लखमा को एक और झटका, विधानसभा सत्र में शामिल होने की मांग संबंधी याचिका ख़ारिज
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रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा शराब घोटाले मामले में जेल में बंद हैं। उन्होंने विधानसभा के बजट सत्र की कार्रवाई में हिस्सा लेने के लिए याचिका लगाई थी। जिसे कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है, ऐसे में अब वे बजट सत्र में शामिल नहीं हो सकेंगे। शराब घोटाले मामले में ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा है।
पहले भी जमानत याचिका हो चुकी है ख़ारिज
कवासी लखमा की अग्रिम जमानत की याचिका ईओडब्ल्यू की स्पेशल कोर्ट पहले ही खारिज कर चुकी है। कवासी की ओर से वकील ने दो सप्ताह पूर्व उसके बचाव पक्ष में उसे निर्दोष बताते हुए झूठे मामले में फंसाने और परेशान करने का आरोप लगाया था। इसके साथ ही ईडी को छापेमारी के दौरान उनके घर से एक पैसा भी बरामद और आपत्तिजनक दस्तावेज नहीं मिलने की जानकारी दी थी, वहीं ईओडब्ल्यू की ओर से इस मामले में कवासी लखमा पर शराब घोटाले में हर महीने 50 लाख रुपए कमीशन सहित करीब दो करोड़ रुपए लेने का आरोप लगाते हुए अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करने की मांग की गई थी।
21 जनवरी से जेल में बंद है लखमा
शराब घोटाले के मामले में ईडी ने पूर्व मंत्री कवासी लखमा को 21 जनवरी को रायपुर के स्पेशल कोर्ट में पेश किया था। इस दौरान रिमांड खत्म होने के बाद कोर्ट ने कवासी लखमा को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। इस दौरान ईडी के वकील ने कोर्ट में अपनी दलील पेश करते हुए कहा था कि, लखमा पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं ऐसे में उन्हें जेल भेजा जा सकता है। कोर्ट में ईडी के वकील ने लखमा पर आरोप लगाए कि, उनका नाम इस शराब घोटाले से जुड़ा हुआ है। ऐसे में जांच में उनका सहयोग करना जरुरी है।
ईडी ने लखमा पर लगाए गंभीर आरोप
ईडी का आरोप है कि पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक कवासी लखमा सिंडिकेट के अहम हिस्सा थे। लखमा के निर्देश पर ही सिंडिकेट काम करता था। इनसे शराब सिंडिकेट को मदद मिलती थी। वहीं ईडी ने यह भी कहा कि, शराब नीति बदलने में कवासी लखमा की महत्वपूर्ण भूमिका है।जिससे छत्तीसगढ़ में FL-10 लाइसेंस की शुरुआत हुई। यही नहीं ईडी ने बताया कि, लखमा को आबकारी विभाग में हो रहे घोटाले की पूरी जानकारी थी लेकिन उन्होंने इसे रोकना मुनासिब नहीं समझा।