छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ समेत 5 राज्यों में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की समय सीमा बढ़ी

रायपुर। निर्वाचन आयोग ने आज मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) की प्रक्रिया के संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, आयोग ने पाँच राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में एसआईआर की समय-सीमा में वृद्धि की है।

उत्तर प्रदेश में एसआईआर प्रक्रिया की समय-सीमा बढ़ाकर 26 दिसंबर कर दी गई है।

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अंडमान निकोबार में यह प्रक्रिया 18 दिसंबर तक जारी रहेगी।

तमिलनाडु और गुजरात में मतदाता 14 दिसंबर तक अपने फॉर्म जमा कर सकेंगे।

आयोग का मानना है कि मतदाता सूची को अधिक त्रुटिहीन और सटीक बनाना सर्वोच्च प्राथमिकता है, जिसके लिए अतिरिक्त समय देना आवश्यक हो सकता है।

नए मतदाताओं को प्रोत्साहन

यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी योग्य मतदाता पंजीकरण से वंचित न रहे, 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के नए मतदाताओं को फॉर्म छह भरने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। मतदाताओं को सलाह दी गई है कि वे अपने फॉर्म को ब्लॉक लेवल अधिकारियों (BLO) के पास जमा करें या ECINet ऐप/वेबसाइट का उपयोग करके ऑनलाइन भरें, ताकि उनका नाम अंतिम मतदाता सूची में शामिल हो सके। आयोग ने बताया कि यह अंतिम सूची अगले साल फरवरी में प्रकाशित होगी।

क्या है SIR और इसका उद्देश्य?

एसआईआर का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची को स्वच्छ और अद्यतन करना है। इसमें मुख्य रूप से निम्नलिखित कार्य शामिल हैं:

डुप्लीकेट नाम हटाना: एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत नामों को हटाना।

मृत/स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाना: ऐसे मतदाताओं के नाम हटाना जो अब या तो मृत हैं या किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित हो चुके हैं।

नए योग्य मतदाताओं को शामिल करना: 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के सभी योग्य नागरिकों को सूची में शामिल करना।

इस प्रक्रिया के माध्यम से, देशभर में फर्जी मतदान की आशंकाओं को कम किया जा रहा है।

एसआईआर का दूसरा चरण और चुनौतियाँ

वर्तमान में, एसआईआर का दूसरा चरण चल रहा है। इस चरण में, बूथ-स्तर अधिकारी (BLO) घर-घर जाकर सत्यापन का कार्य कर रहे हैं। कई बीएलओ शिक्षक या अन्य सरकारी कर्मचारी होने के कारण, उनके लिए सीमित समय-सीमा में पूरे क्षेत्र का सत्यापन करना चुनौतीपूर्ण हो रहा है।

उत्तर प्रदेश में विस्तार की मांग

उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बुधवार को कहा कि राज्य ने मतदाता सूचियों के एसआईआर को पूरा करने के लिए निर्वाचन आयोग से दो सप्ताह का अतिरिक्त समय देने का अनुरोध किया था। यह विस्तार इसलिए मांगा गया था ताकि जिला चुनाव अधिकारी मृत, स्थानांतरित और लापता मतदाताओं की प्रविष्टियों का दोबारा सत्यापन कर सकें। उनके अनुसार, राज्य में 4 नवंबर से एसआईआर अभ्यास चल रहा है और अब तक 99.24 प्रतिशत जनगणना प्रपत्रों का डिजिटलीकरण हो चुका है।

पश्चिम बंगाल में संशोधित कार्यक्रम

निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल में चल रहे मतदाता सूची के एसआईआर की समय-सीमा में भी संशोधन किया है। अब अंतिम प्रकाशन की तिथि को आगे बढ़ाकर 14 फरवरी, 2026 कर दिया गया है। आयोग ने यह विस्तार बड़े पैमाने पर जनगणना कार्य और राज्य भर में मतदान केंद्रों के उचित सत्यापन की आवश्यकता को देखते हुए दिया है।

संशोधित कार्यक्रम के अनुसार:

16 दिसंबर, 2025: मतदाता सूची का मसौदा प्रकाशित किया जाएगा।

16 दिसंबर, 2025 से 15 जनवरी, 2026: नागरिक दावे और आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं।

7 फरवरी, 2026: दावों, आपत्तियों का निपटारा और विशेष सत्यापन अभियान पूरा किया जाएगा।

14 फरवरी, 2026: अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।

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