छत्तीसगढ़

माओवादियों का नया ऐलान : संघर्ष रहेगा जारी, हथियार नहीं डालेंगे

जगदलपुर। नक्सली गुटों में एक बार फिर आंतरिक मतभेद देखने को मिल रहे हैं। एक ओर जहां बड़ी संख्या में माओवादी नेता और कैडर मुख्यधारा में लौटकर हथियार डाल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ नक्सली संगठन पत्र जारी करके ‘संघर्ष विराम’ की अपील कर रहे हैं। इन सबके बीच, नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी ने एक नया पत्र जारी किया है। इस पत्र में उन्होंने स्पष्ट किया है कि वे अपना संघर्ष जारी रखेंगे और हथियार नहीं डालेंगे। साथ ही, उन्होंने आत्मसमर्पण कर चुके नक्सली नेताओं सोनू और सतीश के हालिया बयानों का भी खंडन किया है।

माओवादी आंदोलन रहेगा निरंतर

नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी द्वारा जारी किए गए पत्र में यह ज़ोर दिया गया है कि उनका आंदोलन निरंतर जारी रहेगा। इस पत्र के माध्यम से माओवादियों ने घोषणा की है कि उनका सशस्त्र आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली नेता सोनू और सतीश के दावों को सिरे से खारिज किया है। इसके अलावा, पत्र में नंबाला केशवराव के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करने के आरोप भी लगाए गए हैं।

तीन पन्नों का प्रेस नोट जारी

नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी ने तीन पन्नों का प्रेस नोट जारी किया है। इस नोट में माओवादियों ने सरकार और आत्मसमर्पित नक्सली नेताओं की कड़ी आलोचना की है। पत्र में लिखा गया है:

“हमारे संगठन, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की केंद्रीय समिति और पोलित ब्यूरो के सदस्य सोनू और दंडकारण्यम विशेष जोनल समिति के सदस्य सतीश ने अवसरवादी और विनाशकारी रवैया अपनाते हुए कुछ अन्य कैडरों को धोखा दिया और महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की सरकारों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। राजनीतिक रूप से पतन के शिकार इन दोनों ने महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की सरकारों के साथ समझौता किया और एक सोची-समझी योजना के तहत आत्मसमर्पण किया। लगभग 3 महीने पहले सोनू ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से आत्मसमर्पण के लिए संपर्क किया था, जबकि सतीश ने पत्रकारों के माध्यम से छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री से संपर्क साधा था।”

युद्ध विराम की पिछली अपील का संदर्भ

यह ध्यान देने योग्य है कि लगभग एक सप्ताह पहले ही, नक्सली संगठन की तेलंगाना राज्य समिति के प्रवक्ता जगन ने एक पत्र जारी कर ‘युद्ध विराम’ की मांग की थी। जगन ने अपने पत्र के माध्यम से सरकार से 6 महीने के लिए युद्ध विराम की घोषणा करने की अपील की थी। केंद्रीय कमेटी का यह नया पत्र उसी अपील के बाद आया है।

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