नक्सलियों की शांति की पहल : तेलंगाना समिति ने 6 महीने के ‘युद्धविराम’ का किया आह्वान

रायपुर। सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि देश के नक्सल प्रभावित राज्यों में अब चरमपंथी संगठन शांति की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। ओडिशा, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के बाद, अब तेलंगाना में भी नक्सलियों ने ‘संघर्ष-विराम’ के लिए सरकार से आग्रह किया है। नक्सली संगठन की तेलंगाना राज्य समिति के प्रवक्ता जगन ने एक सार्वजनिक पत्र जारी कर युद्धविराम का आह्वान किया है।
शांति बनाए रखने के लिए 6 महीने का संघर्ष-विराम
नक्सलियों के तेलंगाना राज्य समिति के प्रवक्ता जगन द्वारा जारी किए गए पत्र में, उन्होंने सरकार से 6 महीने की अवधि के लिए संघर्ष-विराम घोषित करने की अपील की है।
पत्र में जगन ने उल्लेख किया है:
“अप्रैल, मई और जून के महीनों के दौरान, तेलंगाना राज्य के विभिन्न राजनीतिक दलों, जन संगठनों और सामाजिक समूहों ने शांतिपूर्ण वातावरण बनाए रखने के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाए।”
“तेलंगाना राज्य सरकार ने भी जनता की भावनाओं के अनुरूप सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।”
“इसी संदर्भ में, हमने मई में 6 महीने के लिए एकतरफा युद्धविराम की घोषणा की थी। इन छह महीनों के दौरान, हमने शांति बनाए रखने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया, जैसा कि तेलंगाना का समाज चाहता है।”
“इसलिए, जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप, हम अगले छह महीनों के लिए एक और संघर्ष-विराम की घोषणा कर रहे हैं।”
केंद्र सरकार पर माहौल बिगाड़ने का आरोप और एकजुटता की अपील
पत्र में आगे कहा गया है: “हम अपनी तरफ से शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने का प्रयास जारी रखेंगे। हम सरकार से भी अनुरोध करते हैं कि वह पहले की तरह ही सकारात्मक रुख बनाए रखे।”
पत्र में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा गया है: “केंद्र की भाजपा सरकार तेलंगाना राज्य के शांतिपूर्ण माहौल को खराब करने की कोशिश कर रही है।”
जगन ने सभी दलों, सामाजिक समूहों, संगठनों, छात्रों, बुद्धिजीवियों और लोकतंत्र समर्थकों से आग्रह किया है कि वे इन प्रयासों के खिलाफ खुलकर आवाज़ उठाएँ और लड़ें।
अन्य राज्यों की समितियों ने भी की है शांति वार्ता की पहल
गौरतलब है कि नक्सली संगठन की अलग-अलग समितियों द्वारा लगातार संघर्ष-विराम और शांति वार्ता के लिए पत्र जारी किए जा रहे हैं। तेलंगाना समिति से पहले ओडिशा, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की नक्सल समितियों ने भी शांति चर्चा के लिए पहल की है।
















