छत्तीसगढ़ शराब घोटाला : पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की ₹61 करोड़ की संपत्ति जब्त

रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में अपनी कार्रवाई जारी रखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की ₹61.20 करोड़ की संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर दिया है। ईडी के रायपुर क्षेत्रीय कार्यालय ने गुरुवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस कुर्की की पुष्टि की।
जब्त संपत्तियों का विवरण
ईडी के अनुसार, धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत 10 नवंबर 2025 को यह कुर्की की गई है। कुर्क की गई संपत्तियों में शामिल हैं:
अचल संपत्तियाँ: ₹59.96 करोड़ मूल्य के कुल 384 प्लॉट (आवासीय और कृषि भूमि)।
चल संपत्तियाँ: बैंक खाते और सावधि जमा (FD) के रूप में जमा ₹1.24 करोड़ की राशि।
जाँच का आधार और आरोप
ईडी ने यह जाँच छत्तीसगढ़ एसीबी/ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज प्राथमिकी (FIR) के आधार पर शुरू की थी, जिसमें भारतीय दंड संहिता (IPC) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए थे।
घोटाले का आरोप: पुलिस जाँच से संकेत मिला है कि छत्तीसगढ़ में हुए कथित शराब घोटाले से राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ है। अनुमान है कि अनुसूचित अपराधों से ₹2500 करोड़ से अधिक की अपराध आय (Proceeds of Crime – POC) अर्जित की गई, जिससे लाभार्थियों को अनुचित लाभ मिला।
चैतन्य बघेल की भूमिका: पीएमएलए की जाँच में यह सामने आया कि पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे होने के नाते चैतन्य बघेल कथित शराब सिंडिकेट के शीर्ष पर थे और इसे नियंत्रित करते थे।
उन्हें सिंडिकेट द्वारा एकत्र किए गए सभी अवैध धन (POC) का “हिसाब” रखने के लिए ज़िम्मेदार माना गया था।
पीओसी के संग्रह, चैनलाइज़ेशन और वितरण से जुड़े सभी बड़े निर्णय कथित तौर पर उन्हीं के निर्देशों पर लिए जाते थे।
अवैध धन का निवेश
ईडी की जाँच से पता चला है कि चैतन्य बघेल ने शराब घोटाले से प्राप्त अपराध आय (POC) को कथित रूप से अपने रियल एस्टेट व्यवसाय के माध्यम से बढ़ाया और उसे वैध संपत्ति के रूप में पेश किया।
उन्होंने अपनी स्वामित्व वाली कंपनी मेसर्स बघेल डेवलपर्स के तहत अपनी रियल एस्टेट परियोजना “विट्ठल ग्रीन” के विकास में इस अवैध धन का उपयोग किया।
चैतन्य बघेल को ईडी ने 18 जुलाई 2025 को गिरफ्तार किया था और वह वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं।
अन्य गिरफ्तारियाँ और पिछली कुर्की
यह ₹61.20 करोड़ की वर्तमान कुर्की, इस मामले में पूर्व में जब्त की गई संपत्तियों का ही एक हिस्सा है। इससे पहले भी लगभग ₹215 करोड़ मूल्य की अचल संपत्तियाँ कुर्क की जा चुकी हैं।
ईडी ने इस मामले में पहले भी कई प्रमुख व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था, जिनमें शामिल हैं:
अनिल टुटेजा (पूर्व आईएएस)
अरविंद सिंह
त्रिलोक सिंह ढिल्लों
अनवर ढेबर
अरुण पति त्रिपाठी (आईटीएस)
कवासी लखमा (विधायक और छत्तीसगढ़ के तत्कालीन आबकारी मंत्री)
मामले में आगे की जाँच अभी जारी है।
















