
रायपुर। आज सूर्य की किरणें महज़ प्रकाश नहीं दे रहीं, बल्कि आम लोगों के जीवन में एक नई ऊर्जा और आय का ज़रिया बन रही हैं। प्रधानमंत्री सूर्य घर-मुफ्त बिजली योजना ने बैकुण्ठपुर के निवासी श्री सेवक राम राजवाड़े के जीवन को पूरी तरह से बदल दिया है। जहाँ पहले बढ़ते बिजली के बिल उनकी परेशानी का सबब थे, वहीं अब वह केवल बिजली के उपभोक्ता नहीं, बल्कि ऊर्जा के प्रदाता (ऊर्जादाता) बन गए हैं।
पीएम सूर्य घर-मुफ्त बिजली योजना सिर्फ़ घरेलू बिजली की खपत और बिल की समस्या का समाधान नहीं कर रही है, बल्कि अब उपभोक्ता अतिरिक्त बिजली का उत्पादन करके राज्य की ऊर्जा सुरक्षा को भी मज़बूती प्रदान कर रहे हैं।
शून्य बिजली बिल की कहानी
राजवाड़े ने अपने घर की छत पर 3 किलोवाट (kW) क्षमता का एक सोलर पावर प्लांट लगवाया है। इस प्लांट के लिए उन्हें 78,000 रुपये की सरकारी सहायता (सब्सिडी) मिली है। इस बदलाव का परिणाम यह हुआ कि जिस बिजली के लिए उन्हें हर महीने हज़ारों रुपये का बिल चुकाना पड़ता था, वह अब लगभग शून्य हो गया है।
राजवाड़े बताते हैं कि इस योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया बहुत आसान थी। एक बार आवेदन करने के बाद, बाक़ी की पूरी प्रक्रिया अपने आप पूरी हो गई और सोलर पैनल उनके घर पर समय पर स्थापित कर दिया गया। उन्हें किसी भी तरह की मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ा। उनका मानना है कि इस योजना ने उन्हें सिर्फ़ बिजली के बिल से राहत नहीं दी, बल्कि बिजली बनाने वाला (ऊर्जा उत्पादक) बनने का भी मौक़ा दिया है।
डबल सब्सिडी से जागरूकता
राजवाड़े ने केंद्र और राज्य सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि दोहरी सब्सिडी (डबल सब्सिडी) ने इस योजना को आम जनता के बीच पहुँचाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इससे लोग जागरूक हो रहे हैं और सौर ऊर्जा को अपनाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। यह कदम उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में सहायक सिद्ध हो रहा है।