मध्यप्रदेश

अब महाकाल लोक देखने आने वाले श्रद्धालुओं को चुकाना होगा शुल्क, समय भी होगा तय

उज्जैन (एजेंसी)। अब महाकाल लोक देखने आने वाले श्रद्धालुओं को शुल्क चुकाना होगा और इसे देखने के लिए अब समय का बंधन भी रहेगा। ये विचार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की एक बैठक में सामने आया है। हालांकि इसे लागू करने के लिए लंबी कवायद करना होगी। बता दें कि सर्किट हाउस में शुक्रवार सुबह जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के बीच शहर में चल रही कुछ समस्याओं को लेकर एक बैठक रखी गई थी।

इसमें शिप्रा नदी  में लगातार हो रही श्रद्धालुओं की डूबने से मौत के साथ ही शहर विकास और महाकाल मंदिर की दर्शन व्यवस्था पर विचार-विमर्श किया गया। लगभग दो घंटे तक चली इस बैठक में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच कई बातों पर चर्चा हुई, लेकिन निष्कर्ष के रूप में जो सामने आया अगर इस पर अमल किया जाता है तो वह दिन दूर नहीं जब महाकाल लोक देखने आने वाले श्रद्धालुओ को यहां शुल्क चुकाना होगा और इसे देखने के लिए अब समय का बंधन भी रहेगा।

पूर्व मंत्री एवं उज्जैन उत्तर के विधायक पारस जैन ने बैठक के दौरान महाकाल लोक देखने का समय निर्धारित करने के साथ ही इसे देखने के लिए शुल्क लगाए जाने जैसी बात पर हामी भरी और अमर उजाला को बताया कि बैठक मे इस तरह का बिंदु आया था। जिस पर सभी ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए हैं। जबकि सांसद अनिल फिरोजिया ने यह कहकर महाकाल लोक में शुल्क लगाए जाने की बात कही कि इससे महाकाल लोक का मेंटेनेंस व्यवस्थित रूप से हो सकेगा। वैसे वे अभी महाकाल लोक में शुल्क लगाए जाने और टाइम निर्धारित करने का सिर्फ प्रस्ताव आने की बात कह रहे हैं।

महाकाल लोक के मेंटेनेंस के नाम पर इसे देखने का शुल्क लगाए जाने की बात कही जा रही है, लेकिन याद रहे कि महाकाल लोक का निर्माण करने वाली कंपनी के पास पांच वर्षों तक महाकाल लोक के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी है। कोई प्रतिमा क्षतिग्रस्त होती है या महाकाल लोक में और कोई परेशानी आती है तो कंपनी पूरी तरह से इसका रखरखाव करेगी तो ऐसे में शुल्क लगाकर श्रद्धालुओं पर अतिरिक्त भार क्यों थोपने की तैयारी है।

मामले को लेकर युवा कांग्रेस के नेता राजेंद्र वशिष्ठ ने कहा है कि महाकाल लोक के निर्माण के समय इसका नाम महाकाल कॉरिडोर था, जो कि सिर्फ और सिर्फ महाकाल मंदिर में आने जाने का एक रास्ता था। इस मार्ग पर भगवान शिव के स्वरूपों की प्रतिमाएं लगाई गईं। ताकि मंदिर में आने वाले श्रद्धालु भगवान शिव की महिमा को जान सकें, लेकिन अब क्षेत्र को देखने पर भी शुल्क लगाया जाना सरासर गलत है। प्रशासन और जिम्मेदारों को चाहिए कि बाबा महाकाल के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अच्छी से अच्छी सुविधाएं उपलब्ध कराएं ना कि उन पर किसी तरह का जबरिया शुल्क थोपें।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button