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जीवनशैली और आहार से करें डायबिटीज को नियंत्रित : युवाओं में बढ़ता खतरा

नई दिल्ली (एजेंसी)। मधुमेह (डायबिटीज) दुनिया भर में तेज़ी से फैल रही एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। इसे नियंत्रित रखने में हमारी जीवनशैली (लाइफस्टाइल) की बड़ी भूमिका होती है। यदि आपकी जीवनशैली संतुलित है, तो रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) का स्तर भी नियंत्रण में रहता है।

आज भारत में करोड़ों लोग मधुमेह से जूझ रहे हैं, और यह आँकड़ा हर साल बढ़ रहा है। अन्य देशों में भी यही रुझान देखा जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, मधुमेह के हर चार नए मरीज़ों में से एक की उम्र 40 साल से कम है। कई जोखिम कारक युवाओं को इस गंभीर रोग का शिकार बना रहे हैं।

युवाओं में मधुमेह का खतरा और कारण

डॉक्टरों के अनुसार, कम उम्र में मधुमेह होने का एक मुख्य कारण मोटापा भी हो सकता है। अस्वस्थ खान-पान की आदतें—विशेषकर जंक फूड, अधिक कैलोरी, चीनी और वसा (फैट) वाली चीज़ों का ज़्यादा सेवन—मोटापा और मधुमेह दोनों का खतरा बढ़ाता है। अधिक वज़न वाले लोगों में मेटाबॉलिज्म संबंधी समस्याएं भी ज़्यादा देखी गई हैं, जो इंसुलिन के उत्पादन और कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकती हैं। इसलिए, मधुमेह से बचाव के लिए वजन को नियंत्रित रखना सबसे ज़रूरी है।

इंसुलिन की भूमिका और उपचार

इंसुलिन एक हार्मोन है जो रक्त शर्करा को शरीर की कोशिकाओं में प्रवेश करने में मदद करता है, ताकि इसका उपयोग ऊर्जा के लिए किया जा सके। यह लीवर को भी रक्त शर्करा को स्टोर करने का संकेत देता है ताकि बाद में इसका इस्तेमाल हो सके।

मधुमेह के रोगियों में इस हार्मोन का उत्पादन प्रभावित हो जाता है। गंभीर और अनियंत्रित ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन के इंजेक्शन की आवश्यकता होती है, ताकि इसकी कमी को पूरा किया जा सके। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि सही जीवनशैली से इंसुलिन के इंजेक्शन के बिना भी मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है।

मधुमेह का असर पूरे शरीर पर

मधुमेह केवल रक्त में ग्लूकोज (शर्करा) का स्तर बढ़ने की समस्या नहीं है, बल्कि इसका असर पूरे शरीर पर हो सकता है। किडनी, आँखें, लिवर और प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) से संबंधित जटिलताएँ मधुमेह रोगियों में आम हैं। मधुमेह का कोई स्थायी इलाज नहीं है, इसलिए लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए दवाओं और ज़रूरत के हिसाब से इंसुलिन के इंजेक्शन का सहारा लिया जाता है।

मधुमेह नियंत्रण के लिए जीवनशैली में बदलाव

मधुमेह से पीड़ित लोगों को ऐसी जीवनशैली अपनाने की सलाह दी जाती है जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक हो। इसके लिए शारीरिक सक्रियता, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद बहुत आवश्यक है।

  1. पौष्टिक आहार का सेवन

मधुमेह रोगियों को खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। मीठी और अधिक कार्बोहाइड्रेट (कार्ब्स) वाली चीज़ों से परहेज़ करना एक अच्छा विकल्प है। मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली चीज़ों का सेवन करना चाहिए। हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ, प्रोटीन, विटामिन वाले फल और साबुत अनाज को अपने आहार में शामिल करने की आदत इस गंभीर समस्या को नियंत्रित करने में सहायक हो सकती है। शरीर को स्वस्थ और फिट बनाए रखने के लिए डॉक्टर ड्राईफ्रूट्स खाने की सलाह भी देते हैं, लेकिन ध्यान रहे कि सभी ड्राईफ्रूट्स मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद नहीं होते हैं। कुछ ड्राईफ्रूट्स खाने से ब्लड शुगर बढ़ भी सकता है।

  1. नियमित व्यायाम है ज़रूरी

मधुमेह रोगियों के लिए नियमित व्यायाम बहुत ज़रूरी है। रोज़ाना कम से कम 30-40 मिनट तक व्यायाम करना चाहिए। टहलना (वॉक करना), तैराकी (स्विमिंग) या साइकिल चलाना जैसे सामान्य अभ्यास भी सहायक हो सकते हैं। व्यायाम वज़न कम करने और कैलोरी बर्न करने में मदद करता है। नियमित व्यायाम करने वालों में तेज़ी से ब्लड शुगर लेवल बढ़ने का खतरा अन्य लोगों की तुलना में कम होता है।

नोट: उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव केवल सामान्य सूचना के उद्देश्य से प्रस्तुत किए गए हैं। इन्हें अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।

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