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EPFO की केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक अगले माह, सिस्टम 3.0 को लागू करने पर होगी चर्चा

नई दिल्ली (एजेंसी)। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक 10-11 अक्टूबर को होने वाली है। इस बैठक में EPFO 3.0 सिस्टम को लागू करने की समय-सीमा पर चर्चा होगी, जिसका उद्देश्य सदस्यों को कोर बैंकिंग जैसी सुविधाएँ देना है। इसके अलावा, बैठक में रोजगार प्रोत्साहन योजना की प्रगति और पिछली बैठकों में लिए गए निर्णयों की समीक्षा भी की जाएगी।

EPFO 3.0 पर होगी खास चर्चा

इस बैठक में EPFO 3.0 सॉफ्टवेयर पर गहन विचार-विमर्श होने की उम्मीद है, क्योंकि यह सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। इस सॉफ्टवेयर के जरिए EPFO सदस्यों को कोर बैंकिंग जैसी सुविधाएँ मिल सकेंगी। पहले इस सॉफ्टवेयर को जून तक लॉन्च करने का लक्ष्य था, लेकिन दो मॉड्यूल्स में तकनीकी दिक्कतों के कारण इसमें देरी हो गई।

अब श्रम एवं रोजगार मंत्रालय चाहता है कि इस काम को तय समय-सीमा में पूरा किया जाए ताकि इसकी जिम्मेदारी तय की जा सके।

कब आ सकता है EPFO 3.0?

माना जा रहा है कि EPFO 3.0 अगले साल की शुरुआत तक आ सकता है। इसे लागू करने की तारीख बोर्ड की बैठक में तय की जाएगी। इस नए सिस्टम से EPFO के करीब आठ करोड़ सदस्यों को फायदा होगा। इसकी मदद से सदस्य बिना किसी पूर्व अनुमति के अपने खाते से एक तय राशि एटीएम से निकाल सकेंगे।

रोजगार प्रोत्साहन योजना की समीक्षा

बैठक में रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (ELI) की भी समीक्षा की जाएगी। यह योजना 1 अगस्त से शुरू हुई थी और 31 जुलाई 2027 तक चलेगी। इसका लक्ष्य देश में 3.5 करोड़ से ज्यादा नई नौकरियां पैदा करना है।

इस योजना के तहत पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को 15,000 रुपये तक का प्रोत्साहन और नियोक्ताओं को 1 लाख रुपये तक के वेतन वाले नए कर्मचारियों के लिए 3,000 रुपये प्रति माह का प्रोत्साहन दिया जाएगा।

बैठक में योजना की अब तक की प्रगति का मूल्यांकन किया जाएगा और इस बात पर भी चर्चा होगी कि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ कैसे पहुंचाया जाए।

न्यूनतम पेंशन पर भी हो सकती है बात

सूत्रों के अनुसार, बैठक में न्यूनतम पेंशन बढ़ाने पर भी चर्चा हो सकती है, हालांकि यह अभी एजेंडे में शामिल नहीं है। फिर भी, एजेंडा तैयार करने की प्रक्रिया में इसे शामिल किए जाने की संभावना है।

फिलहाल EPFO की न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये प्रति माह है, जिसे कर्मचारी यूनियनें बढ़ाने की मांग कर रही हैं। यह उम्मीद की जा रही है कि सरकार इस राशि को बढ़ाकर 1,500 या 2,500 रुपये कर सकती है।

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