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सोते समय इन बातों का रखें ध्यान, भूलकर भी न करें ये गलती
हेल्थ न्युज (एजेंसी)। इंसान की जिंदगी में अच्छा और बुरा वक्त कभी भी आ सकता है, लेकिन कुछ परेशानियां ऐसी होती हैं जिनकी भरपाई लंबे समय तक नहीं हो पाती। कर्ज में डूबा होना एक ऐसा ही संकट है। कर्ज से उबरना आसान नहीं है। कई बार इंसान की पूरी जिंदगी कर्ज चुकाने में निकल जाती है। ऐसे हालात के लिए हमारी गलतियां भी जिम्मेदार होती हैं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, नींद एक बहुत ही महत्वपूर्ण क्रिया है जो न केवल शरीर को कुछ आवश्यक आराम देती है, बल्कि आपके दिमाग को भी थोड़ी शांति देती है। लेकिन क्या आप जानते हैं की सोने से जुड़े भी कुछ वास्तु नियम है जिसका पालन करना अनिवार्य है। यदि आपने उन नियमों का पालन नहीं किया तो आप आर्थिक रूप से कमज़ोर हो सकते हैं। इसीलिए वास्तु शास्त्र कहता है कि सोने से पहले इन आदतों का पालन करना ज़रूरी है। आइए जानते हैं कौन सी हैं वो आदतें।
सोने से पहले ध्यान रखें ये बातें
सोने से पहले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करना बंद करने के साथ उसे अपने आसपास भी नहीं रखना चाहिए। यदि आपने अपने बैडरूम में या बिस्तर के नीचे भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण रख लिए तो इसका आपके स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है ।
बहुत से लोग सुबह उठने के तकिये नीचे अलार्म घड़ी रखते हैं। तकिये के नीचे अलार्म घड़ी रखने से प्रेम संबंधों में तनाव उतपन्न होता है। इसीलिए अलार्म घड़ी हमेशा अपने बिस्तर के दाएं या बाएं तरफ रखें।
वास्तु शास्त्र के अनुसार सोते समय तकिए के नीचे पर्स रखकर नहीं सोना चाहिए। पर्स में माता लक्ष्मी का वास होता है और तकिये के नीचे पर्स दबाकर सोने से माता लक्ष्मी नाराज होती हैं।
अक्सर लोग किताब पढ़ते पढ़ते उसे तकिये के नीचे रख कर सो जाते हैं। लेकिन वास्तुशास्त्र कहता है कि यदि आप ऐसा करते हैं तो घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। वास्तु शास्त्र में किताब, अखबार आदि को बुध ग्रह से जोड़ा जाता है और उन्हें सही स्थान पर न रखने से बुध ग्रह कमजोर होता है।
गर्मियों में लू से बचने बेहद फायदेमंद है ये चटनी
हेल्थ न्युज (एजेंसी)। गर्मियों के मौसम पेय पदार्थ ज्यादा पिए जाते हैं और खाना हल्का खाया जाता है, फिर भी कई बार लू लग जाने और पेट की परेशानियां या एसिडिटी जैसी दिक्कतें हो ही जाती हैं। अगर गर्मियों में आप इन परेशानियों से बचे रहना चाहते हैं, तो इसका एक आसान सा उपाय छिपा हुआ है आपकी रसोई अंदर। तो और ज्यादा देर न करते हुए आइए जानते हैं इसके बारे में।
माइक्रोब्लॉगिंग साइट, कू ऐप पर मौजूद मशहूर योग गुरु, आध्यात्मिक वक्ता, लेखिका और संस्कृति दार्शनिक आचार्य प्रतिष्ठा ने अपनी लेटेस्ट पोस्ट में गर्मियों के मौसम में फिट रहने का हिट फार्मूला शेयर किया है। अपने कू वीडियो में आचार्य प्रतिष्ठा बताती हैं कि, 'गर्मियों के मौसम में लू लग जाना, पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन, शरीर सूख जाना, पेट खराब हो जाना जैसी परेशानियां काफी आम हैं। हालांकि, इस मौसम में हमारी रसोई में मिलने वाला कच्चा आम इन सभी परेशानियों से छुटकारा दिलाने के लिए बहुत कारगर है।
