ग्रामीण रोजगार के नए युग का आगाज़ : ‘VB-जी राम जी’ विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी

नई दिल्ली (एजेंसी)। भारत के ग्रामीण रोजगार ढांचे में एक ऐतिहासिक बदलाव करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘विकसित भारत गारंटी रोजगार और आजीविका मिशन ग्रामीण’ (VB-जी राम जी) विधेयक को अपनी स्वीकृति दे दी है। राष्ट्रपति की इस सहमति के साथ ही अब यह विधेयक कानून बन गया है, जो दशकों से चली आ रही ‘मनरेगा’ (MGNREGA) योजना का स्थान लेगा।
इस नए कानून के लागू होने से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की वैधानिक व्यवस्था पूरी तरह बदल जाएगी। गौरतलब है कि इस विधेयक को हाल ही में 19 दिसंबर को संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) से पारित किया गया था।
नए कानून (VB-जी राम जी) और मनरेगा के बीच मुख्य अंतर
नया कानून ग्रामीण श्रमिकों के लिए कुछ नए अवसर और राज्य सरकारों के लिए नई जिम्मेदारियां लेकर आया है। दोनों के बीच प्रमुख अंतर नीचे दी गई तालिका में समझे जा सकते हैं:
विशेषता,मनरेगा (पुराना कानून),VB-जी राम जी (नया कानून)
कार्य दिवस की गारंटी,प्रति वर्ष 100 दिन,प्रति वर्ष 125 दिन
वित्तीय भार,मुख्य रूप से केंद्र सरकार द्वारा वहन,राज्यों को 10% से 40% तक योगदान देना होगा
कार्य अवधि,पूरे वर्ष उपलब्धता,बुवाई और कटाई के 60 दिनों के दौरान कार्य नहीं मिलेगा
शुरुआत,वर्ष 2005 (मनमोहन सिंह सरकार),वर्ष 2025 (द्रौपदी मुर्मू की स्वीकृति)
बदलाव के मायने
जहाँ एक ओर नए कानून में कार्य के दिनों को 100 से बढ़ाकर 125 कर दिया गया है, वहीं वित्तीय ढांचे में भी बड़ा बदलाव किया गया है। अब राज्य सरकारों को इस मिशन के संचालन के लिए बजट का एक हिस्सा (10 से 40 प्रतिशत) खुद वहन करना होगा। इसके अतिरिक्त, खेती के व्यस्त सीजन (बुवाई और कटाई) के दौरान साल में कुल 60 दिन इस योजना के तहत काम उपलब्ध नहीं कराया जाएगा, ताकि कृषि कार्यों के लिए श्रमिकों की उपलब्धता बनी रहे।
यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने और राज्यों की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है।















