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ट्रंप-जिनपिंग मुलाकात से पहले ट्रेड वॉर थमा, अमेरिका और चीन में व्यापार समझौते पर बनी सहमति

नई दिल्ली (एजेंसी)। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में चीन पर 100% टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने की घोषणा की थी, जिसे 1 नवंबर 2025 से लागू किया जाना था। इस घोषणा के बाद चीन ने भी पलटवार किया था, जिससे दुनिया की इन दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार तनाव (ट्रेड टेंशन) एक बार फिर गहरा गया था।

लेकिन अब यह तनाव कम होता नज़र आ रहा है। दक्षिण कोरिया में ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आगामी मुलाकात से ठीक पहले, अमेरिकी वित्त मंत्री ने एक महत्वपूर्ण दावा किया है।

व्यापार समझौते की रूपरेखा पर बनी सहमति!

इस सप्ताह के अंत में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच होने वाली बैठक से पहले ही, अमेरिका-चीन व्यापार तनाव कम होने के संकेत मिलने लगे हैं।

ख़बर है कि दोनों देशों के बीच एक संभावित व्यापार समझौते की रूपरेखा (फ्रेमवर्क) को लेकर सहमति बन गई है। यह बड़ी जानकारी अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट और व्यापार प्रतिनिधि जेमीसन ग्रीर की चीनी उप-प्रधानमंत्री हे लिफेंग व मुख्य वार्ताकार ली चेंगगांग से मुलाकात के बाद सामने आई है। मई के बाद यह दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच आमने-सामने की बातचीत का पाँचवाँ दौर था।

100% टैरिफ टलने के संकेत

इस मुलाकात के बाद, स्कॉट बेसेंट ने कहा, “मुझे लगता है कि हमारे पास दोनों देशों के नेताओं के लिए गुरुवार को चर्चा करने के लिए एक बहुत ही सफल रूपरेखा है।” उन्होंने यह भी बताया कि दो दिनों की बातचीत के बाद चीन समझौता करने के लिए तैयार दिख रहा है।

यह सहमति ऐसे समय में बनी है, जब ट्रंप ने रेयर अर्थ मिनरल्स पर लगे प्रतिबंधों पर नाराज़गी व्यक्त करते हुए, चीन पर 1 नवंबर से 100% टैरिफ लगाने की धमकी दी थी।

बेसेंट ने विश्वास व्यक्त किया कि यह फ्रेमवर्क इस 100% टैरिफ को टालने में मदद कर सकता है, और शायद चीन के प्रस्तावित निर्यात प्रतिबंधों को भी टालने में सहायक होगा। चीन के प्रमुख वार्ताकार ली चेंगगांग ने भी इस बात की पुष्टि की है कि दोनों पक्ष एक प्रारंभिक सहमति पर पहुँच गए हैं। उन्होंने बातचीत को रचनात्मक बताते हुए यह भी कहा कि अमेरिका का रुख कड़ा रहा है।

ट्रंप-जिनपिंग बातचीत के मुख्य मुद्दे

अमेरिकी वित्त मंत्री के अनुसार, आगामी ट्रंप-जिनपिंग बातचीत में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इनमें ये शामिल हैं:

रूसी तेल की खरीद

अमेरिकी किसानों से फ़सल खरीद

व्यापार असंतुलन

अमेरिकी फेंटेनाइल संकट (जो चीन से आयातित सामानों पर पहली टैरिफ वृद्धि का मुख्य कारण था)

दोनों देशों के राष्ट्रपतियों के बीच यह आगामी वार्ता, व्यापार संघर्ष को और आगे बढ़ने से रोकने के एक प्रयास के रूप में देखी जा रही है, जिसने वैश्विक बाजारों में भारी उथल-पुथल मचाई थी।

महीनों के तनाव के बाद बड़ी राहत

वॉशिंगटन ने ट्रंप-जिनपिंग की बैठक की पुष्टि कर दी है। ट्रंप ने चीन और अमेरिका दोनों में संभावित बैठकों का संकेत देते हुए कहा कि “हम मिलने के लिए सहमत हो गए हैं, हम बाद में चीन में उनसे मिलेंगे और फिर हम अमेरिका में वाशिंगटन या मार-ए-लागो में मिलेंगे।”

यह घटनाक्रम अमेरिका-चीन संबंधों में एक संभावित निर्णायक क्षण है, क्योंकि यह दोनों पक्षों द्वारा महीनों के तनाव के बाद व्यापार और आर्थिक संबंधों को स्थिर करने की एक नई इच्छा को दर्शाता है।

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