छत्तीसगढ़

GST टीम की बड़ी कार्रवाई : 5 शहरों में छापे, 10 करोड़ की पेनल्टी तय

रायपुर। छत्तीसगढ़ में जीएसटी चोरी के खिलाफ स्टेट जीएसटी विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। गुटखा, कपड़ा, ट्रांसपोर्ट, जूता और ड्रायफ्रूट कारोबारियों के 25 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी कर विभाग ने 10 करोड़ रुपए की पेनाल्टी तय की है। ये कार्रवाई रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, दुर्ग, रायगढ़ और जगदलपुर में की गई।

कच्चे में लेनदेन और बोगस बिलिंग का भंडाफोड़

टीम को छापे के दौरान बोगस बिलिंग, बिना टैक्स लेनदेन, कच्चे में खरीद-बिक्री और इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) की फर्जी एंट्री के दस्तावेज मिले। कारोबारी वास्तविक उपभोक्ताओं को माल बेचकर बिल फर्जी फर्मों के नाम से जारी कर रहे थे ताकि ITC का लाभ दिया जा सके।

कम्प्यूटर, बिल बुक्स और डिजिटल डेटा जब्त

टीम ने कई दुकानों और गोदामों से कंप्यूटर, लैपटॉप, बिक्री बिल, वाउचर, डायरी, स्टाफ रजिस्टर और अन्य डिजिटल डेटा जब्त किया। ड्रायफ्रूट और जूता कारोबारियों के यहां टैक्स चोरी की पुरानी शिकायतें पहले से थीं। इस बार पुख्ता सबूत मिलने के बाद छापेमारी की गई।

ई-वे बिल में भी अनियमितता

जांच में पता चला कि वर्ष 2017-18 से 2024-25 तक करोड़ों का टर्नओवर दिखाया गया है, लेकिन नकद कर भुगतान शून्य है। ई-वे बिलों की पड़ताल में यह भी सामने आया कि माल उपभोक्ताओं को बेचा गया लेकिन बिल अन्य व्यवसायियों के नाम पर काटे गए।

बिना टैक्स कारोबार नहीं: जीएसटी कमिश्नर

स्पेशल कमिश्नर टीएल ध्रुव ने स्पष्ट किया कि बिना टैक्स दिए कारोबार संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि, “पिछली तिमाही में छत्तीसगढ़ देश के टॉप जीएसटी संग्रहकर्ता राज्यों में शामिल रहा है, और इस तिमाही में भी वही रिकॉर्ड दोहराने की तैयारी है।”

छत्तीसगढ़ में लगातार बढ़ रही टैक्स सख्ती और निगरानी से अब फर्जीवाड़ा करने वालों की खैर नहीं। कारोबारियों को सलाह दी गई है कि वे लंबित टैक्स तुरंत जमा करें, अन्यथा सख्त कार्रवाई के लिए तैयार रहें।

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