छत्तीसगढ़

प्रदेश में सौर ऊर्जा के उपभोक्ता ऊर्जा उत्पादक के साथ-साथ बन रहे हैं ऊर्जा दाता : मुख्यमंत्री साय

रायपुर। भारत की स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ती प्रगति में छत्तीसगढ़ एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। PM सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना जैसी पहलों के साथ, राज्य स्वच्छ ऊर्जा के लक्ष्यों को तेज़ी से पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने हाल ही में रायपुर में आयोजित सौर ऊर्जा जागरूकता और प्रोत्साहन अभियान में यह बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब उपभोक्ता सिर्फ ऊर्जा उत्पादक नहीं, बल्कि ऊर्जा दाता भी बन रहे हैं।

सौर ऊर्जा को बढ़ावा

इस अभियान के दौरान, मुख्यमंत्री ने सौर ऊर्जा के लाभों और PM सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए ‘सूर्य रथ’ को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने 618 उपभोक्ताओं के बैंक खातों में ₹1.85 करोड़ की राज्य सब्सिडी भी सीधे हस्तांतरित की। यह सब्सिडी प्रति उपभोक्ता ₹30,000 की दर से दी गई।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण हम सभी के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 2070 तक नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को पूरा करने में छत्तीसगढ़ अपनी पूरी क्षमता से योगदान दे रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देकर, ‘हाफ बिजली बिल’ से आगे बढ़कर ‘मुफ्त बिजली’ की ओर बढ़ने का काम किया जा रहा है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इस योजना का लाभ उठाएँ और अपने आस-पास के लोगों को भी इसके बारे में बताकर स्वच्छ ऊर्जा अपनाने में सहयोग करें।

केंद्र और राज्य का सहयोग

श्री साय ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर उपभोक्ताओं को सब्सिडी दे रही हैं। इसके अलावा, बैंकिंग व्यवस्था के माध्यम से आसान वित्तीय सहायता भी उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि जल्द ही उपभोक्ताओं को पूरी तरह से मुफ्त बिजली का लाभ मिलेगा।

उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत लाभार्थियों को ‘लेटर ऑफ अवार्ड’ दिए गए हैं। इन योजनाओं से उपभोक्ता न सिर्फ अपनी ज़रूरत की बिजली बना रहे हैं, बल्कि अतिरिक्त बिजली बेचकर कमाई भी कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़: ऊर्जा उत्पादन का केंद्र

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में शुरू हुई ‘सौभाग्य योजना’ के तहत हर घर तक बिजली पहुँचाने का सपना पूरा हुआ। उस समय 18,000 गाँव अंधेरे में थे, जहाँ आज बिजली पहुँच चुकी है। अब देश स्वच्छ और हरित ऊर्जा की दिशा में तेज़ी से बढ़ रहा है।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ की बिजली उत्पादन क्षमता केवल 1,400 मेगावाट थी, जो आज बढ़कर 30,000 मेगावाट हो गई है। राज्य अब पड़ोसी राज्यों को भी बिजली बेच रहा है। उन्होंने कहा कि नई उद्योग नीति के तहत ऊर्जा क्षेत्र में ₹3.50 लाख करोड़ के समझौते हुए हैं, जिससे राज्य की उत्पादन क्षमता और भी बढ़ेगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ऊर्जा उत्पादन में देश का अग्रणी राज्य बनेगा। उन्होंने सभी नागरिकों से PM सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का लाभ उठाने और स्वच्छ ऊर्जा के लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया।

अन्य गतिविधियां

इस कार्यक्रम में 12वीं कक्षा के छात्र श्री प्रथम सोनी ने भी अपने विचार रखे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ‘इम्पैक्ट ऑफ डिस्ट्रीब्यूटेड रिन्यूएबल एनर्जी ऑन ग्रिड स्टेबिलिटी’ और ‘एग्रीवोल्टाइक्स परफार्मर हैण्डबुक’ नामक दो पुस्तकों का विमोचन भी किया।

कार्यक्रम में PM सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के क्रियान्वयन में विशेष योगदान देने वाले उत्कृष्ट वेंडरों को भी सम्मानित किया गया।

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