'ये गैस्ट्रोएंटेस्टाइनल ट्रैक्ट को बेहतर करता है, जिससे कुछ ऐसे पाचक एंजाइम निकलते हैं, जो हमारे पाचन तंत्र के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। इसके अलावा कच्चा आम एसिडिटी, गैस, कब्ज, अपच जैसी परेशानियों को दूर करता है और गर्मियों में लू से बचाता है।
विधि:- कढ़ाई या पैन को गैस पर रखें। इसमें घी डालकर इसे पिघला लें। जैसे ही घी गर्म हो जाए इसमें जीरा डालकर भूनें। फिर इसमें गुठली समेत कटा हुआ कच्चा आम डालें। अब इसमें नमक डाल दें। फिर पानी डालकर पकाएं। इसमें गुड़ का एक टुकड़ा डालकर अच्छे से चलाएं। कच्चा आम पूरी तरह से पकाएं वरना खाने में मजा नहीं आएगा। बस तैयार है आपकी डिश। इसे लंबे समय तक स्टोर करके रख सकते हैं। स्वादिष्ट होने के साथ ही यह शरीर के लिए भी बेहद फायदेमंद चटनी है।
कई बीमारियों को दूर करती है तोरई, जाने इसके फायदे
हेल्थ न्युज (एजेंसी)। तोरई अपने आहार में शामिल करने और गर्मी के महीनों के दौरान शरीर को ठंडा रखने के लिए गर्मियों की आदर्श सब्जी है। पानी की मात्रा में उच्च और कैलोरी पर कम, तुरई कुकुर्बिटेसी या लौकी परिवार से संबंधित है और फाइबर, विटामिन ए, विटामिन सी, लोहा, मैग्नीशियम, विटामिन बी 6, पोटेशियम, सोडियम, जस्ता, तांबा और सेलेनियम का भंडार है। तोरई अपने उच्च फाइबर और पानी की मात्रा के साथ आपके कब्ज के मुद्दों को भी कम कर सकती है। गर्मियों के दिनों में तोरई कब्ज को कम करने, वजन कम करने और ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है।
तोरई आपके रक्त शर्करा के स्तर को संतुलित करने में भी प्रभावी है। यह लिवर के कार्य के लिए भी अद्भुत मानी जाती है क्योंकि सब्जी जहरीले कचरे, शराब के अवशेषों को खत्म करने और वसा के संचय को रोकने में मदद करती है। जिसके चलते कई बीमारियों से छुटकारा मिलता है। गर्मियों में भूख मर जाती है। लेकिन आप जानते हैं कि इस मौसम से बचने के लिए अच्छी तरह से खाने की जरूरत है।
तोरई के फायदे-
सूजन को कम करने से लेकर वजन घटाने में सहायता करने तक, तुरई के कई फायदे हैं। सब्जी विटामिन सी, आयरन, मैग्नीशियम, राइबोफ्लेविन, थायमिन और जिंक का भंडार है जो शरीर में सूजन को कम करने में मदद करता है।
तोरई आयरन और मैंगनीज का एक समृद्ध स्रोत है। यह बीटा कैरोटीन में उच्च है और इस प्रकार आंखों को स्वस्थ रखने के लिए जानी जाती है।
यह लिवर को स्वस्थ रखने का काम करती है। लिवर को डिटॉक्सिफाई करने का काम करती है और शराब के नशे से भी बचाती है।
यह दिल के लिए अच्छी है और आपको खतरनाक बीमारियों से बचाने के लिए फ्री रेडिकल्स से लड़ती है।
यह फाइबर में उच्च है और विटामिन सी और ए का अच्छा स्रोत है।
जानें गर्मी में आम खाने के फायदे
