land registry: जमीन की रजिस्ट्री अब घर बैठे संभव, नए नियम दिसंबर 2025 तक होंगे लागू

रायपुर।भारत सरकार ने जमीन और संपत्ति की रजिस्ट्री से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है। हाल ही में पेश किया गया नया रजिस्ट्रेशन बिल, 2025 एक आधुनिक और पारदर्शी डिजिटल सिस्टम की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य पूरे देश में “वन नेशन, वन रजिस्ट्री” को लागू करना है। यह नया कानून पुराने 1908 के अधिनियम की जगह लेगा और नागरिकों के लिए प्रक्रिया को बेहद आसान बना देगा।
प्रक्रिया होगी पूरी तरह डिजिटल
घर बैठे रजिस्ट्री: अब लोगों को रजिस्ट्रार या तहसील कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। रजिस्ट्री से संबंधित सभी काम जैसे दस्तावेज अपलोड करना, सत्यापन और फीस जमा करना अब ऑनलाइन किए जा सकेंगे।
डिजिटल कॉपी: रजिस्ट्री पूरी होते ही, नागरिकों को तुरंत ही डिजिटल हस्ताक्षर के साथ दस्तावेज की एक डिजिटल कॉपी मिल जाएगी। इससे न केवल समय और मेहनत की बचत होगी, बल्कि पूरी प्रक्रिया सुरक्षित और पेपरलेस बन जाएगी, जिससे पर्यावरण को भी लाभ होगा।
अनिवार्य दस्तावेज और धोखाधड़ी पर रोक
कई दस्तावेजों की रजिस्ट्री अनिवार्य: अब केवल सेल डीड ही नहीं, बल्कि ‘एग्रीमेंट टू सेल’, ‘पावर ऑफ अटॉर्नी’, ‘सेल सर्टिफिकेट’ और ‘इक्विटेबल मॉर्गेज’ जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों की भी रजिस्ट्री कराना अनिवार्य होगा।धोखाधड़ी में कमी: हर लेन-देन का डिजिटल रिकॉर्ड होने से धोखाधड़ी और संपत्ति विवादों की संभावना बहुत कम हो जाएगी। फर्जीवाड़ा करना लगभग असंभव हो जाएगा।
सुरक्षा के लिए आधार-बायोमेट्रिक पहचान
बायोमेट्रिक सत्यापन: रजिस्ट्री की सुरक्षा के लिए आधार-बायोमेट्रिक पहचान को अनिवार्य बनाया गया है। आधार को प्राथमिकता दी जाएगी, लेकिन पासपोर्ट और वोटर आईडी जैसे विकल्प भी स्वीकार्य होंगे।फर्जीवाड़े पर लगाम: यह डिजिटल प्रणाली फर्जी रजिस्ट्रियों को रोकेगी और प्रत्येक दस्तावेज की प्रामाणिकता सुनिश्चित करेगी।
पारदर्शिता और डिजिटल भुगतान
वीडियो रिकॉर्डिंग: पारदर्शिता बढ़ाने के लिए, हर रजिस्ट्री की वीडियो रिकॉर्डिंग करना अनिवार्य होगा, जिसे भविष्य में किसी भी विवाद की स्थिति में इलेक्ट्रॉनिक सबूत के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा।
नकद लेन-देन पर रोक: सभी फीस और स्टांप ड्यूटी का भुगतान केवल डिजिटल माध्यमों (UPI, नेट-बैंकिंग, या कार्ड) से ही किया जा सकेगा। इससे रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार की गुंजाइश खत्म हो जाएगी।
लागू होने की संभावित तिथि
बिल का मसौदा तैयार: इस बिल का मसौदा तैयार हो चुका है और सरकार ने जुलाई-अगस्त 2025 तक इसे संसद में पारित कराने का लक्ष्य रखा है।
दिसंबर 2025 तक लागू: उम्मीद है कि यह नियम 2025 के अंत तक लागू हो जाएगा। सरकार का लक्ष्य दिसंबर 2025 तक पूरे देश में भूमि रिकॉर्ड को 100% डिजिटाइज़ करना है, हालांकि फिलहाल पूर्वोत्तर राज्य और लद्दाख इसमें शामिल नहीं हैं।
नागरिकों को मिलने वाले फायदे
बचत: समय, पैसा और मेहनत तीनों की बचत होगी।
सुरक्षा और पारदर्शिता: फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी पर रोक लगेगी।
सरल प्रक्रिया: घर बैठे ही सभी दस्तावेजी और वित्तीय कार्य पूरे किए जा सकेंगे, जिससे नागरिकों का जीवन सरल और सुरक्षित बनेगा।