दिल्ली-मुंबई हाईकोर्ट और बिहार में बम धमकी से मचा हड़कंप

नई दिल्ली (एजेंसी)। आम तौर पर, शुक्रवार का दिन सप्ताहांत की शुरुआत की शांति लेकर आता है, लेकिन इस बार का दिन बिलकुल अलग था। देश की राजधानी दिल्ली, आर्थिक राजधानी मुंबई, और चुनावी राज्य बिहार में बम से जुड़ी धमकियों ने अचानक से हलचल मचा दी।
आईएसआईएस मॉड्यूल की गिरफ़्तारी के बाद बढ़ा शक
हाल ही में, सुरक्षा एजेंसियों ने देश के अलग-अलग हिस्सों से आईएसआईएस के स्लीपर सेल से जुड़े पाँच आतंकवादियों को पकड़ा था। जाँच में पता चला था कि ये आतंकवादी रासायनिक हथियार और आत्मघाती बम बनाने की साज़िश में शामिल थे। इस तरह की हालिया गिरफ़्तारियों के कारण, शुक्रवार को मिली धमकियों को बहुत गंभीरता से लिया जा रहा है।
दिल्ली और मुंबई हाई कोर्ट को धमकी भरा ईमेल
सबसे पहली धमकी दिल्ली हाई कोर्ट को दोपहर में मिली। एक ईमेल में लिखा गया था कि ‘पवित्र शुक्रवार के विस्फोटों के लिए पाकिस्तान और तमिलनाडु की मिलीभगत। न्यायाधीश के कमरे और कोर्ट परिसर में 3 बम रखे गए हैं। दोपहर 2 बजे तक खाली कर दें।’
इस ईमेल के मिलते ही हड़कंप मच गया। पुलिस ने तुरंत बम निरोधक दस्ते, डॉग स्क्वॉड और अग्निशमन दल को मौके पर भेजा। पूरे हाई कोर्ट परिसर को खाली कराकर तलाशी अभियान शुरू किया गया, लेकिन कोई भी संदिग्ध वस्तु नहीं मिली।
इसके बाद, मुंबई हाई कोर्ट को भी ऐसा ही एक धमकी भरा ईमेल मिला। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां तुरंत सक्रिय हो गईं। सभी न्यायाधीशों, वकीलों, कर्मचारियों और आगंतुकों को बाहर निकाला गया। बम निरोधक दस्ता और डॉग स्क्वॉड परिसर की तलाशी में जुट गए।
बिहार में पाकिस्तानी हैंडल से मिली धमकी
इधर, बिहार में भी स्थिति तनावपूर्ण हो गई। एक पाकिस्तानी सोशल मीडिया अकाउंट से यह धमकी दी गई कि ’12 सितंबर 2025 की शाम 4 बजे बम विस्फोट करेंगे, यदि रोक सको तो रोक कर दिखाओ।’
इस धमकी के बाद, बिहार पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने कई इलाकों को सील कर तलाशी शुरू कर दी है और बम निरोधक दस्ते को भी अलर्ट कर दिया गया है।
सुरक्षा एजेंसियां जाँच में जुटीं
अब तक दिल्ली, मुंबई और बिहार—तीनों जगहों पर हुई जाँच में कोई विस्फोटक सामग्री नहीं मिली है। माना जा रहा है कि यह धमकी शरारती तत्वों का काम हो सकती है। इससे पहले भी देश भर के कई स्कूलों और संस्थानों को इस तरह की झूठी धमकियाँ मिल चुकी हैं।
हालांकि, हाल ही में हुई गिरफ़्तारियों और आईएसआईएस की गतिविधियों को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां कोई जोखिम नहीं लेना चाहतीं। फिलहाल, केंद्रीय एजेंसियां इन ईमेल और सोशल मीडिया पोस्ट के स्रोत का पता लगाने में लगी हुई हैं।