हेल्थ न्युज (एजेंसी)। फलों बड़ों से लेकर बच्चे तक सभी इसे खाना पसंद करते हैं। यह स्वाद के साथ सेहत से भी है भरपूर। गर्मी में लोग इस फल को खाना खूब करते हैं पसंद। दुनियाभर में आम की लगभग 1400 किस्में हैं, लेकिन हमारे देश में उगायी जाने वाली , दशहरी, लंगड़ा, फज़ली, केशर, सिंदूरी आदि आम की मुख्य किस्में हैं।गर्मी में आम खाने के ढेरों फायदे हैं। इसे बहुत ही गुणकारी फल माना जाता है। इस मौसम में आप अपनी डाइट में आम जरूर शामिल करें। इसमें कई तरह के विटामिंस और मिनरल्स पाए जाते हैं। आम में पोटैशियम, प्रोटीन, मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। जो शरीर को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। तो आइए जानते हैं आम सेहत के लिए कैसे है फायदेमंद।
पाचन तंत्र को रखे दुरुस्त
आम में फाइबर पाया जाता है, जो पाचन को बेहतर बनाता है। इसमें मौजूद एंजाइम पाचन शक्ति को बढ़ाते हैं। अगर आप नियमित रूप से आम खाते हैं, तो पाचन बेहतर हो सकता है।
आंखों के लिए फायदेमंद
आम में ल्यूटिन, ज़ेक्सैन्थिन और विटामिन ए होते हैं, ये सभी तत्व आंखों को स्वस्थ रखने में सहायता करते हैं। ल्यूटिन और ज़ेक्सैन्थिन आपकी आंखों को धूप से बचा सकते हैं, जबकि विटामिन ए को आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए अच्छा माना जाता है।
इम्यून सिस्टम को करता है मजबूत
आम विटामिन-सी और विटामिन-ए भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के महत्वपूर्ण माने जाते हैं। जिससे आप कई तरह के संक्रमण और अन्य बीमारियों से बच सकते हैं।
दिल की सेहत के लिए
आम में मैग्नीशियम, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं। ये तत्व दिल को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। आम के सेवन से आप दिल से जुड़ी बीमारियों से बच सकते हैं।
स्किन को ढीला पड़ने से बचाने के लिए डाइट में शामिल करें ये
हेल्थ न्युज (एजेंसी)। बढ़ती उम्र को तो रोक पाना असंभव है लेकिन लाइफस्टाइल, फूड हैबिट्स और स्किन केयर की मदद से हम काफी हद तक इसके लक्षणों को जरूर कम कर सकते हैं। झुर्रियां उम्र बढ़ने के साथ नजर आने वाले लक्षणों में सबसे आम है, जिसे दूर करने के लिए ज्यादातर लोग ब्यूटी ट्रीटमेंट्स का सहारा लेते हैं। लेकिन सिर्फ यही काफी नहीं, आपको अपने खानपान में भी कुछ जरूरी बदलाव करने चाहिए। आज हम यहां आपको कुछ ऐसे सुपरफूड्स के बारे में बताने वाले हैं, जो त्वचा की कसावट बनाए रखने में हैं बेहद मददगार।
पनीर या दही
अगर आपको अपनी त्वचा की कसावट बनाए रखनी है, तो अपनी डाइट में लीन प्रोटीन फूड आइटम्स जिसमें पनीर शामिल है लेना शुरू कर देना चाहिए। पनीर में मौजूद प्रोटीन से स्किन टाइटनिंग में मदद मिलती है। इसके अलावा दही व अन्य दूसरे डेयरी प्रोडक्ट्स का भी डाइट का हिस्सा बनाएं।
ग्रीन टी
अगर आप अपने स्किन टेक्सचर को सुधारना चाहते हैं, तो दूध वाली चाय को स्किप करके ग्रीन टी पीना शुरू कर दें। ग्रीन टी महज वजन घटाने का काम नहीं करती बल्कि इसमें पॉलीफेनोल्स होते हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है। इसे पीने से स्किन से जुड़ी समस्याएं कम होती हैं। बॉडी डिटॉक्स हो जाती है और त्वचा की कसावट भी बनी रहती है।
क्रूसिफेरस सब्जियां
