मध्यप्रदेश

मध्यप्रदेश हैल्थ केयर फैसिलिटी और इनोवेशन में निभा रहा है अग्रणी भूमिका : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा

भोपाल एजेंसी)। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन और उर्वरक मंत्री, श्री जगत प्रसाद नड्डा, ने हाल ही में कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सोच से भारत में विकास की गति तेज़ हुई है। उन्होंने कहा कि देश स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं के विस्तार में विश्व भर में अपनी एक अलग पहचान बना रहा है। दिल्ली से स्वास्थ्य क्षेत्र के सुधार के लिए चलाई गई योजनाएँ और कार्यक्रम मध्य प्रदेश में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त कर रहे हैं, जिससे यह राज्य दूसरे प्रदेशों के लिए एक मिसाल बन गया है। श्री नड्डा ने इस बात पर जोर दिया कि स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार, विस्तार और नवाचार के मामले में मध्य प्रदेश एक अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

श्री नड्डा ने ये बातें जबलपुर के घंटाघर स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस सांस्कृतिक सूचना केंद्र में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कही। इस मौके पर, केंद्रीय मंत्री श्री नड्डा और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक साथ रिमोट का बटन दबाकर श्योपुर और सिंगरौली ज़िलों में बने नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों का वर्चुअल उद्घाटन किया।

मेडिकल कॉलेजों के लिए ‘लैटर ऑफ परमिशन’ जारी
इस कार्यक्रम के दौरान, केंद्रीय मंत्री श्री नड्डा ने इन दोनों नए मेडिकल कॉलेजों के लिए केंद्र सरकार की ओर से ‘लैटर ऑफ परमिशन’ भी राज्य सरकार को सौंप दिया। इसके बाद इन कॉलेजों में एमबीबीएस की 100-100 सीटों पर प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि यह अनुमति पत्र मिलने से इन कॉलेजों में शैक्षणिक कार्य और प्रवेश की प्रक्रिया अब तत्काल प्रभाव से शुरू हो गई है।

‘प्रिवेंटिव और प्रमोशनल हेल्थ केयर’ पर जोर
श्री नड्डा ने देश की नई स्वास्थ्य नीति के बारे में विस्तार से बात करते हुए कहा कि पहले की “बीमार होने के बाद इलाज” की नीति को छोड़कर, अब सरकार ‘प्रिवेंटिव और प्रमोशनल हेल्थ केयर’ पर ध्यान दे रही है। इसका मतलब है कि बीमारी से बचाव पर ज़्यादा ध्यान दिया जाए ताकि लोग बीमार ही न पड़ें। उन्होंने बताया कि भारत विश्व का पहला देश है, जिसने आयुष्मान भारत निरामयम योजना के तहत अपनी एक बड़ी आबादी को ₹5 लाख तक का सालाना स्वास्थ्य बीमा दिया है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम की सराहना की।

नए मेडिकल कॉलेज और ‘वय वंदना कार्ड’ का शुभारंभ
इस कार्यक्रम में, बैतूल, पन्ना, धार और कटनी में पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर बनने वाले नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों के लिए निवेशक समूहों के साथ अनुबंधों पर हस्ताक्षर और उनका आदान-प्रदान भी किया गया।

केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री ने मिलकर 8 लाख योग्य वरिष्ठ नागरिकों को ‘वय वंदना कार्ड’ के वितरण की शुरुआत भी की। मंच से 5 वरिष्ठ नागरिकों को ये पीवीसी कार्ड दिए गए। इसी के साथ ‘आयुष्मान सखी’ स्मार्ट चैटबॉट और ‘आशा संवाद’ कार्यक्रम की भी शुरुआत की गई। ‘मातृ-गर्भावस्था आहार प्रचार सामग्री’ और ‘मातृ-शिशु सुरक्षा कार्ड’ का विमोचन भी हुआ।

इस कार्यक्रम में एक और बड़ी उपलब्धि का ज़िक्र किया गया: मध्य प्रदेश के ‘स्वस्थ यकृत मिशन’ के तहत एक करोड़ लोगों के लिवर की स्क्रीनिंग पूरी हो चुकी है। केंद्रीय मंत्री नड्डा ने इस सफलता के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव और स्वास्थ्य विभाग की टीम की सराहना की।

