पोस्टमार्टम के बदले रिश्वत मांगने के मामले में बीएमओ सस्पेंड, संविदा डाक्टर पर भी गिरी गाज

सरगुजा : जिले के सिलसिला गांव में डबरी में डूब जाने से दो बच्चों की मौत हो गई. इसके बाद परिजन किसी तरीके से बाइक में दोनों बच्चों के शव को लेकर पोस्टमार्टम करने के लिए अस्पताल पहुंचे जहां डॉक्टर ने पोस्टमार्टम करने के एवज में 10-10 हजार रूपये मांगे. जिसके बाद आज इस मामले में कलेक्टर ने बड़ी कार्यवाही करते हुए बीएमओ को सस्पेंड कर दिया.
पोस्टमार्टम के बदले मांगी रिश्वत, बीएमओ सस्पेंड
सरगुजा जिले के सिलसिला गांव में बच्चों की मौत के बाद पोस्टमार्टम के बदले रिश्वत मांगने के मामले में कलेक्टर ने बड़ी कार्यवाही करते हुए सरगुजा के लूड्रा बीएमओ राघवेन्द्र चौबे को सस्पेंड कर दिया वहीं रघुनाथपुर प्राथमिक स्वास्थ केंद्र के संविदा डाक्टर अमन जायसवाल को पद से हटाया गया है. और स्वास्थ संचालनालाय में वापस लौटाया गया.
परिजनों को 4-4 लाख का मुआवजा
कार्यवाही के साथ ही कलेक्टर ने मृतक दोनों बच्चों के परिजनों को चार-चार लाख के मुआवजे का आदेश भी दिया है. और आज ही चेक देने का एसडीएम को निर्देश दिया है. बता दें की परिजनों ने कलेक्टर के सामने डाक्टर द्वारा रिश्वत मांगने और शव वाहन नहीं मिलने की जानकारी दी. इस पर कलेक्टर न एसडीएम को भी फटकार लगाई. और एसडीएम को कहा कि पीड़ितों को दफ्तर का चक्कर न लगवाएं उन्हें घर लाकर चेक दें.
पानी में डूबने से 2 बच्चों की मौत
बता दें कि सरगुजा के रघुनाथपुर पुलिस चौकी क्षेत्र के ग्राम सिलसिला में दो बच्चों की पानी में डूबने से मौत हो गई मौत के बाद गांव में मातम पसर गया. रविवार की शाम परिजन दोनों बच्चों के शव को लेकर पोस्टमार्टम कराने के लिए रघुनाथपुर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे लेकिन तब तक शाम हो चुकी थी तो डॉक्टर ने पोस्टमार्टम करने से इनकार कर दिया.
पोस्टमार्टम के लिए मांगी थी रिश्वत
इसके बाद परिजन दोनों बच्चों के शव को वापस घर लेकर पहुंचे और सोमवार आज फिर से बाइक से ही शव को लेकर पोस्टमार्टम कराने पहुंचे तो डाक्टर ने एक बच्चे के पोस्टमार्टम के एवज में 10 हजार मांगे और फिर पांच हजार के बिना पोस्टमार्टम करने से इंकार कर दिया. लेकिन ज़ब इसकी जानकारी मीडिया को मिली तो बाद में डाक्टर ने घंटो बाद पोस्टमार्टम किया लेकिन फिर शव वाहन नहीं मिलने पर लाश को परिवार वाले बाइक से ही घर ले गए. वहीं जिम्मेदार अफसर सीएमएचओ सिस्टम को शर्मिंदा करने वाले डाक्टर का बचाव करते दिखे.