क्रूसिफेरस सब्जियों की लिस्ट में गोभी, टमाटर, शिमला मिर्च, ब्रोकली जैसी सब्जियां शामिल हैं। जिन्हें आपको अपने रोजाना के भोजन में खाना शुरू कर देना चाहिए। इससे बढ़ती उम्र में भी त्वचा ढीली नहीं पड़ती है। इन सब्जियों में विटामिन सी, जिंक और सेलेनियम की अच्छी-खासी मात्रा होती है। जो कोलेजन प्रोडक्शन को बढ़ाते हैं। इसके अलावा ब्रोकली में सल्फोराफेन नामक एक खास तत्व होता है, जो स्किन कैंसर से भी बचाव में बेहद मददगार है।
तो डाइट में इन चीज़ों को लेने से बने रहेंगे लंबे समय तक जवां और हेल्दी।
क्या आपके शरीर में दिन भर थकान रहती है थकान, तो करें ये काम, दिखने लगेगा असर
हेल्थ न्युज (एजेंसी)। अगर आप हमेशा थकान महसूस करते हैं और काम करने का मन नहीं करता तो ये बड़ी चिंता की विषय है। डॉक्टर का मानना है कि ऐसा तब होता है जब आपकी जीवनशैली पूरी तरह से खराब हो। आप अपने आहार का ठीक से पालन नहीं करते हैं और न ही आप अपनी नींद ठीक से ले रहे हैं। ऐसे में शरीर में कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं।
शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए सोने से पहले पानी पिएं
डॉक्टरों का कहना है कि समय पर सोने की कोशिश करनी चाहिए। जब भी आप रात को सोने जाएं तो सबसे पहले अपने फोन, लैपटॉप, टीवी को खुद से दूर रखें, क्योंकि एक बार जब आप फोन खोलकर स्क्रॉल करना शुरू कर देंगे तो आपकी नींद उड़ जाएगी।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि गलती से भी देर रात की चाय या कॉफी नहीं पीनी चाहिए। अब सवाल यह है कि क्या किया जाए? इस पर डॉक्टर कहते हैं, 'हमें रात को सोने से पहले पानी पीना चाहिए।' सवाल उठता है कि ठंडा या गर्म पानी पीना चाहिए या नहीं। दरअसल, कई डॉक्टरों का कहना है कि पानी पीने से अच्छी नींद आती है। अगर आप रात को पानी पीकर अच्छी नींद लेते हैं तो यह आपकी त्वचा, पेट और शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है
रात को सोने से पहले पानी पीना एक औषधि के समान माना जाता है। डॉक्टर कहते हैं, 'अगर आप सोने से पहले कमरे के तापमान के हिसाब से पानी पिएंगे तो सुबह आप देखेंगे कि आपकी त्वचा दमक रही है। इतना ही नहीं पेट भी साफ रहता है और आप दिन भर एनर्जी और तरोताजा महसूस करेंगे।
सुबह जल्दी उठने से शरीर और मन दोनों ही रहते स्वस्थ
न्युज डेस्क (एजेंसी) । सुबह जल्दी उठना मनुष्य को स्वस्थ, धनी और बुद्धिमान बनाता है। स्वस्थ रहने के लिए सुबह जल्दी उठने की आदत डालें। यह दिमाग, शरीर और आत्मा को तरोताजा करने के साथ इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है। सूर्योदय से पहले उठने से शरीर और दिमाग फ्रेश रहता है और कब्ज व अपच की समस्या भी नहीं होती।
सुबह जल्दी उठने से और भी अनेक फायदे हैं या फिर यह कहे कि अनगिनत फायदे हैं। सुबह उठने से हमारा शरीर स्वस्थ और फिट रहता है।
सूरज निकलने से पहले उठना बॉडी, माइंड और स्पिरिट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इस वक्त उठने से माइंड और बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन पॉजिटिव रहता है।
जबकि सूरज निकलने के बाद उठना नेगेटिव ब्लड सर्कुलेशन का कारण बनता है। सूर्योदय से पहले उठने से शरीर और दिमाग फ्रेश रहता है और कब्ज व अपच की समस्या भी नहीं होती।
