सरकारी दफ्तरों में अब समय का हिसाब! मंत्रालय में आज से शुरू हुई बायोमेट्रिक अटेंडेंस प्रणाली

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने कर्मचारियों की ओर से होने वाली लेटलतीफी और समय की अनियमितता को नियंत्रित करने के लिए आज से मंत्रालय (सचिवालय) में एक नई व्यवस्था लागू कर दी है। इसके तहत, सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली को पूरी तरह से लागू कर दिया गया है।
यह कदम शासकीय कामकाज में समय की पाबंदी और जवाबदेही को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
उपस्थिति दर्ज कराना होगा दो बार अनिवार्य
इस नई और सख्त प्रणाली के तहत, मंत्रालय में कार्यरत प्रत्येक कर्मचारी को दिन में दो बार अपनी उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य होगा— एक बार कार्यालय में प्रवेश करते समय (‘इन’) और दूसरी बार कार्यालय से बाहर निकलते समय (‘आउट’)।
यह व्यवस्था उन अधिकारियों और कर्मचारियों पर प्रभावी नियंत्रण रखेगी जो ड्यूटी पर देर से आते हैं या ऑफिस समय से पहले निकल जाते हैं।
उपस्थिति दर्ज कराने के लिए आधुनिक विकल्प
कर्मचारियों की हाजिरी को सरल और कुशल बनाने के लिए, सरकार ने आधुनिक तकनीकी सुविधाएँ प्रदान की हैं:
मोबाइल ऐप आधारित फेशियल ऑथेंटिकेशन: कर्मचारी अपने स्मार्टफोन का उपयोग करके चेहरे की पहचान (Facial Recognition) के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकेंगे।
आधार-सक्षम थंब-बेस्ड डिवाइस: अधिकारियों के लिए आधार से जुड़ी अंगूठे (Thumb) पर आधारित बायोमेट्रिक डिवाइस का विकल्प भी रखा गया है। इससे उनकी पहचान सत्यापित होगी और उपस्थिति का डेटा सीधे सर्वर पर रिकॉर्ड किया जाएगा।
20 नवंबर से चल रहा था सफल ट्रायल
गौरतलब है कि इस नई उपस्थिति प्रणाली का सफल परीक्षण (ट्रायल रन) 20 नवंबर से चल रहा था। इस दौरान सभी तकनीकी और व्यवहारिक पहलुओं की जाँच की गई। सफल परीक्षण के बाद, इसे आज से मंत्रालय स्तर पर अनिवार्य रूप से लागू कर दिया गया है।
















