छत्तीसगढ़ और तेलंगाना पुलिस की संयुक्त कार्रवाई : जाली नोट रैकेट का पर्दाफाश

नकलची नोटों की छपाई और तस्करी करने वाले गिरोह का बड़ा खुलासा
सक्ती। छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले और तेलंगाना राज्य की पुलिस ने मिलकर नकली नोटों के एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस संयुक्त अभियान में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से ₹1 लाख 70 हजार के जाली नोट बरामद किए हैं।
ऐसे हुआ रैकेट का पर्दाफाश
यह मामला तब सामने आया जब तेलंगाना के कामारेड्डी जिले की पुलिस ने सिद्धा गौड़ नाम के एक व्यक्ति को सबसे पहले पकड़ा। उसकी पूछताछ के आधार पर, पुलिस को इस पूरे अंतर्राज्यीय गिरोह के बारे में पता चला।
जाँच में खुलासा हुआ कि कोलकाता के रहने वाले सौरव डे और नारायण भगत, तथा बिहार के रसीद अहमद मिलकर नकली नोट छापते थे। वे नकली नोट बनाने के लिए कंप्यूटर, कलर प्रिंटर और जेके बॉन्ड पेपर का इस्तेमाल करते थे। इन जाली नोटों को फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से देश के अलग-अलग राज्यों में बेचा और वितरित किया जाता था। तेलंगाना पुलिस ने इन तीनों मुख्य अपराधियों को पकड़कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।
छत्तीसगढ़ में जाली नोट खपाने की साज़िश
जांच में यह भी पता चला कि इस नकली नोटों के वितरण की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में कुछ स्थानीय लोगों को दी गई थी। इनमें नंदलाल जांगड़े, छतराम आदित्य, और उनके रिश्तेदार मनहरण उर्फ सोहन लहरे शामिल थे।
पुलिस ने जब इन तीनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने ₹40 हजार असली नोटों के बदले में ₹2 लाख के जाली नोट खरीदे थे। उन्होंने यह भी बताया कि वे पहले ही इनमें से ₹30 हजार के नकली नोट अलग-अलग जगहों पर चला चुके थे।
₹1.70 लाख जाली नोट बरामद
पुलिस ने मनहरण लहरे के कब्ज़े से ₹1 लाख 70 हजार के शेष बचे हुए नकली नोट जब्त किए और तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इस पूरे मामले को आगे की कानूनी कार्रवाई और विस्तृत जांच के लिए तेलंगाना पुलिस को सौंप दिया गया है।
















