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बॉलीवुड के जाने.माने अभिनेता सैफ अली खान हुये 53 वर्ष के

मुंबई (एजेंसी)। बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता सैफ अली खान 53 वर्ष के हो गये। 16 अगस्त 1970 को दिल्ली में जन्मे सैफ अली खान को अभिनय की कला विरासत में मिली। उनकी मां शर्मिला टैगोर फिल्म इंडस्ट्री की जानी मानी अभिनेत्री रही जबकि पिता नवाब पटौदी क्रिकेटर रहे हैं। घर में फिल्मी माहौल रहने के कारण उनका भी रूझान फिल्मों की ओर हो गया और वह भी अभिनेता बनने के ख्वाब देखने लगे। सैफ अली खान ने अपनी शिक्षा अमेरिका के मशहूर वेनचेस्टर कॉलेज से पूरी की।

इसके बाद उन्होंने बतौर अभिनेता अपने सिने करियर की शुरूआत वर्ष 1992 में प्रदर्शित फिल्म परपंरा से की। यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी यह फिल्म टिकट खिड़की पर असफल साबित हुयी। वर्ष 1993 में सैफ अली खान की पहचान और आशिक आवारा जैसी सफल फिल्में प्रदर्शित हुयी। हालांकि फिल्म पहचान की सफलता का श्रेय अभिनेता सुनील शेट्टी को अधिक दिया गया।

फिल्म आशिक आवारा में निभाये गये चरित्र के लिए सैफ नवोदित अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किये गये।सैफ अली खान के सिने करियर में वर्ष 1994 अहम साबित हुआ। इसी वर्ष उनकी ये दिल्लगी और मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी जैसी फिल्में प्रदर्शित हुयी।दोनों फिल्मों में उनकी जोड़ी अभिनेता अक्षय कुमार के साथ काफी सराही गयी। खास तौर पर फिल्म मैं खिलाडी तू अनाड़ी में अक्षय कुमार और सैफ अली खान ने अपनी जोड़ी के जरिये दर्शको का भरपूर मनोरंजन किया। इस फिल्म में उन पर फिल्माया गीत मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ था।

वर्ष 1995 से 1998 तक का वक्त सैफ अली खान के सिने करियर के लिये बुरा साबित हुआ। इस दौरान उनकी यार गद्दार,आओ प्यार करें, दिल तेरा दीवाना, बंबई का बाबू,एक था राजा,तू चोर मैं सिपाही, हमेशा,उड़ान,कीमत जैसी कई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर असफल हो गयी। हालांकि इम्तिहान और सुरक्षा जैसी फिल्मों ने टिकट खिड़की पर औसत व्यापार किया लेकिन इनसे सैफ अली को कुछ खास फायदा नहीं मिला। वर्ष 1999 सैफ अली खान के सिने करियर का अहम वर्ष साबित हुआ। इस वर्ष उनकी कच्चे धागे, हम साथ साथ हैं जैसी सफल फिल्में प्रदर्शित हुयी। इन फिल्मों में सैफ अली खान के अभिनय के विविध रूप देखने को मिले। फिल्म कच्चे धागे में जहां सैफ अली खान ने संजीदा अभिनय किया वही हम साथ साथ हैं में उन्होंने अपने चुलबुले अंदाज से दर्शकों का दिल जीत लिया।

वर्ष 2001 में प्रदर्शित फिल्म दिल चाहता है सैफ अली खान के सिने करियर की अहम फिल्मों में एक है। फरहान अख्तर के निर्देशन में तीन दोस्तों की जिंदगी पर बनी इस फिल्म में उनके साथ आमिर खान और अक्षय खन्ना जैसे मंझे हुये सितारे थे लेकिन सैफ सशक्त अभिनय से दर्शको के साथ ही समीक्षको का भी दिल जीतने में सफल रहे।वर्ष 2003 में प्रदर्शित फिल्म कल हो ना हो सैफ अली खान के सिने करियर की सुपरहिट फिल्म में शुमार की जाती है।

यश जौहर के बैनर तले बनी इस फिल्म में उनके सामने शाहरूख खान थे। बावजूद इसके सैफ अली खान दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहे। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये वह सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से भी सम्मानित किये गये ।

वर्ष 2004 में प्रदर्शित फिल्म हम तुम सैफ अली खान के सिने करियर की सर्वाधिक महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुयी। दमदार अभिनय के लिये सैफ जहां सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किये गये। वही उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीयपुरस्कार भी प्राप्त हुआ। वर्ष 2006 में सैफ अली खान के सिने करियर की एक और सुपरहिट फिल्म ओमकारा प्रदर्शित हुयी। इस फिल्म में सैफ अली खान ने लंगड़ा त्यागी का किरदार निभाया।यूं तो यह किरदार ग्रे शेडस लिये हुये था लेकिन बावजूद इसके वह दर्शकों की सहानुभूति प्राप्त करने में सफल रहे। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये वह सर्वश्रेष्ठ खलनायक के फिल्म फेयर पुरस्कार से भी सम्मानित किये गये ।

वर्ष 2009 में सैफ अली खान ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रख दिया और लव आज और कल का निर्माण किया। सैफ अली खान वर्ष 2010 में पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किये गये। सैफ अली खान ने अपने अब तक के सिने करियर के दौरान 75 से अधिक फिल्मों में काम किया है। सैफ अली खान ने अमृता सिंह और करीना कपूर के साथ शादी की है। उनके करियर की अन्य उल्लेखनीय फिल्मों में रेस, कुर्बान, आरक्षण, कॉकटेल, रेस 2, बुलेट राजा, फैंटम, रंगून और तान्हाजी ,विक्रमवेदा और आदिपुरूष प्रमुख है।

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