जानें बेडरूम में सोने से पहले ये खास नियम और फायदे

न्युज डेस्क (एजेंसी)। घर को बनाते समय इंसान हर एक चीज का बारीकी से ध्यान रखता है। वहीँ एक घर में बेडरूम वह जगह है जहां आप अपनी दिन भर की थकान को मिटाकर नई उर्जा प्राप्त करते हैं। वास्तु के अनुसार वैवाहिक जीवन को प्रेम और सुकून से जीने के लिए पति-पत्नी का शयनकक्ष बहुत महत्व रखता है। देखने में आता है कि कई दंपत्ति तो छोटे से घर में भी बड़े प्यार से रहते हैं, जबकि कई ऐसे भी घर हैं,जहां खूब ऐशो-आराम होने के बाद भी पति-पत्नी छोटी-छोटी बातों पर झगड़ते रहते हैं, हर समय कलह का वातावरण रहता है।
यदि आपके घर में भी ऐसा ही है, तो आपसी तालमेल को बढ़ाने के साथ-साथ अपने बेडरूम के वास्तु पर जरूर ध्यान दीजिए। पति-पत्नी में कोई मनमुटाव नहीं रहे उनके जीवन में खुशियां हो, इसके लिए जरूरी है कि उनका शयनकक्ष सही स्थान पर हो। इसके साथ ही उसकी दिशा, दीवारों का रंग, दर्पण, टॉयलेट, फर्नीचर आदि का सही स्थान पर होना आवश्यक है। इन सबके असंतुलित होने से झगड़ा,तनाव,स्वास्थ्य संबंधी जैसी परेशानियां पैदा हो सकती हैं।
सही दिशा देख लें
वास्तुविज्ञान में सुखी दांपत्य के कुछ नियम बताये गये हैं जिसके अनुसार संबंधों, जुड़ाव और दक्षता के जोन दक्षिण-पश्चिम में बेडरूम होने से पति-पत्नी लगातार अपने-अपने कार्यों में दक्षता हासिल करते हैं और दोनों मिलकर अपने परिवार का भी पूरा ध्यान रखते हैं। इसी प्रकार दंपत्ति अपनी विवाहित जिंदगी को जीने के लिए प्रेम और आकर्षण की दिशा उत्तर-उत्तर-पश्चिम के क्षेत्र में अपना शयनकक्ष बना सकते हैं, इस दिशा में कमरा होने से उनके आपसी संबंधों में प्रगाढ़ता आती है, जिससे जीवन में प्रेम बना रहेगा। पश्चिम जोन लाभ और प्राप्तियों का है ,इसलिए इस जोन में बना बेडरूम दंपत्ति के लिए जीवन के हर क्षेत्र में लाभ और धन की प्राप्ति के लिए श्रेयस्कर है।
पति-पत्नी को उत्तर पूर्व दिशा के कमरे में या इस दिशा में बेड लगाने से परहेज करना चाहिए। वास्तु विज्ञान के अनुसार उत्तर- पूर्व दिशा का स्वामी गुरु होता है, जो यौन संबंध में उत्साह की कमी लाता है जिसकी वजह से दांपत्य जीवन नीरस होने लगता है और आपस में तालमेल की भी कमी आती है। अग्नि के दिशा क्षेत्र दक्षिण-पूर्व में बेडरूम होने से पति-पत्नी का व्यवहार बेवजह ही आक्रामक होता जाता है और कई बार छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करना उसकी आदत में शामिल हो जाता है जिससे दोनों के बीच मनमुटाव रहता है। दोनों बस एक-दूसरे की बुराई व कमियां ढ़ूंढने में ही लगे रहते हैं,जो संबंध विच्छेद का कारण भी बन सकता है। साथ ही इस कोण में बेडरूम होने से फालतू का खर्च भी बढ़ता है।
इस दिशा में सिर करके न सोएं
जिस प्रकार पृथ्वी का उत्तरी ध्रुव है ठीक उसी प्रकार से मनुष्य शरीर का मस्तिष्क वाला हिस्सा उसका उत्तरी पोल माना गया है। अतः सम्पूर्ण सुखद विश्राम के लिए आपको सिर सदैव दक्षिण ध्रुव की ओर करके सोना चाहिए ताकि चुम्बकीय तरंगें सही दिशा में प्रवाहित हो सकें। इसके विपरीत उत्तर दिशा में सिर रखकर सोने से चुंबकीय प्रवाह अवरुद्ध होकर बिगड़ जाएगा, जिससे आपको ठीक से नींद नहीं आ पाएगी। वास्तु के अनुसार इस दिशा में सिर करके सोने से नींद बाधित होती है जिस कारण सिरदर्द रह सकता है।जो लोग उत्तर की तरफ सिर एवं दक्षिण की तरफ पैर रखकर सोते हैं ऐसे लोग रातभर करवटें बदलते रहेंगे,सुबह उठकर भी आलस्य बना रहेगा। मानसिक बीमारियों की संभावना बढ़ जाएगी अतः वास्तु की मानें तो इस दिशा में सिर करके कभी न सोएं।वास्तु के अनुसार हमेशा दक्षिण या पूर्व दिशा में सिर करके सोएं, ताकि आप दीर्घायु और गहरी नींद प्राप्त कर सकें।