्षण है। यह भारतीय विरासत के सभी लोगों के लिए अपने साझा प्यार और साझा विश्वास के आसपास एकजुट होने का मौका है। मैं उन सभी को शुभकामनाएं देता हूं जो एक खुशहाल #RepublicDay मना रहे हैं। उन्हाेंने कहा कि 26 जनवरी ऑस्ट्रेलिया का भी राष्ट्रीय दिवस है।
दोनों देशों के राष्ट्रीय पर्व में यह समानता हमें अपनी दोस्ती की गहराई का जश्न मनाने का मौका देता है। आस्ट्रेलियाई पीएम ने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमें अपने संबंधों को मजबूती और गहराई देते हुए अपने साझा भविष्य की ओर बढ़ना है। ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने लिखा है कि भारत ने अपनी आजादी के बाद सात दशकों में असाधारण प्रगति की है। ऑस्ट्रेलिया दोनों देशों के संबंध के लिए भारत का आभार व्यक्त करता है। यह संबंध दोनों देशों को समृद्ध करता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर नागरिकों को दी बधाई
नई दिल्ली (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरूवार को गणतंत्र दिवस के अवसर पर नागरिकों को बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, “गणतंत्र दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं। इस बार का यह अवसर इसलिए भी विशेष है, क्योंकि इसे हम आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान मना रहे हैं। देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करने के लिए हम एकजुट होकर आगे बढ़ें, यही कामना है।
भारत के 74वें गणतंत्र दिवस पर देश में पहली इंट्रानेजल कोविड-19 वैक्सीन इनकोवैक लॉन्च
नई दिल्ली (एजेंसी)। भारत के 74वें गणतंत्र दिवस पर देश में पहली इंट्रानेजल कोविड-19 वैक्सीन इनकोवैक लॉन्च हो गई है। इसी के साथ वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ एक और हथियार तैयार हो गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने भारत बायोटेक के नाक संबंधी कोविड टीके iNCOVACC का शुभारंभ किया।
दुनिया का पहला मेड-इन-इंडिया इंट्रानेजल वैक्सीन को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के आवास पर लॉन्च किया गया। आपको बता दें कि नाक के टीके - BBV154 - को नवंबर में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से वयस्कों के बीच विषम बूस्टर खुराक के रूप में प्रतिबंधित आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी मिली थी।
भारत बायोटेक द्वारा पहले जारी किए गए एक बयान के अनुसार, 'iNCOVACC' नेजल कोविड वैक्सीन की कीमत निजी बाजारों के लिए 800 रुपये है, जबकि भारत सरकार और राज्य सरकारों को आपूर्ति के लिए 325 रुपये है। बता दें कि iNCOVACC एक पूर्व-संलयन स्थिर स्पाइक प्रोटीन के साथ एक पुनः संयोजक प्रतिकृति की कमी वाले एडेनोवायरस वेक्टरेड वैक्सीन है। हैदराबाद स्थित टीका निर्माता ने इसके बारे में बताया था कि इस टीके का चरण I, II और III नैदानिक परीक्षणों में सफल परिणामों के साथ मूल्यांकन किया गया था।
वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने आज अपने आवास पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के समक्ष सर्वाइकल कैंसर की पहली स्वदेशी ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) वैक्सीन Cervavac भेंट की।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने वैक्सीन की खासियत बताते हुए कहा, 'इसे SII के सहयोग से जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा विकसित किया गया था। खासतौर पर महिलाओं के लिए अगर उपलब्ध करा दिया जाए तो सर्वाइकल कैंसर के कारण उन्हें होने वाली कठिनाई को दूर किया जा सकता है। यह गर्व की बात है कि यह पूरी तरह से स्वदेशी वैक्सीन है।
बता दें कि SII के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने मंगलवार को सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए पहली देश में निर्मित एचपीवी वैक्सीन 'सर्वावैक' लांच करने की घोषणा की थी। इस वैक्सीन को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पूनावाला और सीरम इंस्टीट्यूट में सरकार व नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश के. सिंह की उपस्थिति में लांच किया गया था।
बजट में सरकारी कर्मचारियों के लिए हो सकते हैं बड़े ऐलान, वित्तमंत्री देंगी तोहफा
नई दिल्ली (एजेंसी) । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2023 को केंद्रीय बजट पेश करने वाली हैं. बजट से पहले देश के हर वर्ग को वित्त मंत्री से कई उम्मीदें हैं क्योंकि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह आखिरी पूर्ण बजट है. साल 2024 चुनाव का साल है, ऐसे में देश के हर वर्ग को लुभाने की सरकार पूरी कोशिश करेगी. देश में लाखों की संख्या में केंद्रीय कर्मचारियों को केंद्र सरकार बड़ा तोहफा दे सकती है. इसके साथ ही सरकार कर्मचारियों को एक झटका दे सकती है. आइए जानते हैं कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट 2022-23 क्या तोहफा दे सकती हैं-
आपको बता दें कि केंद्रीय कर्मचारी लंबे वक्त से ही सैलरी रिविजन को लेकर मांग कर रहे हैं और इस मामले में सरकार से उनकी कई बार चर्चा भी हो चुकी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी रिविजन अगले वेतन आयोग के फिटमेंट फैक्टर के जरिए कर सकती हैं. साल 2016 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह कहा था कि सरकार हर 10 साल के बजाय हर साल वेतन वृद्धि पर विचार कर रही है. ऐसे में इस नियम के लागू होने से छोटे कर्मचारियों को भी उच्च पद पर बैठे कर्मचारियों के बराबर सैलरी की सुविधा मिलेगी.
