माओवाद प्रभावितों तथा आत्मसमर्पित नक्सलियों के साथ है सरकार : डिप्टी सीएम विजय शर्मा

जगदलपुर। बस्तर के सातों जिलों से आए नक्सल प्रभावित और पीड़ितों ने मंगलवार को सिरहासार भवन से शहीद स्मारक तक रैली निकालकर माओवादी हिंसा के खिलाफ नारेबाजी की। रैली का समापन कार्यक्रम ऐतिहासिक सिरहासार चौक पर हुआ, जहां उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप और सांसद महेश कश्यप सहित कई जनप्रतिनिधियों ने सहभागिता की।
माओवाद नहीं, बस्तर का विकास चाहिए
रैली के दौरान सैकड़ों की संख्या में मौजूद लोगों ने “नक्सलवाद मुर्दाबाद”, “कम्युनिस्ट तंक खत्म करो”, “माओवाद नहीं, बस्तर का विकास चाहिए” जैसे नारे लगाए। ये रैली माओवाद के विरुद्ध बस्तरवासियों की एकजुटता और उनके बदले हुए नजरिए का स्पष्ट संदेश बनकर सामने आई।
रैली को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा, “सरकार माओवाद पीड़ितों और आत्मसमर्पण करने वाले पूर्व नक्सलियों के हर दुख-सुख में उनके साथ खड़ी है। एक प्रभावी और मानवीय पुनर्वास नीति तैयार की गई है, जिसका उद्देश्य उन्हें सम्मानजनक जीवन देना है।”
उन्होंने यह भी बताया कि बस्तर संभाग के सभी एसपी कार्यालयों में हर बुधवार को आवेदन जमा किए जा सकते हैं, ताकि जरूरतमंदों तक तत्काल सहायता पहुंच सके।
“सरकार कटिबद्ध है” – केदार कश्यप
वन मंत्री केदार कश्यप ने अपने संबोधन में माओवादी उत्पीड़न के अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि राज्य सरकार माओवाद से पीड़ित नागरिकों को विकास की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने शासन की योजनाओं के माध्यम से लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की बात कही।
शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि
कार्यक्रम के दौरान उप मुख्यमंत्री, वन मंत्री, सांसद महेश कश्यप, विधायक विनायक गोयल, महापौर संजय पांडेय और अन्य जनप्रतिनिधियों ने शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पित कर नमन किया।
पीड़ितों ने साझा की व्यथा
कार्यक्रम में नक्सल पीड़ितों ने अपनी आपबीती मंच पर साझा की और प्रशासन से सुरक्षा, पुनर्वास और रोजगार जैसी मांगें रखीं। उप मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने उनके मुद्दों पर ध्यान देने का आश्वासन दिया और समस्याओं का जल्द समाधान करने की बात कही।
यह रैली बस्तर अंचल में माओवाद के खिलाफ जनभावनाओं के प्रकट होने और सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति का एक मजबूत उदाहरण बन गई है।