धान खरीदी से पहले सहकारी समिति कर्मचारी संघ की अनिश्चितकालीन हड़ताल

अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ सरकार के सामने धान खरीदी की तैयारियों के बीच एक बड़ी चुनौती आ खड़ी हुई है। अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है।
कर्मचारी संघ का कहना है कि वे हर साल धान खरीदी के मौसम से पहले अपनी मांगों को लेकर आवाज़ उठाते हैं, लेकिन सरकार लगातार उनकी अनदेखी कर रही है। इस बार उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, यह आंदोलन जारी रहेगा।
“जिम्मेदारी पूरी, वेतन आधा”: कर्मचारियों का दर्द
कर्मचारी संघ के सदस्यों ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि धान खरीदी के दौरान अगर धान में कोई कमी (जैसे सूखा/क्षति) पाई जाती है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी समिति कर्मचारियों पर थोप दी जाती है। जबकि अक्सर धान का उठाव समय पर नहीं हो पाता, जिससे नुकसान होता है।
इसके बावजूद, उन्हें कम वेतन दिया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि पहले कर्मचारियों को 12 महीने का वेतन मिलता था, लेकिन अब सरकार केवल 6 महीने का भुगतान कर रही है। संघ की प्रमुख मांगों में सीधी भर्ती करना और आउटसोर्सिंग की व्यवस्था को तुरंत बंद करना भी शामिल है।
कामकाज ठप, खरीदी प्रक्रिया पर गंभीर खतरा
इस हड़ताल के कारण राज्य की कई सहकारी समितियों में कामकाज पूरी तरह से रुक गया है। धान खरीदी का सत्र शुरू होने से पहले इस आंदोलन का सीधा असर खरीदी प्रक्रिया पर पड़ने का खतरा है।
कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने जल्द ही उनकी मांगों पर कोई ठोस और निर्णायक फैसला नहीं लिया, तो उनकी हड़ताल बिना किसी समय-सीमा के जारी रहेगी।
















