मुख्यमंत्री साय ने की सामुदायिक पर्यटन की नई पहल, जशपुर के पाँच ग्रामों में होम-स्टे की शुरुआत, स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को मिलेगा वैश्विक मंच

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हाल ही में जशपुर जिले में सामुदायिक पर्यटन की एक अनूठी पहल का उद्घाटन किया। उन्होंने अपने कैंप कार्यालय से जशपुर के पाँच गाँवों- देओबोरा, केरे, दनगरी, छिछली और घोघरा में होम-स्टे योजना का आरंभ किया। इस समारोह में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अर्जुन मुंडा भी विशेष अतिथि के रूप में मौजूद थे।
पर्यटन को बढ़ावा और स्थानीय आत्मनिर्भरता
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार पर्यटन को एक उद्योग के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने जोर दिया कि होम-स्टे नीति न सिर्फ पर्यटन को नई पहचान देगी, बल्कि स्थानीय युवाओं और समुदायों के लिए रोजगार और उद्यमशीलता के नए रास्ते भी खोलेगी। उन्होंने बताया कि दूसरे राज्यों और देशों के लोगों में आदिवासी संस्कृति, खान-पान और जीवन शैली के प्रति गहरी रुचि है। इस योजना के तहत पर्यटक सीधे गाँवों में रहकर स्थानीय संस्कृति, परंपराओं और सादगी का अनुभव कर सकेंगे, जो उनके लिए एक यादगार अनुभव होगा। यह पहल जशपुर को पर्यटन के मानचित्र पर एक नई पहचान दिलाएगी और स्थानीय समुदाय को आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करेगी।
प्रशिक्षण और सहयोग
इस अवसर पर, मुख्यमंत्री ने सामुदायिक पर्यटन और होम-स्टे विकास का प्रशिक्षण प्राप्त पर्यटन मित्रों को प्रमाण पत्र वितरित किए। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य इन गाँवों को इको-टूरिज्म गंतव्य के रूप में विकसित करना है।
प्रकृति और संस्कृति का संगम
विधायक श्रीमती रायमुनी भगत ने बताया कि जशपुर का मकरभंजा जलप्रपात छत्तीसगढ़ के सबसे ऊँचे जलप्रपातों में से एक है। जिले के कई अन्य झरने और दर्शनीय स्थल जशपुर को एक अद्भुत पर्यटन स्थल बनाते हैं। विधायक श्रीमती गोमती साय ने कहा कि जशपुर अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है और यहाँ आने वाले पर्यटक जीवनभर इस जगह की यादों को सहेज कर रखते हैं। इस पहल में कई जनप्रतिनिधि और ग्रामीण भी शामिल थे, जिनमें जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय, कलेक्टर श्री रोहित व्यास और अन्य अधिकारी शामिल थे।
















