कुख्यात नक्सली माडवी हिड़मा ढेर, एक करोड़ का इनाम और कई जवानों की शहादत का जिम्मेदार

जगदलपुर। कुख्यात नक्सली कमांडर माडवी हिड़मा सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया है। इस खतरनाक नक्सली पर छत्तीसगढ़ सरकार ने एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। सूत्रों के मुताबिक, माडवी हिड़मा को आंध्र प्रदेश में सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया। मुठभेड़ में हिड़मा की दूसरी पत्नी राजे उर्फ़ राजक्का के भी मारे जाने की खबर है।
माडवी हिड़मा: नक्सल संगठन का खूंखार चेहरा
माडवी हिड़मा ने 1996 में नक्सल संगठन जॉइन किया था, तब उसकी उम्र महज़ 17 साल थी। उसे हिदमाल्लु और संतोष जैसे अन्य नामों से भी जाना जाता था। यह दुर्दांत नक्सली संगठन के शीर्ष नेताओं में गिना जाता था और कई निर्दोष ग्रामीणों और पुलिस जवानों की हत्या का जिम्मेदार था।
26 से अधिक बड़े हमलों में था शामिल
माडवी हिड़मा साल 2004 से लेकर अब तक 26 से अधिक नक्सली हमलों में सक्रिय रूप से शामिल रहा। इनमें देश के सबसे बड़े नक्सली हमलों में से दो शामिल हैं:
2013 का झीरम घाटी हमला
2021 का बीजापुर हमला
150 से ज़्यादा जवानों की शहादत का मास्टरमाइंड
यह कुख्यात कमांडर सुरक्षा बलों के खिलाफ अपने क्रूर अभियानों के लिए जाना जाता था। इसके नेतृत्व में हुए कुछ बड़े घातक हमले:
3 अप्रैल 2021 का हमला: सुरक्षा बल पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) की बटालियन नंबर-1 के कमांडर हिड़मा को पकड़ने निकले थे, लेकिन नक्सलियों ने घात लगाकर हमला कर दिया। इस मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हुए थे।
अप्रैल 2017 का बुर्कापाल हमला: इस हमले में सीआरपीएफ के 24 जवान शहीद हुए थे।
दंतेवाड़ा हमला: इस हमले में सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हुए थे, और राज्य पुलिस के अनुसार हिड़मा ने ही इस हमले का नेतृत्व किया था।
अन्य प्रमुख हमलों में 2013 का दरभा घाटी नरसंहार और 2017 का सुकमा घात हमला शामिल है।
संगठन में हिड़मा का स्थान
हिड़मा का जन्म दक्षिण सुकमा के पुवार्ती गांव में हुआ था और वह बीजापुर के एक स्थानीय आदिवासी समुदाय से संबंध रखता था। वह नक्सली संगठन की पीपल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) बटालियन-1 का प्रमुख (Head) था। इसके अलावा, वह माओवादी स्पेशल जोनल कमेटी (DKSZ) और सीपीआई की 21 सदस्यीय सेंट्रल कमेटी का भी सदस्य था, जो संगठन में उसके ऊँचे ओहदे को दर्शाता है।
















