शराब घोटाला मामला : चैतन्य बघेल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने टाली सुनवाई

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कथित शराब घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र, चैतन्य बघेल को फिलहाल देश की शीर्ष अदालत से राहत नहीं मिल पाई है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका पर विचार करने के बाद अगली सुनवाई जनवरी 2026 तक के लिए स्थगित कर दी है।
सुनवाई के मुख्य अंश:
समग्र सुनवाई की आवश्यकता: अदालत ने स्पष्ट किया कि 3200 करोड़ रुपये के इस व्यापक मामले को टुकड़ों में नहीं सुना जा सकता। कोर्ट का मानना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी पहलुओं पर एक साथ विचार करना ही उचित होगा।
बचाव पक्ष का तर्क: चैतन्य बघेल की ओर से दलील दी गई कि जांच एजेंसी (ED) की कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है और उन्हें बिना किसी ठोस आधार के इस मामले में फंसाया जा रहा है।
जांच एजेंसी का पक्ष: दूसरी ओर, सरकारी एजेंसियों ने अदालत को बताया कि यह एक बड़ा आर्थिक अपराध है, जिसमें आबकारी नीति का दुरुपयोग किया गया। उन्होंने प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता का हवाला देते हुए जांच को निर्णायक मोड़ पर बताया।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद राज्य में राजनीतिक बयानबाजी एक बार फिर तेज हो गई है। जहाँ सत्ता पक्ष इसे भ्रष्टाचार के विरुद्ध कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा मान रहा है, वहीं विपक्ष इसे विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने की रणनीति बता रहा है।
अब इस पूरे प्रकरण की दिशा जनवरी में होने वाली अगली सुनवाई से तय होगी, जिस पर पूरे प्रदेश की नजरें टिकी हुई हैं।
















