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तुहर टोकन’ ऐप ने बदली धान खरीदी की तस्वीर : किसान जेठूराम ने तकनीक और व्यवस्था को सराहा

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की किसान-हितैषी नीतियों और आधुनिक तकनीक के समन्वय ने धान खरीदी की प्रक्रिया को बेहद सरल और पारदर्शी बना दिया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य के किसानों को अब अपनी उपज बेचने के लिए लंबी लाइनों या बिचौलियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ रहा है।

डिजिटल समाधान से खत्म हुआ घंटों का इंतज़ार

सक्ती जिले के लवसरा केंद्र पर धान बेचने आए ग्राम बेल्हाडीह के किसान श्री जेठूराम बंजारे ने इस नई व्यवस्था पर अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने इस वर्ष 20.80 क्विंटल धान का विक्रय किया। जेठूराम बताते हैं कि पहले टोकन कटाने के लिए किसानों को पूरा दिन केंद्र पर गुजारना पड़ता था, जिससे खेती के अन्य काम प्रभावित होते थे। लेकिन अब ‘तुहर टोकन’ मोबाइल ऐप के माध्यम से उन्होंने घर बैठे ही अपनी सुविधानुसार समय चुन लिया।

खरीदी प्रक्रिया में पारदर्शिता और गति

जिला कलेक्टर श्री अमृत विकास तोपनो के मार्गदर्शन में जिले के सभी 125 केंद्रों पर निगरानी रखी जा रही है। किसान जेठूराम ने केंद्र की व्यवस्थाओं के बारे में निम्नलिखित मुख्य बातें साझा कीं:

इलेक्ट्रॉनिक तौलाई: तौल मशीनों के माध्यम से सटीक माप सुनिश्चित की जा रही है, जिससे गड़बड़ी की गुंजाइश खत्म हो गई है।

त्वरित प्रक्रिया: केंद्र पहुँचते ही बिना किसी देरी के तौलाई शुरू हो गई, जिससे समय और श्रम दोनों की बचत हुई।

बेहतर प्रबंधन: हमालों की पर्याप्त उपलब्धता और व्यवस्थित भीड़ प्रबंधन ने प्रक्रिया को सुगम बनाया।

आर्थिक समृद्धि का आधार: 3100 रुपये समर्थन मूल्य

किसानों के लिए सबसे बड़ी राहत की बात 3100 रुपये प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य और भुगतान की समयबद्धता है। जेठूराम का कहना है कि उचित दाम और समय पर पैसा मिलने से उन्हें अपनी अगली फसल की तैयारी और घरेलू जरूरतों को पूरा करने में बड़ी मदद मिली है।

“ऑनलाइन टोकन सिस्टम ने हमारा मान बढ़ाया है। अब हमें टोकन के लिए किसी के चक्कर नहीं काटने पड़ते। इस शानदार व्यवस्था के लिए मैं मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।” – जेठूराम बंजारे, किसान

सक्ती जिले में धान उपार्जन का यह अभियान सुचारू रूप से जारी है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रहा है।

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