
रायपुर। प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना ने दुर्ग जिले में एक नई ऊर्जा क्रांति ला दी है। इस योजना की मदद से नागरिक न सिर्फ भारी भरकम बिजली बिलों से राहत पा रहे हैं, बल्कि अतिरिक्त बिजली ग्रिड को बेचकर कमाई भी कर रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकार दोनों की ओर से मिल रही सब्सिडी ने लोगों के लिए अपने घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाना पहले से कहीं ज्यादा आसान और किफ़ायती बना दिया है।
₹1.08 लाख तक की सब्सिडी
इस योजना के तहत, अगर आप अपने घर की छत पर सोलर सिस्टम लगाते हैं, तो आपको अधिकतम ₹1.08 लाख तक की सब्सिडी मिल सकती है। इस भारी सब्सिडी की वजह से सोलर पैनल लगाने का आर्थिक बोझ काफी कम हो गया है। एक बार लग जाने के बाद, यह सिस्टम बिना किसी बड़े रखरखाव के सालों तक चलता रहता है और लोगों को लंबे समय तक लाभ पहुँचाता है।
जागरूकता के लिए ‘सूर्य रथ’
लोगों को इस योजना के बारे में जानकारी देने के लिए, हाल ही में स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेंद्र यादव ने एक ‘सूर्य रथ’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रथ जिले के अलग-अलग हिस्सों में जाकर नागरिकों को बताएगा कि वे कैसे अपनी छतों पर सोलर पैनल लगाकर बिजली का बिल कम कर सकते हैं और पर्यावरण को बचाने में मदद कर सकते हैं।
कई परिवारों को मिला योजना का लाभ
दुर्ग जिले के कई परिवारों ने इस योजना का लाभ उठाया है। इनमें रसमड़ा के श्री ओमप्रकाश साहू, धनोरा के श्री राजीव दंडोना और भिलाई के श्री डी.के. वर्मा जैसे लोग शामिल हैं, जिन्होंने अपने भारी बिजली बिलों से छुटकारा पाया है।
एक सफल कहानी: अमित जायसवाल
भिलाई के कोहका में रहने वाले श्री अमित जायसवाल ने अपनी छत पर 3 किलोवाट का सोलर पैनल सिस्टम लगवाया है। पहले उनका बिजली बिल ₹7000 से ₹8000 तक आता था, जो अब घटकर सिर्फ ₹500-₹600 रह गया है। उन्होंने बैंक ऑफ बड़ौदा से 7% सालाना ब्याज पर ₹1.90 लाख का लोन लिया था। उन्हें केंद्र सरकार से ₹78,000 और राज्य सरकार से ₹30,000 की सब्सिडी मिली। जुलाई से उनका सोलर सिस्टम ठीक से काम कर रहा है। श्री जायसवाल ने सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस पहल से न सिर्फ उन्हें आर्थिक राहत मिली है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।
उज्ज्वल भविष्य की ओर एक कदम
प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना ने यह साबित कर दिया है कि अब हर कोई अपनी छत को बिजली बनाने का केंद्र बनाकर पैसे बचा भी सकता है और कमा भी सकता है। यह योजना देश के स्वच्छ ऊर्जा मिशन को बढ़ावा देने के साथ-साथ आम लोगों के जीवन में समृद्धि और आत्मनिर्भरता ला रही है।