नितिन गडकरी ने राष्ट्रीय राजमार्ग विकास इकोसिस्टम के लिए सभी हितधारकों के बीच प्रधानमंत्री गति शक्ति मास्टर प्लान के तहत समन्वय, सहयोग और संचार पर जोर दिया
New Delhi (IMNB). केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री गति शक्ति मास्टर प्लान के तहत सभी हितधारकों के बीच समन्वय, सहयोग और संचार राष्ट्रीय राजमार्ग विकास इकोसिस्टम के लिए आवश्यक है। उन्होंने आज नयी दिल्ली में अनुबंधों के लिए ई-बीजी और बीमा ज़मानत बांड के कार्यान्वयन पर एनएचएआई की कार्यशाला को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि निर्णय लेना समयबद्ध, पारदर्शी और परिणामोन्मुखी होना चाहिए।
कार्यशाला में एनईएसएल, बैंकों और बीमा कंपनियों की ओर से आयोजित विभिन्न प्रस्तुतियों को देखा गया। सत्रों में ई-बीजी कार्यप्रवाह, ज़मानत बांड के विनियामक ढांचे और विक्रेताओं तथा लाभार्थियों के लिए विभिन्न संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया गया।
एनएचएआई ने ई-बीजी के रूप में बिड सिक्योरिटी और परफॉर्मेंस सिक्योरिटी को स्वीकार करना शुरू कर दिया है। हालांकि, वर्तमान में 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में केवल 13 बैंक ई-बीजी जारी करने की सुविधा प्रदान करते हैं। इसके बावजूद, अब तक एनएचएआई अनुबंधों से संबंधित लगभग 202 ई-बीजी एनईएसएल प्लेटफॉर्म के माध्यम से विभिन्न राज्यों में विभिन्न बैंकों द्वारा जारी किए गए हैं।
एनएचएआई बिड सिक्योरिटी और/या परफॉर्मेंस सिक्योरिटी डिपॉजिट जमा करने के एक अतिरिक्त तरीके के रूप में इंश्योरेंस जमानती बॉन्ड के उपयोग का विश्लेषण करने के लिए बीमा कंपनियों के साथ भी संपर्क में है। बीमा ज़मानती बांड जारी होने पर लागत प्रभावी होगी और एनएचएआई परियोजनाओं के लिए पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करेगा।
एक बैंक गारंटी (बीजी) एक कानूनी अनुबंध के रूप में उपयोग किया जाने वाला एक वित्तीय साधन है, जिसमें एक बैंक एक गारंटर के रूप में कार्य करता है। यदि मूल अनुबंध से देनदार भुगतान नहीं करता है तो वह लाभार्थी को गारंटी में निर्दिष्ट एक निश्चित राशि का भुगतान करने का दायित्व लेता है। इसी तरह, बीमा ज़मानत बांड ऐसे साधन हैं, जहां बीमा कंपनियां ‘ज़मानत’ के रूप में कार्य करती हैं और वित्तीय गारंटी प्रदान करती हैं कि ठेकेदार सहमत शर्तों के अनुसार अपने दायित्व को पूरा करेगा। वित्त मंत्रालय, भारत सरकार ने सभी सरकारी खरीद के लिए ई-बीजी और बीमा ज़मानत बांड को सममूल्य पर बनाया है।
जैसा कि भारत पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा रखता है, ई-बीजी और बीमा ज़मानती बांड जैसे साधन तरलता और क्षमता की उपलब्धता को बढ़ावा देंगे। ये राष्ट्रीय राजमार्ग बुनियादी ढांचे के विकास को मजबूत करने और हमारे देश के आर्थिक विकास में सहायता करने में मदद करेगा।
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