स्वास्थ्य क्षेत्र में बदलाव: क्या बदल रहा है?
श्री नड्डा ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश में ‘स्वस्थ भारत’ का निर्माण हो रहा है, जो एक सशक्त और समृद्ध भारत की नींव रखेगा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश इस दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जहाँ मेडिकल कॉलेजों की संख्या में तेज़ी से वृद्धि हो रही है। पहले की ‘बीमारी के बाद इलाज’ की नीति की जगह, अब ‘होलिस्टिक पॉलिसी’ आई है, जिसमें ‘प्रिवेंटिव क्योर’ और ‘हेल्थ प्रमोशन’ पर ध्यान दिया गया है। देश भर में 1.77 लाख ‘आरोग्य मंदिरों’ में डेंटल केयर, मेंटल केयर और कैंसर जैसी बीमारियों की स्क्रीनिंग शुरू हो चुकी है। यहाँ 30 साल से ज़्यादा उम्र के हर व्यक्ति की स्वास्थ्य जाँच की जा रही है।

स्वास्थ्य सेवाओं में डिजिटल क्रांति और आँकड़े
श्री नड्डा ने स्वास्थ्य क्षेत्र में हुई प्रगति के कुछ आँकड़े भी साझा किए:

डिजिटल स्क्रीनिंग: 5 करोड़ से ज़्यादा माताओं और बच्चों की स्क्रीनिंग अब डिजिटली की जा रही है।

मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य: गर्भावस्था के दौरान 5 करोड़ से ज़्यादा एंटी-नेटल चेकअप हुए हैं। अस्पतालों में बच्चों के जन्म का प्रतिशत 89% तक पहुँच गया है। मातृ मृत्यु दर (MMR) 130 से घटकर 93 और शिशु मृत्यु दर (IMR) 39 पर आ गई है।

आयुष्मान योजना: 12.74 करोड़ परिवारों (लगभग 50 करोड़ लोग) को आयुष्मान योजना के तहत ₹5 लाख तक का स्वास्थ्य कवर मिला है। अब स्वास्थ्यकर्मी और आशा कार्यकर्ता भी इस योजना का हिस्सा हैं।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए योजना: 70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को ‘वय वंदना कार्ड’ के माध्यम से मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएँ दी जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि देश में कुल 780 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें 1.70 लाख एमबीबीएस सीटें हैं। सरकार का लक्ष्य अगले 5 साल में 75,000 और मेडिकल सीटें बढ़ाना है।

नीट परीक्षा और हिंदी में मेडिकल शिक्षा
श्री नड्डा ने बताया कि नीट परीक्षा अब 13 भाषाओं में हो रही है, जिससे गाँव के बच्चे भी अपनी क्षेत्रीय भाषा में परीक्षा देकर डॉक्टर बन सकते हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार की हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू करने के लिए सराहना की। उन्होंने कोरोना महामारी से निपटने में भारत की सफलता का भी ज़िक्र किया, जहाँ देश ने सबसे जल्दी वैक्सीन बनाई और उसे न केवल अपने नागरिकों को दिया, बल्कि दूसरे देशों की भी मदद की।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का संबोधन
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि उनकी सरकार बीमारों और उनके परिवारों के दर्द को समझकर इलाज की व्यवस्था कर रही है। उन्होंने कहा कि 2003 में मध्य प्रदेश में सिर्फ 5 मेडिकल कॉलेज थे, जो अब बढ़कर 32 हो गए हैं (17 सरकारी और 13 निजी, जिनमें से आज 2 का उद्घाटन हुआ)। उन्होंने बताया कि सरकार हर ज़िले में मेडिकल या आयुर्वेदिक कॉलेज खोलने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि पीपीपी मॉडल के तहत बनने वाले कॉलेजों में 75% सीटें गरीब विद्यार्थियों के लिए मुफ्त उपलब्ध होंगी।

डॉ. यादव ने ‘राहगीर योजना’ का भी ज़िक्र किया, जिसके तहत सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुँचाने वाले को ₹25,000 का पुरस्कार दिया जाता है और घायल व्यक्ति का ₹1.5 लाख तक का इलाज मुफ्त होता है।

उप-मुख्यमंत्री और अन्य अधिकारियों के विचार
उप-मुख्यमंत्री और लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री, श्री राजेंद्र शुक्ल, ने बताया कि प्रदेश में अब 19 सरकारी और 13 निजी मेडिकल कॉलेज हैं, और भविष्य में यह संख्या 26 सरकारी मेडिकल कॉलेजों तक पहुँचेगी। उन्होंने पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए मुख्यमंत्री की पहल की सराहना की, जिसमें ₹1 में 25 एकड़ ज़मीन दी जा रही है।

प्रमुख सचिव, श्री संदीप यादव, ने इस दिन को चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक दिन बताया। उन्होंने कहा कि आयुष्मान योजना से प्रदेश की 70% जनता लाभान्वित हो रही है, और ‘यकृत मिशन’ के तहत 1 करोड़ लोगों की लिवर जाँच की जा चुकी है। उन्होंने विश्वास जताया कि मध्य प्रदेश स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य बनेगा।

इस कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्ति जैसे लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह, विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह तोमर और अन्य स्थानीय नेता भी मौजूद थे।

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