फिलहाल सरकार 8वें वेतन आयोग के गठन में एक साल का समय और ले सकती है और इसके लिए बजट 2023 में अपना फार्मूला पेश कर सकती हैं. ऐसे में वित्त मंत्री साल दर साल सैलरी रिविजन के फॉर्मूले को इस साल के बजट भाषण में शामिल कर सकती हैं. अगर सरकार ऐसा करती है तो केंद्रीय कर्मचारियों में छोटे पदों पर काम करने वाले लोगों को भी बड़ा फायदा मिलेगा.
सरकार तोहफे के साथ ही केंद्रीय कर्मचारियों को एक झटका भी दे सकती है. सरकार कर्मचारियों को घर की मरम्मत करने के लिए हाउस बिल्डिंग अलाउंस (HBA) देती है. यह पैसे सरकार एडवांस के तौर पर कर्मचारियों को देती है जिस पर ब्याज दर वसूला जाता है. पहले इस पर 7.1 फीसदी ब्याज लिया जाता था जिससे उसे बजट में बढ़कर 7.5 फीसदी किया जा सकता है. इसके साथ ही सरकार एडवांस राशि को 25 लाख से बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर सकती है. ऐसे में अगर सरकार HBA में बदलाव करती है तो कर्मचारियों को ब्याज दर ज्यादा से ज्यादा देना होगा.
248 PFI कार्यकर्ताओं की संपत्ति कुर्क
कोच्चि (एजेंसी)। केरल सरकार ने सोमवार को केरल हाई कोर्ट को बताया है कि उन्होंने पिछले साल हुई हिंसा में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में प्रतिबंधित संगठन PFI के 248 कार्यकर्ताओं की संपत्ति कुर्क की है। इससे पहले हाई कोर्ट ने वसूली में देरी होने पर नाराजगी जताई थी।
इससे पहले राज्य सरकार ने दिसंबर में कोर्ट को आश्वासन दिया था कि 15 जनवरी तक वसूली पूरी कर ली जाएगी। इस पर हाई कोर्ट ने 18 जनवरी को राज्य सरकार को निर्देश दिए कि पीएफआई की हड़ताल के दौरान हुए नुकसान की वसूली करके 23 जनवरी तक जिले वार रिपोर्ट दी जाए। हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि वसूली कार्यवाही से पहले नोटिस जारी करने की जरूरत नहीं है।
न्यायालय के निर्देशानुसार राज्य के राजस्व विभाग ने प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के गिरफ्तार नेताओं की संपत्ति कुर्क करने के लिए शुक्रवार को राज्यव्यापी अभियान शुरू किया। हाई कोर्ट के समक्ष आज दायर की गई कार्रवाई रिपोर्ट में गृह विभाग ने जानकारी दी है कि राज्य के मलप्पुरम जिले से सर्वाधिक वसूली की गई है। राज्य सरकार ने यह भी बताया कि जिले में कुर्क की गई संपत्तियों के संबंध में कुछ आपत्तियां प्राप्त हुई हैं और इनकी जांच की जाएगी।
विपक्षी दलों ने सरकार पर लगाए आरोप
रविवार को केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी यूडीएफ की सहयोगी पार्टी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने आरोप लगाया कि प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर सरकार आईयूएमएल के कार्यकर्ताओं को परेशान कर रही है और हड़ताल के दौरान हिंसा में शामिल असली दोषियों को बचाया जा रहा है।
हिंसा में सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति का नुकसान
प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के नेताओं पर आरोप है कि संगठन के कार्यालयों पर देश भर में हुई छापेमारी और प्रतिबंध के बाद संगठन द्वारा बुलाई गई हड़ताल में हिंसा हुई और सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। राज्य सरकार द्वारा कोर्ट को दी गई जानकारी के अनुसार, हड़ताल के दौरान 86 लाख रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ। इसके अलावा हिंसा के दौरान 16 लाख रुपए की निजी संपत्ति का नुकसान हुआ। पुलिस ने इस संबंध में कुल 361 मामले दर्ज किए और 2,674 लोगों को गिरफ्तार भी किया है।