छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का नया शिखर : 87 लाख टन की बंपर आवक

रायपुर। छत्तीसगढ़ में चालू सीजन के दौरान धान खरीदी अभियान अपनी पूरी गति पर है। राज्य सरकार द्वारा साझा किए गए हालिया आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए अब तक 87 लाख टन धान का संग्रहण कर लिया है। इस प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए लगभग 17.24 लाख टोकन जारी किए गए थे।
केंद्रों पर सुलभ व्यवस्था
राज्य भर में स्थापित 2,739 उपार्जन केंद्रों के माध्यम से किसान केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य (MSP) पर अपनी फसल बेच रहे हैं। प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि किसानों को अपनी उपज बेचने में किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
किसानों के पंजीकरण में भारी उछाल
इस वर्ष खेती के रकबे और किसानों की भागीदारी, दोनों में ही पिछले वर्षों की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है:
कुल पंजीकृत किसान: इस साल 27.40 लाख किसानों ने पंजीकरण कराया है, जो पिछले वर्ष (25.49 लाख) की तुलना में 7.5% अधिक है।
रकबा विस्तार: धान का रकबा पिछले साल के 28.76 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 34.39 लाख हेक्टेयर हो गया है, जिसमें लगभग 19% की बढ़ोत्तरी देखी गई है।
तकनीक और त्वरित भुगतान
किसानों की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए सरकार ने डिजिटल माध्यमों का सहारा लिया है:
टोकन व्यवस्था: ‘तुहर टोकन’ ऐप अब 24 घंटे कार्य कर रहा है, जिससे किसान अपनी बारी के लिए 20 दिन पहले ही स्लॉट बुक कर सकते हैं।
भुगतान की स्थिति: 11 दिसंबर 2025 तक, किसानों के खातों में धान खरीदी के एवज में 7,771 करोड़ रुपये की राशि सीधे अंतरित (Transfer) की जा चुकी है।
पंजीयन प्रक्रिया: वर्तमान में एकीकृत किसान पोर्टल और एग्रीस्टेक पोर्टल के जरिए पंजीकरण की प्रक्रिया निरंतर जारी है।
अवैध व्यापार पर कड़ी निगरानी
सरकार धान की कालाबाजारी और अवैध भंडारण को रोकने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है। राजस्व, खाद्य और वन विभाग की संयुक्त टीमें सीमावर्ती इलाकों और भंडारण केंद्रों पर कड़ी नजर रख रही हैं।
कार्रवाई: अब तक 2,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं और लगभग 1.93 लाख टन अवैध धान जब्त किया जा चुका है।
तकनीकी निगरानी: मार्कफेड के माध्यम से स्थापित ICCC (इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर) राज्य स्तर पर हर गतिविधि की रीयल-टाइम निगरानी कर रहा है।
















