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सर्दियों का सुपरफूड : स्वाद और सेहत से भरपूर सरसों का साग

हेल्थ न्युज (एजेंसी)। उत्तर भारत में सर्दियों की शुरुआत होते ही रसोई से ‘सरसों के साग और मक्के की रोटी’ की खुशबू आने लगती है। यह केवल एक पारंपरिक व्यंजन ही नहीं, बल्कि पोषण का एक ऐसा पावरहाउस है जो ठंड के मौसम में शरीर को अंदरूनी मजबूती और गर्माहट देता है।

सरसों का साग खाने के अद्भुत स्वास्थ्य लाभ

सरसों का साग अपनी विशेष तासीर और पोषक तत्वों के कारण सर्दियों में बेहद गुणकारी माना जाता है:

पोषक तत्वों का भंडार: इसमें विटामिन A, C, K और E के साथ-साथ आयरन और कैल्शियम जैसे खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो शरीर की दैनिक जरूरतों को पूरा करते हैं।

हृदय स्वास्थ्य: साग में मौजूद फाइबर खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है, जिससे दिल की सेहत बेहतर बनी रहती है।

बेहतर पाचन: उच्च फाइबर सामग्री के कारण यह मेटाबॉलिज्म को सुचारू रखता है और कब्ज जैसी पेट की समस्याओं को दूर करता है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity): विटामिन C की उपस्थिति सर्दियों में होने वाले वायरल संक्रमण, सर्दी और जुकाम से बचाव करने में सहायक होती है।

हड्डियों की मजबूती: विटामिन K और कैल्शियम का संयोजन हड्डियों के घनत्व (Density) को बढ़ाता है और जोड़ों के दर्द में राहत देता है।

डिटॉक्स और कैंसर से बचाव: इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालते हैं और कोशिकाओं को सुरक्षित रखते हैं।

सरसों का साग: बनाने की पारंपरिक विधि

एक बेहतरीन स्वाद वाला साग बनाने के लिए सही अनुपात और धैर्य की आवश्यकता होती है।

आवश्यक सामग्री :

साग मिश्रण: सरसों के पत्ते (500 ग्राम), पालक (250 ग्राम), और बथुआ (150-200 ग्राम)।

बाइंडिंग: मक्के का आटा (2-3 बड़े चम्मच)।

तड़का: बारीक कटा प्याज (1), टमाटर (2), लहसुन की कलियां (8-10), अदरक (2 इंच टुकड़ा), और हरी मिर्च।

मसाले व अन्य: हींग, जीरा, लाल मिर्च पाउडर, नमक और शुद्ध घी या सफेद मक्खन।

बनाने का तरीका :

उबालना: सभी पत्तों (सरसों, पालक, बथुआ) को अच्छी तरह धोकर बारीक काट लें। इन्हें प्रेशर कुकर में थोड़े नमक, अदरक, लहसुन और हरी मिर्च के साथ 2-3 सीटी आने तक पकाएं।

घोटना (Mashing): उबले हुए साग का अतिरिक्त पानी छान लें (इसे फेंकें नहीं)। अब मथानी या ब्लेंडर की मदद से साग को दरदरा घोट लें। इसमें मक्के का आटा मिलाएं ताकि साग में गाढ़ापन और चिकनाहट आए।

पकाना: पिसे हुए साग को बचे हुए पानी के साथ धीमी आंच पर 10-15 मिनट तक पकने दें।

तड़का लगाना: एक कड़ाही में घी गर्म करें। इसमें हींग और जीरा चटकाएं। अब लहसुन, अदरक और प्याज डालकर सुनहरा होने तक भूनें। अंत में टमाटर और मिर्च पाउडर डालकर तब तक पकाएं जब तक घी अलग न हो जाए।

अंतिम चरण: तैयार तड़के में साग मिलाएं और इसे 5-7 मिनट तक धीमी आंच पर एक साथ पकने दें।

इसे ऊपर से सफेद मक्खन डालकर और गरमा-गरम मक्के की रोटी व गुड़ के साथ परोसें।

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