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डब्ल्यू 52 सट्टा गिरोह का राजफाश, चार आरोपी गिरफ्तार

अंबिकापुर। महादेव सट्टा एप की तर्ज पर अंबिकापुर में चल रहे डब्ल्यू 52 सट्टा गिरोह का राजफाश सरगुजा पुलिस ने किया है। मामले में शहर के ही चार आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। मुख्य सटोरिया फरार है।

इनके पास से 73 मोबाइल (सिम युक्त), 234 एटीएम कार्ड, 77 सिम, 78 चेकबुक, 81 पासबुक, बार कोड स्कैनर, आधार कार्ड, पैन कार्ड, बही खाता बरामद किए गए हैं। आरोपितों द्वारा देश के 15 बैंकों की अलग- अलग शाखाओं में खाता खोलकर लेनदेन की पुष्टि हुई है।

प्रारंभिक जांच में सिर्फ बैंक ऑफ महाराष्ट्रा के 30 खातों में ही 15 करोड़ के लेनदेन के प्रमाण मिल चुके हैं। शेष 14 बैंकों से संदिग्ध खातों और लेनदेन की जानकारी मांगी गई है। यह रकम अरबों में होने का अनुमान है।

प्रारंभिक जांच में स्पष्ट हो गया है कि आरोपितों द्वारा फर्जी तरीके से दूसरों के नाम पर देश के अलग-अलग शहरों के बैंकों में खाता खोलकर लेनदेन किया जाता था। अंबिकापुर के एक व्यक्ति का खाता सिकंदराबाद के एक बैंक में खोलकर राशि अंतरण किया जा चुका है।

गुप्त सूचना पर पुलिस ने दी थी दबिश

सरगुजा पुलिस अधीक्षक योगेश पटेल ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि अंबिकापुर के जयस्तंभ चौक निवासी सुधीर गुप्ता द्वारा अपने घर में सट्टा का धंधा किया जा रहा है। इस जानकारी पर सीएसपी रोहित शाह (आइपीएस) के नेतृत्व में पुलिस टीम ने वहां दबिश दी।

सुधीर गुप्ता तो नहीं मिला लेकिन ऑनलाइन सट्टे में शामिल अन्य आरोपी पकड़ में आ गए। कमरे की तलाशी में बैंकों से जुड़े कार्ड सहित ऑनलाइन राशि जमा करने के सामान मिले। पुलिस ने मामले में चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।

मौके से एक लाख 54 हजार रुपये नकद भी बरामद हुए हैं। एसपी ने बताया कि आरोपितों द्वारा अलग-अलग ठिकानों पर बैठकर आनलाइन सट्टा का धंधा किया जा रहा था। कुछ महीनों से इन्होंने जयस्तंभ चौक को अपना ठिकाना बनाया था।

विनबज पोर्टल और व्हाटसप के जरिये राशि निवेश

एसपी योगेश पटेल ने बताया कि सोमवार की शाम जब मौके पर दबिश दी गई तो ऑस्ट्रेलियन लीग क्रिकेट चल रही थी। उसी में सट्टा लगवाया जा रहा था। आरोपितों द्वारा इसके लिए व्हाटसप ग्रुप भी बनाया गया था। इसके अलावा विनबज पोर्टल के माध्यम से भी राशि निवेश कराई जाती थी।

इनका पूरा धंधा ऑनलाइन था। ऑफलाइन माध्यम से राशि जमा करने या लाभांश की राशि नहीं दी जाती थी। उन्होंने बताया कि आरोपितों द्वारा अलग-अलग किट बनाकर रखी गई थी। एक किट में पासबुक, चेकबुक, एटीएम कार्ड, मोबाइल, सिम और उसका पासवर्ड तथा एटीएम का गोपनीय नंबर भी लिखा हुआ है।

यानी किसी साधारण व्यक्ति के माध्यम से यदि उस बैंक खाते से राशि लेनदेन करना है, तो सारी जानकारी उस दस्तावेजी किट में ही उपलब्ध रहती थी। जिस खाते में राशि जमा कराई जाती थी, उसमें यदि जीत होती थी, तो निवेशक को उस खाते से राशि वापस नहीं किया जाता था। दूसरे खाते से राशि ट्रांसफर की जाती थी।

ये हैं गिरफ्तार आरोपित

राहुल अग्रवाल उर्फ विक्की (27) बिलासपुर चौक के पास थाना मणीपुर

श्रीकांत अग्रवाल (46) महामाया रोड सुदामा होटल के पास थाना कोतवाली

राहुल कुमार सोनी (23) चांदनी चौक शास्त्री वार्ड

अर्जुन गुप्ता (20) निवासी शिकारी रोड नाला के पास केनाबान्ध बौरीपारा

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