मुख्यमंत्री साय महासमुंद के सलखण्ड में महालक्ष्मी पूजन समारोह में शामिल हुए

महासमुंद। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज महासमुंद जिले की बसना तहसील के अंतर्गत ग्राम सलखण्ड में ग्रामीणों द्वारा आयोजित महालक्ष्मी देवी पूजन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस अवसर पर, मुख्यमंत्री श्री साय ने मां महालक्ष्मी से समस्त प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना की।
पूजन के दौरान, पुजारियों ने पारंपरिक मंत्रोच्चार किया, जिसमें मुख्यमंत्री ने श्रद्धापूर्वक भाग लिया। इसके पश्चात, उन्होंने ग्रामीणों से आत्मीयता से मुलाकात की और उनकी स्थानीय समस्याओं तथा विकास कार्यों की जानकारी प्राप्त की। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री साय के साथ उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय और रायपुर उत्तर विधायक श्री पुरंदर मिश्रा भी उपस्थित थे।
महतारी सदन और एनीकट निर्माण की घोषणा
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर ग्राम सलखण्ड के लिए महतारी सदन के निर्माण की घोषणा की। इसके साथ ही, उन्होंने एनीकट निर्माण के संबंध में जल संसाधन विभाग को आवश्यक जानकारी जुटाकर जल्द ही एक प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री का संबोधन: आस्था, विकास और संवैधानिक मूल्य
उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि पवित्र अगहन मास के अवसर पर माँ महालक्ष्मी की इस पूजा में शामिल होकर उन्हें हृदय से अत्यंत आनंद और सौभाग्य की अनुभूति हो रही है। उन्होंने बसना और सलखण्ड के ग्रामवासियों द्वारा वर्षों से जीवंत रखी गई इस भक्तिपूर्ण परंपरा को छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत का गौरवपूर्ण उदाहरण बताया।
अगहन मास का महत्व: उन्होंने बताया कि यह मास अन्न, धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस समय नई फसलें लहलहाती हैं, और घर-परिवार में सम्पन्नता के द्वार खुलते हैं। उन्होंने कहा कि मां महालक्ष्मी केवल धन का ही नहीं, बल्कि सुख, शांति, उत्तम स्वास्थ्य और सदभाव का भी आशीर्वाद देती हैं।
विकास के प्रति प्रतिबद्धता: मुख्यमंत्री ने मां लक्ष्मी से राज्य के प्रत्येक नागरिक के उज्ज्वल भविष्य की कामना की और जोर दिया कि उनकी सरकार गांव, गरीब, किसान, महिला और युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है तथा जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए संकल्पित है।
सामाजिक एकता: उन्होंने सलखण्ड गांव की 25 वर्षों से चली आ रही इस परंपरा को श्रद्धा के साथ-साथ सामाजिक एकता, भाईचारे और सामुदायिक जागरूकता का उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि यहां आयोजित मेला ग्रामीण संस्कृति, लोकाचार और पारंपरिक विरासत को आगे बढ़ाने का माध्यम बन चुका है।
संविधान और राष्ट्र निर्माण: मुख्यमंत्री श्री साय ने संविधान की गरिमा और लोकतांत्रिक मूल्यों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि संविधान हमें अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों की भी याद दिलाता है, और यही दस्तावेज़ भारत को एक सशक्त, एकजुट और प्रगतिशील राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ने की दिशा देता है। उन्होंने छत्तीसगढ़ निर्माण समिति के सदस्यों के ऐतिहासिक योगदान का सम्मानपूर्वक उल्लेख किया, जिन्होंने आज के मजबूत और विकसित होते छत्तीसगढ़ की नींव रखी।
विकसित भारत के लक्ष्य में छत्तीसगढ़ की भूमिका
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश विकसित भारत के लक्ष्य की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है।
केंद्रीय योजनाएं: उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के सहयोग से अधोसंरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और आवास निर्माण जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत छत्तीसगढ़ को 18 लाख आवासों की स्वीकृति इसी संकल्प की महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
माहतारी वंदन योजना: मुख्यमंत्री ने कहा कि महतारी वंदन योजना के तहत छत्तीसगढ़ की लगभग 70 लाख महिलाओं को लाभ प्रदान किया जा रहा है, जो उनके सम्मान और आर्थिक मजबूती की दिशा में एक बड़ी पहल है।
मुख्यमंत्री ने संविधान के प्रति निष्ठा, समरसता, समानता और राष्ट्रीय विकास के संकल्प के साथ आगे बढ़ने की अपील की। उन्होंने विश्वास जताया कि केंद्र एवं राज्य सरकार की संयुक्त प्रतिबद्धता से छत्तीसगढ़ भी विकसित भारत के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाएगा।
कार्यक्रम में उपस्थिति
इस कार्यक्रम में बसना विधायक श्री सम्पत अग्रवाल, महिला आयोग की सदस्य श्रीमती सरला कोसरिया, छत्तीसगढ़ राज्य बीज निगम के अध्यक्ष श्री चंद्रहास चंद्राकर, स्थानीय जनप्रतिनिधिगण, कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह, पुलिस अधीक्षक श्री आशुतोष सिंह एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन मौजूद थे।
