फिर पूरा दिन आपका मूड फ्रेश रहता है। इससे आपकी पावर व कपैसिटी बढ़ती है, याददाश्त तेज होती है और नजर भी कमजोर नहीं होती।
अगर आप जल्दी उठेंगे तो सोएंगे भी जल्दी ही, जो सेहत के लिए और बेहतर है।
सोने से पहले भूलकर भी ना करें ये काम, नहीं तो सेहत पर पड़ेगा बुरा असर
नई दिल्ली (एजेंसी)। हम सभी को सोने से फेल और उठने के बाद कुछ एहम हिजो का ध्यान रखना होता हैं जिससे हमारा दिनचर्या अच्छे से बीत सकें। आज के भाग दौड़ बी हरी लाइफस्टाइल में नींद पूरी ना होने से सीधे तौर पर व्यक्ति को थकान रहती है। फिर धीरे धीरे ये समस्या गंभीर बीमारियों के रूप में विकसित होने लगती हैं। लेकिन हमें कुछ ऐसी चीज़ों को फॉलो करने की जरुरत हैं जिससे सेहत पर कोई दुष्प्रभाव ना पड़े। तो चलिए जानते हैं वो आदतें जिनसे हमें बचना हैं।
जंक फूड से बचें
जैसे जैसे हमारी व्यस्तताएं बढ़ती जा रही हैं, वैसे वैसे दिनचर्या में जंकफूड का सेवन भी बढ़ता जा रहा है। जंक फूड का अधिक सेवन वैसे ही हमारे स्वास्थ के लिए ठीक नहीं होता, वहीं, रात के खाने में जंक फूड का सेवन सेहत के लिए और भी घातक साबित हो सकता है। यह आपको परेशानी में डाल सकता है। इसके सेवन से एक तो आपकी नींद प्रभावित होगी वहीं, आपका वज़न भी तेजी से बढ़ेगा। इसलिए रात में हमें हमेशा सादा और संतुलित भोजन ही करना चाहिए।
अक्सर काम में व्यस्तता के चलते लेट घर आने वाले लोग खाना खाने के तुरंत बाद ही थकान के कारण सोने चले जाते हैं। ऐसी स्थिति में हमारा खाया हुआ भोजन हमें काफी नुकसान पहुंचा सकता है। रात को खाना खाते ही सोने की आदत रहने वालों वज़न तो बढ़ता ही है, साथ ही उन्हें एसिडिटी की समस्या भी रहने लगती है। इसके अलावा मेटाबॉलिज्म भी धीमा हो जाता है। हमेशा याद रखें कि, रात का भोजन करने से सोने के बीच में कम से कम 3 घंटे का समय रहना चाहिए।
ज्यादा भोजन करने से बचें
अकसर ये भी देखा गया है कि, ज्यादा काम के कारण लोग दिन में भरपेट खाना नहीं खाते, कुछ लोग तो दिन में खाना ही नहीं खाते। इनमें कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो तुरत-फुरत जंक फूड खाकर ही दिन गुजार लेते हैं, पर ऐसे लोगों को दिनभर में एक समय तो पेट भर भोजन करने की आवश्यक्ता रहती ही है। ऐसे में काम से घर लौटकर ये दिन की कसर भी पूरी करते हुए भरपेट भोजन कर लेते हैं। लेकिन, रात के समय कभी भी ना तो भारी या गरिष्ठ भोजन करना चाहिए और ना ही पेट भरके भोजन करना चाहिए। रात में अधिक भोजन करने से हमारे शरीर में कैलोरीज की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे वजन तो बढ़ता ही है, साथ में डाइबिटीज़ और हार्ट से संबंधित बीमारियों का खतरा भी काफी हद तक बढ़ जाता है।
खाने के बाद चाय पीना बुरी आदत
अकसर लोगों को खाना खाने के बाद चाय पीने की आदत होती है। भोपाल में तो जैसे इसका खास ट्रेंड है। खाने का बाद चाय पीने के पीछे लोगों का तर्क ये भी होता है कि, इससे मूंह की गरिष्ठता और ऑइल साफ हो जाता है, जिसके कारण बार बार प्यास नहीं लगती। लेकिन मेडिकल साइंस खाने के बाद चाय या कॉफी पीने को गलत ठहराता है।
