सरकार के इस नए प्रस्ताव से 7 करोड़ PF धारकों को मिलेगा लाभ

नई दिल्ली (एजेंसी)। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के नियमों में बदलाव पर विचार किया जा रहा है, जिससे सदस्यों को अपनी जमा पूंजी के इस्तेमाल की अधिक छूट मिल सके। फिलहाल, ईपीएफओ सदस्य कुछ खास जरूरतों जैसे घर खरीदने, शादी या बच्चों की पढ़ाई के लिए ही आंशिक निकासी कर पाते हैं।
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, दो वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने बताया कि अगले एक साल में निकासी के नियमों को सरल बनाया जा सकता है। सरकार का मानना है कि यह पैसा सदस्यों का है और उन्हें अपनी जरूरत के हिसाब से इसे इस्तेमाल करने की आजादी मिलनी चाहिए।
मौजूदा निकासी नियम
विवाह के लिए:
कम से कम सात साल की नौकरी वाले सदस्य अपने और परिवार (भाई-बहन या बच्चों) के विवाह के लिए जमा राशि के साथ अर्जित ब्याज का 50% तक निकाल सकते हैं।
आवास के लिए:
घर खरीदने या बनवाने के लिए कुल जमा राशि का 90% तक निकाला जा सकता है।
इसके लिए सदस्य की नौकरी कम से कम तीन साल की होनी चाहिए और संपत्ति सदस्य, उनके पति/पत्नी या संयुक्त स्वामित्व के नाम पर होनी चाहिए।
शिक्षा के लिए:
बच्चों की 10वीं के बाद की पढ़ाई के लिए सदस्य अपने अंशदान का 50% तक ब्याज सहित निकाल सकते हैं।
इसके लिए भी कम से कम सात साल की सेवा जरूरी है।
भविष्य में क्या बदल सकता है?
मनीकंट्रोल की पिछली रिपोर्ट के अनुसार, सरकार एक नए नियम पर विचार कर रही है जिसके तहत ईपीएफओ सदस्यों को हर 10 साल में एक बार अपनी पूरी जमा राशि या उसका एक हिस्सा निकालने की अनुमति दी जा सकती है। एक अधिकारी ने बताया कि इससे हर 10 साल में सदस्यों के पास एक बड़ी रकम जमा हो जाएगी, जिसका वे अपनी सुविधानुसार इस्तेमाल कर सकेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव खासकर कम और मध्यम आय वर्ग के लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होगा, जिन्हें अक्सर अचानक पैसों की जरूरत पड़ती है।
2023-24 में ईपीएफओ के कुल सदस्यों की संख्या बढ़कर 7.37 करोड़ हो गई थी, और जुलाई 2025 में भी 21 लाख नए सदस्य जुड़े हैं। वर्तमान में, ईपीएफओ सदस्य अपनी पूरी जमा राशि केवल रिटायरमेंट के बाद या दो महीने से अधिक समय तक बेरोजगार रहने पर ही निकाल सकते हैं।