टाइगर रिजर्व में बाघ का शिकार : महिला सरपंच के पास मिले अवशेष, जेल भेजी गई

सूरजपुर। छत्तीसगढ़ गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व में एक बाघ की संदिग्ध मौत के मामले में वन विभाग को बड़ी सफलता मिली है। इस शिकार मामले में शामिल होने के आरोप में विभाग ने भैसामुंडा गांव की महिला सरपंच, सिस्का कुजूर (37 वर्ष), को गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से बाघ के नाखून और बाल बरामद किए गए हैं।
क्या है पूरा मामला?
कुछ दिनों पूर्व घुई वन परिक्षेत्र में एक बाघ का शव बरामद हुआ था। शुरुआती जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ कि बाघ की मौत बिजली का करंट लगने से हुई थी। शिकारियों ने न केवल बाघ को मारा, बल्कि उसके शरीर से कीमती अंग जैसे नाखून और दांत भी निकाल लिए थे। बाघ की पीठ और जबड़े पर जलने के गहरे निशान भी पाए गए थे।
हाईकोर्ट की सख्ती का असर
इस गंभीर घटना पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया। मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने इस मामले में नाराजगी जताते हुए प्रधान मुख्य वन संरक्षक (PCCF) से विस्तृत रिपोर्ट मांगी। न्यायालय के कड़े रुख के बाद वन विभाग के अमले ने जांच में तेजी दिखाई।
गिरफ्तारी और बरामदगी
वन विभाग को मुखबिर से सूचना मिली थी कि शिकार के कुछ अवशेष सरपंच के पास छिपे हुए हैं। टीम ने दबिश देकर सिस्का कुजूर को पकड़ा और उनके कब्जे से दो नाखून और बाघ के बाल जप्त किए।
कार्रवाई: आरोपी महिला सरपंच को स्थानीय अदालत में पेश किया गया।
परिणाम: अदालत ने उन्हें 15 दिनों की न्यायिक रिमांड पर अंबिकापुर सेंट्रल जेल भेज दिया है।
वन विभाग अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों और शिकार में शामिल अन्य संदिग्धों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रहा है। विभाग का मानना है कि इस मामले में कुछ और गिरफ्तारियां जल्द ही हो सकती हैं।
















