छत्तीसगढ़

फर्जी दस्तावेज़ों पर नौकरी : चार महिलाएं गिरफ्तार

बलरामपुर। बलरामपुर ज़िले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। सरकारी नौकरी पाने के लिए फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों का इस्तेमाल करने वाली चार महिलाओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है। ये महिलाएं आंगनबाड़ी में सहायक के पद पर काम कर रही थीं। इन्होंने आठवीं कक्षा की फ़र्ज़ी मार्कशीट के आधार पर यह नौकरी हासिल की थी।

यह घटना शंकरगढ़ विकासखंड के ग्राम कोठली, जार्गिम, महुआडीह और बेलकोना में सामने आई। इन सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में ये महिलाएं तैनात थीं। शिकायत मिलने पर, ज़िलाधिकारी ने मामले की जांच के आदेश दिए, जिसमें धोखाधड़ी की पुष्टि हुई। इसके बाद, चारों महिलाओं को उनकी सेवाओं से बर्खास्त कर दिया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग ने जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस में प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई, जिसके बाद शंकरगढ़ पुलिस ने इन चारों को गिरफ्तार कर लिया।

बिलासपुर में सहकारी बैंक के 29 कर्मचारी बर्खास्त
एक अलग घटनाक्रम में, बिलासपुर के ज़िला सहकारी केंद्रीय बैंक में 29 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है। ये भर्तियां दूषित प्रक्रिया के तहत हुई थीं। इन कर्मचारियों के संबंध में उच्च न्यायालय (High Court) ने विभागीय कार्यवाही के आदेश दिए थे। इन सभी कर्मचारियों को पहले भी बर्खास्त किया जा चुका था, जिसे उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) में चुनौती दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अपील खारिज कर दी।

इन कर्मचारियों ने अपनी बर्खास्तगी के ख़िलाफ़ उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी। उच्च न्यायालय ने सुनवाई के बाद बैंक को यह आदेश दिया था कि वह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का पालन करते हुए, आदेश की तारीख से विभागीय कार्यवाही शुरू करे।

इन कर्मचारियों में शाखा प्रबंधक चंद्रशेखर कुरें, सहायक लेखापाल अश्वनी चंद्राकर, संतोष कुमार कौशिक, दिलीप साहू, कु. सुमन यादव, पर्यवेक्षक सुनील कुमार साहू, विजय कुमार सिंह, शंशाक शेखर दुबे, जयप्रकाश देवांगन, चंचल कुमार दुवे, ललित कुमार राठौर, भूपेश कुमार राठौर, चंदन प्रताप सिंह और अन्य कर्मचारी शामिल हैं।हैं।

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