इसके मुताबिक खाना खाने के बाद मूंह की ग्रंथियों से एक खास तरह की लार विकसित होती है, जिसे एसिड भी कहते हैं। ये पेट में जाकर उसमें मौजूद खाने को पचाने का काम करती है, लेकिन चाय में मिश्रित शुगर और पत्ती में मिश्रित निकोटिन पेट में ग्लूकोज़ की मात्रा बढ़ा देता है, जिसके कारण एसिड खाने को पचाने में असमर्थ हो जाता है। इसके कारण कुछ दिनों में व्यक्ति को अपच की समस्या होने लगती है।
खाना खाने के बाद ना सोएं सीधे
कई लोगों की आदत होती है कि, वो सोते समय एकदम सीधे या उल्टे होकर सोते हैं। रात में खाना खाकर सीधे या उल्टे सोने से खाना पेट में एक ही जगह जमा रह जाता है। जिसके कारण ये ठीक तरह से पच नहीं पाता। खाने का सही पाचन न होने के कारण पेट की कई बिमारियां हो सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि, खाना खाने के बाद कम से कम 15 मिनट ज़रूर टहलना चाहिए।
साथ ही, सोते समय हमें सीधे हाथ की ओर करवट करके सोना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि, हमारे शरीर में मौजूद दिल, लिवर और खाने की थेली इत्यादि अंग शरीर के बाएं हिस्से में होते हैं। इसलिए जब हम सीधी तरफ करवट करके सोते हैं, तो ये सभी अंग बाएं और आ जाते हैं, जिससे इनके दायित्वों में गति आती है और ये पर्याप्त काम करते हैं।
ग्रीन टी में है कई खूबियों, वेट लॉस के साथ इन समस्याओं को कर देगा खत्म
नई दिल्ली (एजेंसी)। भारत में चाय और चाय वाला दोनों ही बड़े फेमस है। लेकिन ग्रीन टी अन्य चाय के मुकाबले बेहतर माना जाता है। ग्रीन टी के खूब सारे फायदे है। सके सेवन से कई बीमारियों का खतरा कम होता है। यह वजन घटाने से लेकर हार्ट की बीमारियों को कम करने में सहायक है। ग्रीन टी एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होती है। जो पाचने के लिए भी सहायक है। स्टडी के मुताबिक इसमें पॉलीफेनोल्स मौजूद होते हैं, जो कैंसर की जोखिम को कम करते हैं।
चलिए जानते है कुछ फायदों के बारे में : –
1. डायबिटीज के मरीजों के लिए
ग्रीन टी में पॉलिफैनोल्स और पोलिसच्चराइड्स पाए जाते हैं, जो डायबिटीज में सहायक है। ग्रीन टी रक्त शर्करा के स्तर स्थिर बनाए रखने में मदद करती है।
2. वजन कम करने में लाभकारी
ग्रीन टी के सेवन से शरीर में जमे फैट्स कम हो सकते हैं। यह शरीर के मेटाबॉलिज्म प्रोसेस को बढ़ाती है। जिससे वजम कम करने में काफी मदद मिलती है। वेट लॉस डाइट में आप ग्रीन टी शामिल कर सकते हैं।
3. कोलेस्ट्रॉल कम करने में सहायक
ग्रीन टी बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक है, साथ ही यह गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद करती है। इसके नियमित सेवन से हार्ट स्ट्रोक का खतरा कम हो सकता है।
4. हाई ब्लड प्रेशर के लिए फायदेमंद
अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, तो नियमित रूप से ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं। यह हाई ब्लड प्रेशर के खतरे को कम करने में सहायक है।
5. एंटी एजिंग के लिए सहायक
ग्रीन टी में एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। जो त्वचा संबंधी समस्या के लिए मददगार है। अगर आप एंटी एजिंग से बचना चाहते हैं, तो रोजाना ग्रीन टी का सेवन करें।
ग्रीन टी बनाने का तरीका
