भ्रष्टाचार पर एसीबी का शिकंजा : बीएमओ और एएसआई रिश्वत लेते हुए धराए

रायपुर। छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने शुक्रवार को दो अलग-अलग जिलों – बिलासपुर और कोरिया में बड़ी कार्रवाई करते हुए एक ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (BMO) और एक सहायक उप-निरीक्षक (ASI) को घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। दोनों मामलों में एसीबी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
सक्ती जिला: बीएमओ ₹15,000 की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार
बिलासपुर स्थित एसीबी कार्यालय में उमेश कुमार चंद्रा, निवासी डभरा, जिला सक्ती ने शिकायत दर्ज कराई थी। उमेश चंद्रा डभरा के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर कार्यालय में बाबू के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि उनके यात्रा भत्ता (TA बिल) के भुगतान के लिए बीएमओ राजेंद्र कुमार पटेल ने उनसे ₹32,500 की रिश्वत मांगी थी। इसमें से ₹16,500 वह पहले ही ले चुका था।
शिकायतकर्ता रिश्वत देने के बजाय आरोपी को पकड़वाना चाहते थे। एसीबी के सत्यापन के दौरान, आरोपी अधिकारी शेष ₹15,000 लेने के लिए तैयार हो गया। इसके बाद, एसीबी की टीम ने जाल बिछाया और राजेंद्र कुमार पटेल को ₹15,000 लेते हुए मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया।
अधिकारियों ने जानकारी दी कि आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) की धारा 7 के तहत कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
कोरिया जिला: एएसआई और उसका सहयोगी ₹12,000 की घूस लेते पकड़े गए
दूसरी कार्रवाई एसीबी की अंबिकापुर टीम ने कोरिया जिले में की। शिकायतकर्ता मोहम्मद शाह खान, निवासी ग्राम खोड़ ने शिकायत की थी कि उनकी बेटी आशिया नाज का एक्सीडेंट अश्वनी कुमार उर्फ पिंटू ने मोटरसाइकिल से कर दिया था, जिससे उनकी बेटी का पैर टूट गया था। इस मामले में 27 सितंबर 2025 को थाना पटना में एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
एफआईआर की जांच कर रहे सहायक उप-निरीक्षक (ASI) पी. टोप्पो ने मामले में अंतिम रिपोर्ट लगाने और आरोपी से इलाज का खर्च दिलवाने के नाम पर ₹10,000 की रिश्वत की मांग की। बाद में उसने राशि बढ़ाकर ₹15,000 कर दी, जिसमें से ₹3,000 वह एडवांस में ले चुका था।
आज की जाल बिछाकर की गई कार्रवाई में, एएसआई पी. टोप्पो और उसके निजी सहायक राजू कुमार देवांगन को ₹12,000 की दूसरी किस्त लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया।
दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 और 12 के तहत मामला दर्ज कर आगे की जांच की जा रही है।
एसीबी के अधिकारियों ने दोहराया कि विभाग भ्रष्टाचार के खिलाफ “जीरो टॉलरेंस” की नीति पर काम कर रहा है और हाल के महीनों में कई सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है।
एसीबी मुख्यालय, रायपुर के अनुसार: “यदि कोई भी सरकारी कर्मचारी आपसे रिश्वत मांगता है, तो तुरंत एसीबी से संपर्क करें। आपकी पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।”
एक ही दिन में इन दो बड़ी कार्रवाइयों के माध्यम से एसीबी ने स्पष्ट संदेश दिया है कि छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बिलासपुर और कोरिया दोनों ही मामलों में आरोपी अधिकारी रंगे हाथों पकड़े गए हैं और अब उन्हें कानून का सामना करना पड़ेगा।
















