छत्तीसगढ़टॉप न्यूज़

अंबिकापुर राशन घोटाला : 62 दुकानों से 4 करोड़ का अनाज ग़ायब, 6 लोगों पर मुक़दमा

अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में एक बड़े राशन घोटाले का पर्दाफ़ाश हुआ है, जिसमें गरीबों के हक़ का करीब 65 लाख रुपए मूल्य का चावल, शक्कर और चना कथित तौर पर हड़प लिया गया।

यह मामला तब सामने आया जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता आलोक दुबे ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद कलेक्टर ने मामले की जाँच के आदेश दिए। जाँच पूरी होने पर, खाद्य विभाग के इंस्पेक्टर की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने राशन विक्रेताओं के खिलाफ धोखाधड़ी और आवश्यक वस्तु अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आपराधिक मामला (एफआईआर) दर्ज किया है।

4 करोड़ से अधिक का राशन ग़ायब

इससे पहले, ज़िला प्रशासन ने मार्च महीने में अंबिकापुर शहर की 62 सरकारी राशन दुकानों का भौतिक सत्यापन कराया था। इस जाँच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि इन दुकानों से चार करोड़ रुपए से भी अधिक मूल्य का राशन स्टॉक में मौजूद नहीं था।

यह माना जा रहा है कि आने वाले समय में अन्य राशन दुकान संचालकों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई हो सकती है।

बड़े पैमाने पर कालाबाज़ारी का आरोप

शिकायतें थीं कि ‘जनकल्याण खाद्य सुरक्षा पोषण एवं उपभोक्ता सेवा सहकारी समिति’, जो सरकारी राशन दुकानों का संचालन कर रही थी, उनके द्वारा बड़े पैमाने पर चावल, चना और शक्कर की कालाबाज़ारी की जा रही है। भाजपा नेता आलोक दुबे की लिखित शिकायत पर कलेक्टर विलास बस ने खाद्य विभाग के इंस्पेक्टर के माध्यम से दुकानों की जाँच करवाई।

जाँच के दौरान, फूड इंस्पेक्टर ने पाया कि राशन दुकानों में अपेक्षित स्टॉक से काफी कम मात्रा में राशन था। इससे स्पष्ट संकेत मिला कि सरकारी राशन को निजी दुकानों और राशन माफिया को बेच दिया गया था।

1631 क्विंटल चावल और 48 क्विंटल चना का घोटाला
जाँच में पता चला कि कुल 1631 क्विंटल चावल और 48 क्विंटल चना का गबन किया गया है। इसके अलावा, शक्कर में भी घोटाला पाया गया।

इस खुलासे के बाद, फूड इंस्पेक्टर शिव कुमार मिश्रा ने राशन दुकान संचालन एजेंसी जनकल्याण खाद्य सुरक्षा पोषण एवं उपभोक्ता सेवा सहकारी समिति के निम्नलिखित 6 पदाधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ अपराध दर्ज कराया है:

पवन सिंह (अध्यक्ष)

सुनिता पैकरा (उपाध्यक्ष)

फरहान सिद्धीकी (सहायक विक्रेता)

प्रिंस जायसवाल (सहायक विक्रेता)

सैफ अली (सहायक विक्रेता)

मुकेश यादव (सहायक विक्रेता)

पुलिस ने 6 आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए बनाई टीम

एफआईआर दर्ज होने के बाद, पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तीन अलग-अलग टीमें गठित की हैं।

शुरुआत में, पुलिस द्वारा ऐसी हल्की धाराएँ लगाई गईं थीं, जिनमें आरोपियों को थाने से ही ज़मानत मिल सकती थी। हालांकि, राशन घोटाले की शिकायत करने वाले भाजपा नेता ने पुलिस अधिकारियों को इस बात से अवगत कराया, जिसके बाद मामले में धारा 409 (अमानत में खयानत) भी जोड़ी गई है।

पुरानी जाँच में भी सामने आया था 50 करोड़ का गबन

गौरतलब है कि आज से दो साल पहले भी अंबिकापुर शहर की राशन दुकानों की जाँच की गई थी। उस जाँच में भी कई दुकानों में अनियमितता पाई गई थी और 50 करोड़ रुपए से अधिक के राशन गबन का मामला सामने आया था।

तब 11 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था, लेकिन बाकी राशन दुकान संचालकों के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई थी। उन्हें केवल गबन किए गए राशन की भरपाई करने का अवसर दिया गया था। बताया जाता है कि उस समय के फूड इंस्पेक्टर की कथित मिलीभगत से इन दुकानदारों ने कागज़ों में ही भरपाई दिखा दी थी, जिससे वे बच निकले थे।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button