छत्तीसगढ़टॉप न्यूज़देश-विदेशलेख-आलेख

वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की बेबाक कलम सीधे रस्ते की टेढ़ी चाल…दीदी बोली बंगला (भाषा) में ‘क्या खराबी है 45 करोड़ के बंगला (आलीशान मकान) में’….

 
फसल खराब हो रही है, बारिश अनियमित धुआंधार हो रही है, ‘बेमौसम बरसात’ तो छोड़िये बिना वजह बरसात मानसून सी हो रही है। लगता है जैसे मौसम ही बरसात का है। इस सारे उलटफेर के लिये जवाबदार सबको पता है कि इन्द्रदेव हैं।


पर ये नहीं पता कि जानबूझकर इन्द्रदेव ने कंट्रोल छोड़ दिया था। खबर है कि इन्द्रदेव हड़ताल पर हैं उन्होनें जानबूझकर बारिश को खुला छोड़ा हुआ है। लोगबाग परेशान हो रहे हैं। ऐसे में जब बात उपर तक पहुंची तो इन्द्रदेव को काॅल किया गया। बातचीत की गयी। देवता गण स्पष्टीकरण नहीं मांगते शो काॅज जारी नहीं करते। वे तो सम्मान के साथ वार्तालाप करते है।
तो जब वार्ता की गयी तो सारे देवगण चैेंक गये। बात दरअसल ये थी कि इन्द्रदेव को सौंदर्य प्रिय है और उन्होंने धरती के सबसे बड़े नाटकबाज का बंगला देख लिया था। इन्द्रदेव बोले इतना अच्छा, भव्य, सुंदर, सुविधाजनक, ऐश्वर्य जिसके कण-कण से टपकता है ऐसा बंगला मैने अपने जीवन में नहीं देखा। मुझे तो ये बंगला चाहिये। देवतागण बोले ‘इसमें क्या खास बात है, हम आपको यहां पर उससे भी सुंदर उससे भी अधिक खूबियों वाला बंगला बनवा कर दे देंगे आप बारिश तो कंट्रोल कीजिये’। इन्द्रदेव बोले ‘नहीं। कदापि नहीं, इससे भव्य बंगला बन ही नहीं सकता। मुझे तो वही चाहिये।
‘बस मेरा दिल उसी पे आ गया है मुझे तो बस वही चाहिये’।
देवता गण परेशान हो उठे ‘ये तो केवल उसी के नसीब में होता है जिसे झूठ बोलने और कपट करने में महारत हासिल हो, जिसका पूरे ब्रम्हाण्ड में कोई मुकाबला न हो। जिसने कट्टर ईमानदार शब्द का अर्थ ही बदल दिया हो, जिसके सामने शर्म भी शर्म से पानी-पानी हो जाए’।
जिसने हमेशा अपने गुरू, अपनी जनता, अपने साथियों से मक्कारी करने में कोई कसर न छोड़ी हो’।
हां मैं समझ गया लेकिन मुझे तो उसी का वही बंगला चाहिये। इन्द्रदेव बोले…
वार्ता जारी है, बारिश भी जारी है। कभी यहां तो कभी वहां…  । फसल का खराब होना भी बदस्तूर जारी है…  और इन सब पर इन्द्र की महात्वाकांक्षा भारी है… ।चैप्टर टू

उपर तो ये जंग जारी है। नीचे विपक्ष की तरंग जारी है।  सारा विपक्ष एक मत है कि किसी भी तरह मोदी को हराना है मोदी को हटाना है। इस मोदी हटाने के चक्कर में दो हजार के नोट हट गये। पहले से पीड़ित परेशान विपक्ष पर मानो कुठाराघात हुआ हो।

इसमें संदेह नहीं कि मोदीभक्त पहले ही अपने दो नंबर के दो हजार के गुलाबी पन्नों को ठिकाने लगा चुके हांेगे, पर ये सामने वालों को तो बन्टधार हो गया न। सब अपने-अपने स्वार्थों को नीचे ढकेल कर अपने गम से  लड़ने के लिये एक हो रहे हैं। एक-दूसरे को झेलने को तैयार हैं। सबसे पहले ममता का उदाहरण ही ले लीेजिये।

जो न सिर्फ कांग्रेस के गले में हाथ डालने को तैयार है बल्कि केजरीवाल की वाल पर प्रशंसा के नगमें लिखने को तैयार हो गयी है। ढुलमुल चाल चलते दीदी को अरसा हो गया। कभी अमित शाह के गुणगान तो कभी उनको कोसते व्याख्यान… । अब चुनाव सामने है। इस एक साल में कुछ ठीकठाक समीकरण बैठ गया तो ठीक वरना मोदी के सामने ताल ठोकना ही अपने अस्तित्व को बचाने का एकमात्र. उपाय बच रहेगा। तभी दीदी बोली बंगला (भाषा) में ‘क्या खराबी है 45 करोड़ के बंगला (आलीशान मकान) में’….

जवाहर नागदेव, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, चिन्तक, विश्लेषक
mo. 9522170700

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button