अगर आप ग्रीन टी बैग्स यूज नहीं करते हैं, तो इस तरीके से भी ग्रीन टी बना सकते हैं। इसे बनाने के लिए सबसे पहले पानी उबालें, इसमें ग्रीन टी डालें और कुछ देर के लिए ढक दें और गैस बंद कर दें। इसके बाद इसे छान कर पीएं।
नींद की कमी से हो सकते हैं पेरिफेरल आर्टरी डिजीज का शिकार
हेल्थ न्युज (एजेंसी)। सेहतमंद रहने के लिए स्वस्थ आहार के साथ ही एक अच्छी जीवनशैली की बेहद जरूरी होती है। पर्याप्त नींद इसी अच्छी जीवनशैली का एक हिस्सा है। स्वस्थ रहने के लिए नींद पूरी होना बेहद जरूरी है।
लेकिन कामकाज और बिजी शेड्यूल की वजह से लोगों को नींद की कमी का सामना करना पड़ता है। लेकिन नींद की कमी आप पर भारी पड़ सकती है। हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।
स्वीडन में हुई स्टडी में यह पता चला कि जो लोग रात में 5 घंटे से भी कम नींद लेते हैं, उनमें पेरिफेरल आर्टरी डिजीज का खतरा 74 फीसदी तक बढ़ जाता है। इतना ही नहीं इस रिसर्च में यह बात भी सामने आई कि मौजूदा समय में दुनियाभर में करीब 200 मिलियन लोग पेरिफेरल आर्टरी डिजीज से पीड़ित हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर यह बीमारी क्या है? तो चलिए जानते हैं क्या है पेरिफेरल आर्टरी डिजीज, इसके लक्षण और बचाव-
क्या है पेरिफेरल आर्टरी डिजीज
पेरिफेरल आर्टरी डिजीज एक ऐसी बीमारी है, जिसमें कोलेस्ट्रॉल जमने की वजह से धमनियां (आर्टरीज) सिकुड़ने लगती हैं। इसकी वजह से पैरों और हाथों में ब्लड का फ्लो काफी कम हो जाता है, जिससे पैरों में सही तरीके से खून न पहुंचने की वजह से कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं। इतना ही नहीं धमनियों में खून का फ्लो कम होने की वजह से स्ट्रोक या फिर हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है।
पेरिफेरल आर्टरी डिजीज के लक्षण-,पैरों या बांहों की मांसपेशियों में दर्द,ऐंठन,पैरों में सुन्नपन या कमजोरी।,निचले पैर की सतह में ठंडापन।,पैर की उंगलियों या पैरों पर घाव।,आपके पैरों के रंग में बदलाव। बालों का झड़ना या पैरों पर बालों का बढ़ना। पैर के नाखूनों का बहुत धीमी गति से बढ़ना।पैरों की त्वचा का चमकना। पुरुषों में नपुंसकता।,पेरिफेरल आर्टरी डिजीज के कारक।
हाल ही में सामने आई रिपोर्ट में तो यह साफ हो गया है कि नींद की कमी की वजह से यह बीमारी व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकती है। लेकिन इससे जुड़े अन्य कई रिस्क फैक्टर भी हैं, जिसे जानना आपके लिए बेहद जरूरी है। तो चलिए जानते हैं पेरिफ़रल आर्टरी डिजीज के जोखिम को बढ़ाने वाले कारकों के बारे में
मोटापा, धूम्रपान, बढ़ती उम्र, डायबिटीज, हाई कॉलेस्ट्रॉल,हाई ब्लड प्रैशर,पारिवारिक हिस्ट्री,होमोसिस्टीन का उच्च स्तर,पेरिफेरल आर्टरी डिजीज से बचाव
हाल ही में सामने आई रिपोर्ट में यह भी पता चला है कि रात में 7 से 8 घंटे की नींद लेने से व्यक्ति पेरिफेरल आर्टरी डिजीज के जोखिम को कम किया जा सकता है।
इसके अलावा आप अपनी दिनचर्या में कुछ जरूरी बदलाव कर इस बीमारी से दूर रह सकते हैं। इसके लिए पौष्टिक आहार, सोने-जागने का समय, फिजिकल एक्टिविटी आदि को अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाकर स्वस्थ रह सकते हैं।