मध्यप्रदेश

ग्रामीण नलजल योजनाओं के संचालन-संधारण की नीति टिकाऊ, जनभागीदारी आधारित और दीर्घकालिक प्रभाव वाली हो : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल (एजेंसी)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य केवल हर घर तक नल से जल पहुंचाना नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि आने वाले वर्षों में भी यह सुविधा गुणवत्तापूर्ण और निरंतर मिलती रहे। गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास में ग्रामीण नल-जल आपूर्ति योजनाओं के संचालन और रखरखाव नीति पर एक बैठक में उन्होंने कहा कि इस नीति को इस तरह से बनाया जाए ताकि हर गांव में स्वच्छ पेयजल की एक स्थायी व्यवस्था स्थापित हो और किसी भी परिवार को पानी के लिए परेशानी का सामना न करना पड़े।

डॉ. यादव ने ज़ोर दिया कि इन योजनाओं को केवल निर्माण तक सीमित न रखा जाए, बल्कि उनके संचालन और रखरखाव के लिए एक ऐसी स्थायी व्यवस्था बनाई जाए जो भविष्य में भी पूरी क्षमता से काम करती रहे। उन्होंने ग्राम स्तर पर सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने की भी बात कही, ताकि ग्रामीण स्वयं भी इन योजनाओं की देखभाल कर सकें। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू किए गए जल जीवन मिशन की सराहना करते हुए कहा कि इसने ग्रामीण भारत में एक बड़ा बदलाव लाया है, और मध्य प्रदेश ने इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है।

नई नीति का मसौदा और उसका उद्देश्य

बैठक में यह निर्णय लिया गया कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा तैयार की गई “ग्रामीण नलजल योजना संचालन, संधारण एवं प्रबंधन नीति” को सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बाद तीन साल के लिए लागू किया जाएगा। इस नीति से समूह जल आपूर्ति योजनाओं की तरह ही एकल ग्राम नलजल योजनाओं का भी सुचारू और लंबे समय तक संचालन संभव हो सकेगा।

प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, श्री पी. नरहरि ने बताया कि अगस्त 2019 तक, राज्य में केवल 12.11% ग्रामीण परिवारों (लगभग 13 लाख 53 हजार) को ही नल से जल मिल रहा था। अब यह संख्या बढ़कर 78 लाख 64 हजार से अधिक हो गई है, जिससे राज्य के 70.41% ग्रामीण परिवार नल जल सुविधा से जुड़ गए हैं। कुल 1 करोड़ 11 लाख 69 हजार परिवारों को नल से जल उपलब्ध कराने का लक्ष्य है, जिसे 2027 तक पूरा कर लिया जाएगा।

कार्यान्वयन और प्रगति

उन्होंने आगे बताया कि कुल 147 समूह नलजल योजनाओं में से 52 पूरी हो चुकी हैं, जिनसे 4,285 गांवों में पानी की आपूर्ति की जा रही है, जबकि शेष 95 योजनाएं प्रगति पर हैं।

प्रमुख सचिव नरहरि ने ग्रामीण क्षेत्रों में नलजल योजनाओं के प्रभावी और दीर्घकालिक संचालन के लिए विभिन्न विभागों के साथ विचार-विमर्श के बाद तैयार की गई नई नीति का विस्तृत विवरण दिया। उन्होंने बताया कि इस नीति के अनुसार, नलजल योजना का संचालन पहले की तरह ही संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा किया जाएगा, जबकि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एक अनुबंधित एजेंसी के माध्यम से योजनाओं के रखरखाव में पंचायतों का सहयोग करेगा।

इस महत्वपूर्ण बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रह्लाद सिंह पटेल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्रीमती सम्पतिया उइके, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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